Yoga Tips: जैसा हम सभी जानते हैं कि शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए नियमित रूप से आंतरिक और बाहरी सफाई की आवश्यकता होती है। हम सभी बाहरी सफाई पर तो ध्यान दे लेते हैं, लेकिन आंतरिक सफाई को अक्सर ही नजरअंदाज कर दिया जाता है। जिस कारण अंगों एवं रक्त में विषाक्ता बढ़ जाती है। रक्त में मौजूद विषाक्त पदार्थों का नकारात्मक असर धीरे-धीरे शरीर के विभिन्न अंगों पर होने लगता है। इसी समस्या से बचने के लिए विशेषज्ञ लोगों को शरीर को Yoga के माध्यम से डिटॉक्स करते रहने की सलाह देते हैं। इसके लिए दिनचर्या में कुछ आवश्यक बदलाव के साथ बेहतर आहार और नियमित योगासनों से लाभ पाया जा सकता है।
क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ ?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि, दिनचर्या में नियमित रूप से योगासनों को शामिल करने की आदत शरीर के लिए कई प्रकार से लाभकारी साबित हो सकती है। इन योगासनों की मदद से रक्त शुध्दिकरण में भी लाभ पाया जा सकता है। विशेषज्ञों ने पाया कि, योग मुद्राएं और व्यायाम केवल शारीरिक स्थिरता और लचीलापन को ही नहीं बढ़ाते। बल्कि यह मांसपेशियों, ऊतकों, नसों और अंगो पर भी प्रभाव डालते हैं। जिससे आपकी आंतरिक शक्ति और क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलती है।
तो आइए जानते हैं कि, अपनी दिनचर्या में नियमित रूप से इन योगासनों को सामिल करके रक्त को शुध्द किया जा सकता है…
गरूणासन योग (Eagle Pose) :
शोधकर्ताओं ने रक्त विकारों में गरूणासन योग को सबसे ज्यादा लाभकारी पाया है। योग विशेषज्ञों का कहना है कि, परिसंचरण के साथ शुद्धिकरण को बढ़ावा देने में यह योगाभ्यास सबसे ज्यादा प्रभावी है। यह लसीका प्रणाली से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इसके साथ ही यह मुद्रा मांसप्रशियों की बेहतर स्ट्रचिंग में मददगार है। जांघों, कूल्हों, कंधे और पीठ के ऊपरी हिस्से की मांसपेशियों को आराम देने में भी इस अभ्यास से लाभ मिलता है।
सर्वांगासन योग (Shoulder stand) :
सर्वांगासन योग, संपूर्ण शरीर के लिए बेहद लाभकारी योगाभ्यासों में से एक है। शरीर में रक्त के बेहतर संचरण को बढ़ावा देने के साथ रक्त की विषाक्ता के जोखिम को कम करने में यह योगाभ्यास कारगर साबित हो सकता है। इस योग के नियमित अभ्यास की आदत बनाने से हृदय को डिटॉक्सिफाई करने और ऑक्सीजन युक्त एवं साफ रक्त के संचार को बढ़ावा देने में लाभ पाया जा सकता है।
नाड़ी शोधक प्राणायाम (Alternate nostril breathing) :
अध्ययनकर्ताओं ने नाड़ी शोधक प्राणायाम को पूरे शरीर के लिए कई प्रकार से लाभकारी बताया है। यह आपके रक्त को शुध्द करता है, दिमाग को शांत करने और मानसिक तनाव को कम करने में भी इस योगाभ्यास से लाभ पाया जा सकता है। इस प्राणायाम के नियमित अभ्यास की आदत बनाना मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का सबसे कारगर तरीका है।
नोट – यह लेख योग विशेषज्ञों के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। आसनों की सही स्थिति के बारे में जानने के लिए आप किसी योगगुरू से सलाह ले सकते हैं।
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