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Vande Bharat Express: PM मोदी ने तीसरी वंदे भारत ट्रेन को दिखाई रही झंडी, जानें इसकी खासियत और सुविधाओं के बारे में

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Vande Bharat

Vande Bharat Express:  प्रधानमंत्री मोदी ने आज स्‍वादेशी रूप से निर्मित तीसरी हाई-स्पीड ‘Vande Bharat Express’ ट्रेन को गांधीनगर स्‍टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। जो गुजरात के अहमदाबाद से सेंट्रल मुंबई के बीच हफ्ते में 6 दिन तक दौड़ेगी। इस दौरान राज्‍य के मुख्‍यमंत्री भूपेन्‍द्र पटेल, रेल्‍वे मंत्री अश्विनी वैष्‍णव औश्र रेल्‍वे राज्‍यमंत्री दर्शना जरदोष भी उपस्थित रहे।  इस वंदे भारत ट्रेन में पहली बार ‘KAVACH’ (Train Collision Avoidance System) तकनीकि को लॉन्‍च किया जा रहा है। इस तकनीकि की मदद से दो ट्रेनों की आमने -सामने से होने वाली टक्‍कर जैसी दुर्घनाओं को रोका जा सकता है। यह ट्रेन अन्‍य स्‍वदेशी हाई-स्‍पीड वंदे भारत ट्रेनों का नया एवं अपग्रेटेड वर्जन है जिसे मेक इन इंडिया अभियान के द्वारा बनाया गया है।

‘कवच’ तकनीक से लैस है  Vande Bharat ट्रेन 

देश की तीसरी हाई-स्‍पीड वंदे भारत ट्रेन में पहली बार ‘कवच’ तकनीकि को लॉच किया गया है ताकि दो ट्रेनों की आमने-सामने से होने वाली टक्‍कर जैसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके। इस तकनीक को देश में ही  विकसित किया गया है जिससे इसकी लागत काफी कम है। तीसरी वंदे भारत ट्रेन अन्‍य दो वंदे भारत ट्रेनों से अलग होगी क्‍योंकि इसमें यात्री सुविधाओं को देखते हुए कई तरह के परिवर्तन किए गए हैं। साथ ही इस ट्रेन में कोविड को लेकर भी खास इंतजाम किए गए हैं। इस ट्रेन में कुल 1,128 यात्रियों के बैठने की क्षमता है।

भारत की 75वीं वर्षगांठ में चलेंगी 75 वंदे भारत ट्रेनें 

15 अगस्‍त 2021 को लाल किले की प्राचीर से प्रधान मंत्री मोदी ने राष्‍ट्र संबोधन में घोषणा की थी कि स्‍वतंत्रता के अमृत महोत्‍सव के 75 सप्‍ताह के दौरान 75 वंदे भारत ट्रेनें देश के हर कोने को जोडेंगी।आपको बता दें कि देश की पहली ‘वेदे भारत एक्‍सप्रेस’ ट्रेन फरवरी 2019 को नई दिल्‍ली- वाराणसी के बीच चली थी। दूसरी ट्रेन नई‍ दिल्‍ली-श्री वैष्‍णों देती माता, कटरा रूट पर चलाई गई थी।  सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को मजबूत करने की दिशा में महत्‍वपूर्ण प्रयास किए हैं। देश में वंदे भारत एक्‍सप्रेस की सफलता भी उन्‍हीं में से एक है।  केन्‍द्र सरकार द्वारा 2022 के बजट  में 2,000 किमी. तक के रेल नेटवर्क को ‘कवच’ के तहत लाने की योजना के बारे में एलान किया गया था।

क्‍या है खास इस ट्रेन में ?

स्‍वदेशी सेमी-हाई-स्‍पीड के नाम से प्रसिध्‍द यह ट्रेन 160 किमी./घंटा की अधिकतम गति से दौड़ सकती है। यह मात्र 52 सेकेण्‍ड में ही 0 से 100 किमी. की गति प्राप्‍त कर लेती है। इसमें GPS आधारित ऑडियो विजुअल यात्री सूचना प्रणाली है। साथ ही मनोरंजन के लिए ऑनबोर्ड Hotspot, Wi-Fi इत्‍यादि सुविधाएं भी उपलब्‍ध हैं। इसमें स्‍लाइडिंग फुटस्टेप्स के साथ-साथ टच फ्री स्लाइडिंग डोर के साथ स्वचालित प्लग दरवाजे भी हैं।

AC की मॉनिटरिंग के लिए कोच कंट्रोल मैनेजमेंट सिस्टम, कंट्रोल सेंटर व मेन्‍टेनेन्‍स स्‍टाफ के साथ कम्‍युनिकेशन एवं फीडबैक के लिए GSM/GPRS जैसी आधुनिक तकनीकि सुविधाओं से लैस है।  दृ़ष्‍टि बाधितों की सुविधा के लिए सीटों में ब्रेल लिपि से सीट संख्‍या उकेरी गई है। दिव्‍यांग यात्रियों के लिए विशेष शौचा‍लय, और सामान्‍य यात्रियों के लिए टच-फ्री एमिनिटीस वाले बायो वैक्‍यूम टॉयलेट्स की व्‍यवस्‍था भी उपलयब्‍ध है।

कम लागत में ही तैयार हो जाती हैं यह ट्रेनें

भारत में वंदे भारत एक्‍सप्रेस ने एक नए युग की शुरूआत की है। मात्र 100 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाली यह ट्रेन सामान्‍य सुविधा वाली आयातित ट्रेन से लगभग आधी लागत में ही बनकर तैयार हो जाती है। सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ के दृष्टिकोण को ध्‍यान में रखते हुए, ट्रेन की प्रमुख प्रणालियों को भारत में डिजाइन और निर्मित किया गया है।

इस नई वंदे भारत ट्रेनों में हवा से आने वाले कीटाणु, वायरस एवं बैक्‍टीरियाज को दूर रखने के लिए कैटेलिटिक अल्‍ट्रावॉयलेट एयर प्‍यूरीफिकेशन सिस्‍टम लगाया गया है। यह सिस्‍टम नए डिजाइन में वायु शुध्दिकरण के लिए रूफ माउंटेड पैकेज यूनिट के तौर पर मिलेगा। ताकि ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को स्‍वच्‍छ वातावरण का माहौल मिल सके।

 

 

 

Kusum
I am a Hindi content writer.

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