UNSC Update: सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने रूके हुए सुरक्षा परिषद सुधारों पर चर्चा करते हुए बताया कि, ‘सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यों को जोड़ने के लिए अब गंभीरता से काम किया जा रहा है’। हालांकि, वीटो शक्ति के अधिकार का मुद्दा अभी भी बड़ा सवाल बना हुआ है। उन्होंने बताया कि परिषद के 5 स्थाई सदस्यों में से 4 सदस्य परिषद में सुधार के पक्ष में थे। महासचिव बोले- मुझे लगता है कि सुरक्षा परिषद में विस्तार की संभावना अब गंभीरता से विचाराधीन है। उन्होंने बताया कि अमेरिका और रूस ने सुरक्षा परिषद में विस्तार के पक्ष में स्पष्ट संकेत दिए है। वहीं फ्रांस और यूके ने भी इनका समर्थन किया है।
क्या बोले UNSC महासचिव ?
न्यूयार्क में वार्षिक सम्मेलन के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद महासचिव गुटेरेस ने सुरक्षा परिषद के सुधारों पर सकारात्मकता का भाव व्यक्त करते हुए कहा कि, ‘सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यों की संख्या बढ़ाने के विषय को गंभीरता से लिया जा रहा है’। परन्तु बड़ा सवाल सुरक्षा परिषद (SC) के विस्तार और वीटो के अधिकार से संबंधित है’। यह सदस्य देशों का मामला है, इन वार्ताओं में सचिवालय कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि मैं वीटों के अधिकार पर गंभीरता से सवाल उठाए जाने की संभावना को लेकर निराशावादी हूं। परन्तु यहां भी महासभा द्वारा कुछ जवाबदेही पेश की गई।
कौन-कौन है विस्तार के पक्ष में ?
संवाददाताओं को संबोधित करते हुए महासचिव ने बताया की, ”सितंबर माह के महासभा सत्र के दौरान पहली बार मैंने रूस और अमेरिका से स्पष्ट संकेत सुना कि वे दोनों वर्षों से रूके हुए सुरक्षा परिषद में सदस्यों की संख्या बढ़ाने के पक्ष में हैं”। वहीं फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम से भी कुछ समय पहले समर्थन के संकेत मिले थे। हालांकि, उनकी तरफ से वीटो के अधिकार पर कुछ प्रतिबंधों के साथ प्रस्ताव भी भेजा गया है।
China continues its silence on India's bid for permanent seat at UNSC during a meet on reformed multilateralism under Indian Presidency.
PS: China remains the only P5 member of UNSC that has never supported India's bid at expanded Security Council. pic.twitter.com/u1Hv08OK5R
— Sidhant Sibal (@sidhant) December 14, 2022
कौन कर रहा विरोध ?
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि, UNSC की संरचना में सुधार हेतु महासभा के 2/3 मतों के अलावा सुरक्षा परिषद के पांचों स्थाई सदस्यों- अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन के सकारात्मक मतों की आवश्यकता होती है। लेकिन चीन इस व्यवस्था का विरोध कर रहा है। आपको बता दें कि, पिछले सप्ताह ही गुटेरेस ने ट्वीट किया था कि संयुक्त राष्ट्र के अधिकांश सदस्य देश अब स्वीकार करते हैं कि आज की भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को प्रदर्शित करने के लिए सुरक्षा परिषद में सुधार किया जाना चाहिए।
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