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UNGA : जयशंकर ने UNGA में दुनिया को दिखाया आइना, जानें क्‍यों हो रही भारत की चर्चाएं…

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India in UNGA: भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने UNGA के 77वें सत्र को संबोधित करते हुए,अपने बयानों से दुनिया को आइना दिखा दिया है। जिससे चारों ओर उनकी चर्चाएं हो रहीं हैं।

उन्‍होंने जिस तरह से आतंकवाद,  चीन-पाकिस्‍तान से लेकर अमेरिका, संयुक्‍त राष्‍ट्र सुधारों पर दुनिया को घेरा है, उससे कई देशों की बोलती बंद हो गई। अब कई विकसित और विकासशील देश संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारत के रूख, उसकी आर्थिक और विदेश नीति की तारीफ करने से नहीं थक रहे हैं। यहां तक कि UN प्रमुख एंटोनियो गुटेरस ने भी भारत की महत्‍वपूर्ण भूमिका को स्‍वीकार किया है।

कौन-कौन से मुद्दों पर UNGA में बोले जयशंकर ?

चीन-पाक पर क्‍या बोले?

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने चीन-पाकिस्‍तान पर निशाना साधते हुए बोले, जो लोग सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों का राजनीतिकरण कर आतंकवादियों को बचा रहे है। वो अपने आप को जोखिम में डाल रहे हैं। ऐसा करने से न तो वे अपने हित को आगे बढ़ा रहें हैं, न अपनी छवि बेहतर कर रहे हैं। उन्‍होंने संयुक्‍त राष्‍ट्र (UN) से आतंकवाद के प्रायोजक तथा उन्‍हें बचाने वालों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही की मांग की है। हाल ही में चीन ने 26/11 हमले में शामिल आतंकी पर अमेरिकी प्रस्‍ताव को पिछले दिनों रोक दिया था।

अमेरिका को भी लगााई फटकार

जयशंकर ने F-16 लड़ाकू विमानों के लिए अमेरिका द्वारा पाकिस्‍तान को 45 करोड़ डॉलर के पैकेज की मंजरी के फैसले पर भी सवाल उठाया है। उन्‍होने कहा, अमेरिका-पाक संबंधों को लेकर दोनों देशों में से किसी को भी कोई लाभ नहीं हुआ है। अमेरिका ने पाक को दिए गए पैकेज के तर्क में कहा था कि, आतंक से मुकाबले के लिए F-16 के रख-रखाव के वास्‍ते पैकेज को मंजूरी दी गई है। जयशंकर ने अमेरिका के तर्क का जिक्र करते हुए कहा कि, सभी जानते है कि F-16 कहां और किसके खिलाफ इस्‍तेमाल किया जाता है। उन्‍होंने कहा, आप इस प्रकार की बातें कहकर किसी को मूर्ख नहीं बना सकते।

रूस-यूक्रेन संकट पर क्‍या बोले ?

जयशंकर रूस-यूक्रेन मामले में पूंछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, आज दुनिया का स्‍वरूप ऐसा हो गया है कि बड़े संघर्षों का पूरी दुनिया पर गहरा प्रभाव पड़ता है। आज पूरी दुनिया खाद्यान्‍न तथा ईंधन संकट का सामना कर रहीं है। इस जंग के बहुत से दुष्‍परिणाम एवं कई पहलू हैं जिनमें से कुछ को पहले हल  किया जा सकता था।

UNGA मंच से जलवायु परिवर्तन मुद्दे पर

एस जयशंकर ने जलवायु परिवर्तन पर अपना दृष्टिकोंण स्‍पष्‍ट करते हुए कहा, जलवायु को लेकर कार्यवाई और जलवायु संबंधी न्‍याय विशेष रूप से उल्‍लेखनीय हैं। भारत ने अंतर्राष्‍ट्रीय सौर गठबंधन के माध्‍यम से, एक सूरज एक दुनिया एक ग्रिड पहल एवं आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढ़ांचे के टकराव पर अपने सहयोगियों के साथ काम किया है। उन्‍होंने कहा कि, हम अपने पर्यावरण की रक्षा एवं वैश्विक कल्‍याण के लिए किसी भी सामूहिक तथा न्‍यायसंगत प्रयास का समर्थन करने के लिए तैयार हैं। पर्यावरण के लिए जीवन शैली, जैसा कि COP26 के मौके पर ग्‍लासगो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा  घोषित किया गया था। यह प्रकृति के प्रति हमारी श्रद्धा है।

आतंकवाद पर UNGA में दी तीखी प्रतिक्रिया

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने UNGA बैठक में अपने संबोधन में कहा, भारत सीमा पार आतंकवाद से पीडि़त रहा है। हम आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्‍त करने वाले नहीं हैं। उन्‍होंने संयुक्‍त राष्‍ट्र से आतंकवाद प्रायोजक और उन्‍हें पनाह देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई की मांग भी की है। उन्‍होंने कहा, भारत बड़ी जिम्‍मेदारी निभाने के लिए तैयार है। उन्‍होंने कहा कि, संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों पर चर्चा को प्रक्रियात्‍मक रणनीति से अवरूद्ध नहीं किया जाना चाहिए एवं  ऐसा करने वाले इस प्रक्रिया को हमेशा के लिए बंधक नहीं बना सकते हैं।

अमेरिकी मीडिया को लगाई फटकार

डॉ. एस जयशंकर ने भारत के संबंध में पूर्वाग्रही खबरों पर ‘द वाशिंगटन पोस्‍ट’ सहित कई अमेरिकी मीडिया घरानों की खबर ली है। उन्‍होंने कहा, मीडिया में आने वाली खबरें मैं देखता हूं। कुछ अखबार हैं, जिनके बारे में आपको ठीक तरह पता होता है कि वो क्‍या लिखने वाले हैं। और ऐसा ही एक समाचार पत्र यहां पर भी है।

जयशंकर ने भारत विरोधी ताकतों के मजबूत होने से जुड़े एक सवाल के जवाब में बोले, मैं जानता हूं कि कुछ लोग पूर्वागही हैं। उन्‍होंने कहा कि ऐसे समूह भारत में कभी नहीं जीत सकते, ये समूह देश के बाहर जीतने की कोशिश करते हैं एवं बाहर से भारत की राय अथवा धारणांए बनाने की कोशिश करते हैं।

भारत की भूमिका पर

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि, सवाल ही पैदा नहीं होता कि UNGA दुनिया की स्थिति को दर्शाता है। जो इस समय विशेष रूप से ध्रुवीकृत है और इस तरह से पता चलता है कि भारत कितना मायने रखता है। आज भारत को व्‍यापक रूप से वैश्विक दक्षिण की आवाज के रूप में माना जाता है। विश्‍व अर्थव्‍यवस्‍था में संकट है, जहां भोजन की लागत, उर्वरक, ईंधन तथा ऋण की स्थिति गहरी चिंताएं हैं। इन मुद्दों पर सुनावाई न होने से मायूसी है। भारत के अलावा किसी अन्‍य देश द्वारा इन मुद्दों को नहीं उठाया जाता।

महासभा में किसी देश के राष्‍ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों अथवा वित्‍त मंत्रियों के लिए किसी दूसरे देश का उल्‍लेख करना सामान्‍य बात नहीं है, लेकिन कई लोगों ने कई अवसरों पर भारत के लिए बात की है। जिससे पुष्टि होती है कि भारत अधिक मायने रखता है।

यह संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा का 77 वां सत्र था। जहां भारत की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी की जगह पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर इस सत्र को संबोधित कर रहे हैं। इस सत्र में जयशंकर ने प्रत्‍येक आंतकवाद को शह देने वाले जिम्‍मेदार देश को  तीखी प्रतिक्रिया दी है। इस सत्र में दिए गए संबोधन में महत्‍वपूर्ण मुद्दों पर सही एवं सटीक विजन रखने से इनकी चर्चाएं एवं भारत की तारीफ हो रही है।

 

 

 

Kusum
I am a Hindi content writer.

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