UK Political Crisis: एक बार फिर UK Political Crisis के दौर से गुजर रहा है। यहां हाल ही में नव निर्वाचित प्रधानमंत्री ‘लिज ट्रस’ खुद के ही सांसदों का विश्वास मत जीतने में असमर्थ रहीं हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी के 100 से ज्यादा सांसद जल्द ही ट्रस के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को समिति के प्रमुख ग्राहम ब्रैटी को सौंपेंगे की तैयारी में हैं। यदि ऐसा होता है तो एक ही महीने के भीतर ट्रस को अपनी कुर्सी छोंड़नी पड़ेगी। इस अविश्वास पत्र के द्वारा यह बताने की कोशिश की जाएगी की अब आपका समय समाप्त हो गया है, अथवा उनसे अपने समर्थन में विश्वास प्रस्ताव लाने को कहा जाएगा।
क्यों हो रहा है ट्रस का विरोध
लिज ट्रस के खिलाफ लाए जा अविश्वास प्रस्ताव का कोई एक कारण नहीं बल्कि इसके कई कारण जिम्मेदार हैं। दरअसल, ट्रस ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान ब्रिटेन में टैक्सों में कटौती कर मंहगाई की मार झेल रहे लोगों को राहत देने का वादा किया था। इस दौरान तो उनकी काफी प्रशंसा की गई थी। परन्तु अब उनका यह वादा उन्हीं पर भारी पड़ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने भी उनके इस वादे का मजाक उड़ाया है।
ट्रस ने सितंबर में ही संभाला था पीएम का पद
लिज ट्रस ने सितंबर माह में ही ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का पद संभाला था। उन्होंने जितनी गर्मजोशी से पीएम का ग्रहण किया था, उससे कहीं ज्यादा तेजी से उनको इस पद से हटाया जा सकता है। डेली मेल के सूत्रों के मुताबिक, माना जा रहा है कि खुद कंजर्वेटिव पार्टी के 100 से अधिक सांसदों द्वारा उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जा सकता है।
ट्रस को मिलेगा एक और मौका: ग्राहम
समिति के प्रमुख ग्राहम ब्रैटी चाहतें है कि ट्रस को एक और मौका दिया जाना चाहिए। इसीलिए ग्राहम सांसदों के इस रूख का कड़ा विरोध कर रहे हैं। ग्राहम का कहना है कि नव नियुक्त चांसलर जेरेमी हंट के साथ ट्रस को बजट में आर्थिक रणनीति तय करने का मौका दिया जाना चाहिए।
और घिरती जा रहीं हैं ट्रस
ब्रिटेन प्रधानमंत्री ट्रस की वापस ली जा चुकी टैक्स कटौती की नीति उनकी पीएम वाली छवि के लिए बेहद हानिकारक साबित हुई है। उनकी इस नीति के कारण पिछले हफ्ते उनकी लोकप्रियता में 10 प्रतिशत कम हो गई है। वर्तमान स्थिति यह है कि 63 प्रतिशत से अधिक लोग ट्रस के विरोध में है। जबकि केवल 16 प्रतिशत लोग ही उनके समर्थन में हैं। कंजरवेटिव पार्टी के लिए सबसे चिंताजनक बात यह है कि ब्रग्जिट समर्थक तबकों में तेजी से कमी आई है। ब्रिग्जिट समर्थक तबके वो हैं जिन्होंने 2019 के आम चुनावों में कंजरवेटिव पार्टी को अपने भारी बहुमत प्रदान किए थे।
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