UGC: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय और IIT दिल्ली की तर्ज पर अब देश के किसी भी विश्वविद्यालय और कॉलेज के छात्र किसी भी अन्य शिक्षण संस्थान में जाकर पढ़ाई, पुस्तकालय, प्रयोगयशाला और शोध से लेकर खेल मैदान का प्रयोग कर सकेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (New Education Policy) 2020 के तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने किसी भी कॉलेज, विश्वविद्यालय अथवा उच्च शिक्षण संस्थान को दूसरे संस्थाओं के साथ संसाधन साझा करने की योजना तैयारी की है। इन सभी सुविधाओं का प्रयोग स्नातक, स्नातकोत्तर और PHD के छात्र सुबह 8 बजे से लेकर शाम 8 बजे तक कर सकेंगे।
UGC चेयरमैन ने कहा ?
राष्ट्रीय अनुदान आयोग के चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने बताया कि कोई भी कॉलेज, विश्वविद्यालय अथवा उच्च शिक्षण संस्थान आपसी सहमति से अन्य संस्थानों के छात्रों को पढ़ाई, भवन, कंप्यूटर, शोध, विज्ञान एवं प्रयोगशाला, स्टेडियम, शोध, ई-पुस्तकालय, सेमिनार भवन, साहित्यिक चोरी (एंटी-प्लाजिरिज्म सॉफ्टवेयर) जांचने का उपकरण, कक्षा भवन समेत अन्य संसाधन का प्रयोग करने की अनुमति दे सकता है। छात्र वहां की प्रयोगशालाओं में जाकर सोध कर सकेंगे। इसके अलावा ई-लर्निग प्लेटफॉर्म से लर्निंग मटेरियल, कंप्यूटर प्रयोगशाला, उपकरण समेत सभी संसाधना एवं व्यवस्थाओं का उपयोग कर सकेंगे।
छात्रों और यूनिवर्सिटीज को होगा फायदा :
इसके लिए राष्ट्रीय अनुदान आयोग (UGC) ने राज्यों और विश्वविद्यालयों को केंद्रीय विश्वविद्यालय एवं उच्च शिक्षण संस्थानों के संसाधनों का अधिकाधिक प्रयोग किए जाने को लेकर विशेष गाइडलाइन जारी की है। उच्च शिक्षण संस्थानों में संसाधनों एवं उनकी व्यवस्थाओं के रखरखाव का सारा पैसा UGC की ओर से दिया जाता है। अब एक शहर के 2 से अधिक संस्थान अगर मिलकर अपने संसाधनों का प्रयोग करते हैं तो छात्रों के साथ ही संस्थानों को भी फायदा पहुंचेगा। प्रोफेसर जगदीश कुमार ने बताया कि, एक शिक्षण संस्थान मेजबान (गेस्ट) बनकर दूसरे संस्थान के साथ अपने संसाधन साझा कर सकता है। इस तरह मेजमान संस्थान के छात्रों को दूसरी यूनिवर्सिटी के पुस्तकालय में पढ़ने का मौका मिलेगा।
कैसे होगा पंजीकरण ?
इसके लिए सबसे पहले किसी कॉलेज अथवा विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे छात्रों को अपने संस्थान से एक अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेकर मेहबान (गेस्ट) संस्थान में पंजीकरण के समय जमा करना होगा। विशिष्ट पाठ्यक्रम के लिए छात्रों का पंजीकरण केवल उसी सेमेस्टर के लिए मान्य होगा। दात्र को प्रमाण-पत्र तभी मिललेगा जब वो अगले सेमेंटर के लिए प्रमोट किया जाएगा। यदि कोई छात्र फेल हो जाता है तो उसे सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए दोबारा पंजीकरण करवाना होगा। एक छात्र एक सेमेस्टर के में अधिकतम 2 पाठ्यक्रमों या 8 क्रेडिट के लिए ही पंजीकरण करा सकेगा। नियमित विद्यार्थियों की तरह ही कक्षा में आकर शिक्षण प्राप्त करना होगा। यही नहीं मूल्यांकन का तरीका भी नियमित विद्यार्थियों के समान ही होगा।
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