Supreme Court: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्या के मामले में Supreme Court ने बड़ा फैसला सुनाते हुए, आजीवन कारावास की सजा काट रहे 6 दोषियों को रिहा करने का आदेश जारी किया है।सर्वोच्च न्यायालय ने हत्याकांड में शामिल नलिनी श्रीहरन एवं R.P रविचंद्रन समेत 6 दोषियों को रिहाई का आदेश दिया है। दरअसल, नलिनी श्रीहरन एवं रविचंद्रन ने समय से पहले रिहाई की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था। न्यायामूर्ति बीआर गवई और न्यायामूर्ति बीवी नागरत्ना ने कहा, दोषी पेरानीवलन की रिहाई का आदेश इस मामले में अन्य दोषियों पर भी लागू होता है। बता दें कि SC ने 18 मई को पेरारिवलन की रिहाई का आदेश दिया था, जिन्होंने 30 साल सेभी ज्यादा सजा काटी थी।
राज्यपाल से की थी दया याचिका की सिफारिश
इस मामले में पहले हुई सुनवाई के दौरान 2 अलग-अलग हलफनामों में राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया था। कि 9 नवंबर 2018 को हुई कैबिनेट की बैठक में उसने मामले में 7 दोषियों की दया याचिका पर विचार किया था। और राज्यपाल से अपनी शक्तियों का उपयोग करके उनकी आजीवन कारावास की सजा में छूट के लिए सिफारिश की थी।
हलफनामें में कहा गया था कि श्रीहरन, रविचंद्रन, संथन, मुरूगन, रॉबर्ट पायस, जयकुमार और एजी पेरारिवलन को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है और उन्होंने 23 साल से अधिक समय जेल में बिताया है। राज्य सरकार ने कहा कि वह अनुच्छेद 161 के तहत श्रीहरन और रविचंद्रन द्वारा दायर याचिका पर निर्णय लेने के लिए सक्षम है। 9 सितंबर 2018 को राज्य कैबिनेट का निर्णय अंतिम है और राज्यपाल इसे मान सकते हैं।
तमिलनाडू सरकार ने किया रिहाई का समर्थन
आपको बता दें, राजीव गांधी हत्याकांड के 7 दोषियों ने समय से पहले रिहाई की मांग की थी। इसके बाद तमिलनाडू सरकार ने राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों नलिनी श्रीहरन एवं रविचंद्रन की समय से पहले रिहाई का समर्थन किया था। वहीं कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में अब तक राज्यपाल की ओर से कोई फैसला नहीं लिया गया है, ऐसे में हम अपना आदेश सुना रहे हैं। SC के इस आदेश के बाद अब श्रीहरन, रविचंद्रन मुरूगन, रॉबर्ट पायस, संथन और जयकुमार को रिहा कर दिया जाएगा।
SC का फैसला अस्वीकार्य : कांग्रेस
राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की रिहाई पर कांग्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, यह निर्णय पूरी तरह से अस्वीकार्य और गलत है। कांग्रेस सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले की आलोचना करती है। महासचिव जयराम रमेश ने कहा – ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शीर्ष न्यायालय ने भारत की भावना के अनुरूप काम नहीं किया’।
शीर्ष अदालत ने कहा कि तमिलनाडू कैबिनेट भी 9 सितंबर 2018 को दोषियों की रिहाई की सिफारिशश् कर चुकी है। गौरतलब है कि 21 मई 1991 में तमिलनाडू की एक चुनावी रैली में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर आत्मघाती हमला किया गया था। इस हमले से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मौके पर ही मौत हो गई थी। हमले की जांच के बाद 7 लोगों को दोषी पाया गया था। इन्हीं दोषियों में से एक दोषी पैरारिवलन था जिसको मौत की सजा सुनाई गई थी। लेकिन मई महीने में उसे भी Supreme Court ने रिहाई के आदेश दिए थे।
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