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Sri Lanka: साल गुजरने के साथ ही सचमुच संकटों के साये से उबरा श्रीलंका..?

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Sri Lanka

Sri Lanka: भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में साल गुजरने के साथ ही उसके ऊपर छाए संकटों के बादल भी छंट चुके हैं। Sri Lanka के राष्‍ट्रपति रनिल विक्रमसिंघे ने घोषणा की है कि, देश की आजादी की 75वीं सालगिरह से ठीक पहले श्रीलंका अपने सबसे बुरे समय से उबर गया है। उन्‍होंने कहा कि, ”सबसे बुरे वक्‍त से गुजरने के बाद अब हम नववर्ष 2023 की तरफ देख रहे हैं। पिछले वर्ष हमने हर तरह की कठिनाइयां, अनिश्चितताएं और निराशाओं को झेला। मुझे यकीन है कि उस दौर से हम निकल चुके हैं”। दरअसल, अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कुछ शर्तों के साथ, श्रीलंका को 4 साल की अवधि में 2.9 बिलियन डॉलर का कर्ज देने पर सहमत हुआ है।

IMF ने दिया 2.9 बिलियन डॉलर का कर्ज :

आपको बता दें कि, अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने श्रीलंका को 4 साल की अवधि में 2.9 बिलियन डॉलर का ऋण देने का वादा किया है। हालांकि IMF ने कहा है कि, यह रकम पाने के लिए श्रीलंका को कई शर्तों का पालन करना होगा। फिलहाल, वे शर्तें पूरी ना होने के कारण अभी तक श्रीलंका को आईएमएफ से कोई रकम नहीं मिली है। जबकि नए कर्ज का समझौता 4 महीने पहले ही हो गया था।इन्‍हीं शर्तों को केंद्र में रखते हुए रनिल विक्रमसिंघे सरकार ने अपने देश की व्‍यवस्‍था में कई तरह के बदलाव भी किए हैं।  मिली जानकारी के अनुसार, श्रीलंका सरकार फिलहाल खर्च घटाने की कोशिश में लगी हुई है।

क्‍या है IMF की शर्तें ?

सरकारी खर्च में भारी कटौती :

आपको बता दें कि, जिस दिन राष्‍ट्रपति ने यह दावा किया, उसी रोज यह खबर आई की 2022 में रिटायर हुए 30 हजार से अधिक सरकारी कर्मचारियों की रि‍क्‍ती को भरने के लिए नई नियुक्तियां नहीं की गई हैं। श्रीलंका सरकार यह इसलिए भी कर रही है, ताकि IMF को यह दिखा सके कि श्रीलंका सरकारी खर्च घटाने के प्रति गंभीर है। अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्रा कोष ने ने कर्ज की नई किस्‍त देने के लिए जो शर्तें रखी हैं, उनमें सरकारी खर्च में भारी कटौती भी शामिल है।

नहीं होगी नए कर्मचारियों की भर्ती :

वेबसाइट इकॉनमीनेक्‍स्‍ट. कॉम की एक खबर के मुताबिक, श्रीलंका सरकार ने खर्च घटाने की कोशिश में कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु सीमा को 65 से घटाकर 60 साल कर दिया गया है। जिसके चलते पिछले साल सामान्‍य से दोगुने कर्मचारी रिटायर्ड हुए। जो कर्मचारी रिटायर्ड हुए हैं, उनमें से बड़ी संख्‍या रक्षा विभाग के कर्मचारियों की थी। माना जा रहा है कि IMF की शर्तों को पूरा करने के लिए रक्षा क्षेत्र के लगभग 16 हजार कर्मचारियों को रिटायर्ड कराया गया है। रिलायबल सूत्रों से जानकारी मिली है कि, वित्‍तीय संकटों के कारण फिलहाल किसी नए कर्मचारी की भर्ती नहीं की जाएगी।  IMF की शर्तों के हिसाब से भी ऐसा करना जरूरी है।

कई प्रकार के टैक्‍स में बढ़ोत्‍तरी :

अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की शर्तों को पूरा करने के लिए श्रीलंका सरकार ने देश में कई तरह के टैक्‍स/करों में बढ़ोत्‍तरी की है। इनमें जरूरी सार्वजनिक सेवाओं का शुल्‍क भी है। देश में मंहगाई की दर अभी भी लगभग 70 फीसदी से अधिक ही है। वहीं प्रति डॉलर श्रीलंकाई मुद्रा की कीमत भी 370 डॉलर बनी हुई है। विश्‍लेषकों का मानना है कि, इन तमाम स्थितियों के रहते राष्‍ट्रपति विक्रमसिंघे का सबसे बुरा दौर गुजर जाने का एलान करना काफी अजीब है।

आपको बता दें कि, Sri Lanka इस वर्ष फरवरी में ब्रिटिश साम्राज्‍य से स्‍वतंत्र होने के उपलक्ष्‍य में आजादी की 75वीं सालगिरह मनाएगा। परन्‍तु आर्थिक संकट के कारण इस अमृतकाल के अवसर पर देश में कोई खास उत्‍साह नहीं है। विक्रमसिंघे ने अपने संदेश में कहा कि, ”सचमुच 2023 वह वर्ष बनेगा, जब हम अपनी अर्थव्‍यवस्‍था की सूरत बदलने की योजना बनाएंगे।” विश्‍लेषकों के अनुसार, यह योजना क्‍या होगी, अभी तक सरकार ने उसका खाका देश के सामने प्रस्‍तुत नहीं किया है। इस बीच देश की आम जनता मुसीबतों और मायूसी भरी जिंदगी गुजार रहे हैं।

Kusum
I am a Hindi content writer.

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