Republic Day 2023: हमारा देश 26 जनवरी 2023 को अपना ‘74वां गणतंत्र दिवस’ मनाने जा रहा है। भारतीय इतिहास में 26 नवंबर 1949 और 26 जनवरी 1950 के दिन संवैधानिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हैं। 29 नवंबर 1949 के दिन भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ और हमने इसे अपनाया। इस दिन को देश में ‘संविधान दिवस व कानून दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इसके ठीक 2 माह बाद 26 जनवरी 1950 को इसे लागू कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित कर दिया गया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर 26 जनवरी को ही क्यों संविधान लागू किया गया? इसका इतिहास क्या है? तो चलिए आज हम भारतीय संविधान से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य जानते हैं…
भारतीय संविधान के इतिहास की कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- 1947 में : भारत को 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश राज से आजादी मिली, जिससे टूटकर 2 अलग देश भारत और पाकिस्तान बने। लेकिन उनका अपना संविधान नहीं था। इसके बाद 1935 की नियमानुसार ही कई समितियों का गठन कर संविधान निर्माण की दिशा में कार्य किया जाने लगा। डॉ. बीआर अंबेडकर ने संविधान की प्रारूप समिति की अध्यक्षता की और 26 नवंबर 1949 को संविधान बनकर तैयार हुआ। इसी दिन ही संविधान को अपनाया गया।
- 1950 में : संविधान निर्माण में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा। इसके बाद इसमें कुछ संसोधन कर 26 जनवरी 1950 को इसे संपूर्ण देश में लागू कर दिया गया। तब से प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को ‘गणतंत्रता दिवस (Republic Day)‘ के रूप में मनाया जाने लगा। 26 जनवरी 1950 के दिन ही डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में अपना कार्यभार संभाला।
- संविधान निर्माता : डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का निर्माता कहा जाता है। आप भारत के पहले कानून मंत्री रहे थे। भारतीय संविधान की मूल संरचना भारत सरकार अधिनियम, 1935 पर आधारित है। भारत के मूल संविधान में 8 अनुसूचियां, 22 भाग, 395 अनुच्छेद हैं।
- संविधान में महिलाओं की भूमिका : दुनिया के सबसे लंबे संविधान को हाथ से लिखा गया था। इसकी असली प्रतियां हिंदी और इंग्लिश 2 भाषाओं में लिखी गई थीं। 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा के 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे, जिसमें 15 महिलाएं भी शामिल थीं। इसके 2 दिन बाद संविधान को लागू कर दिया गया था।
- विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान : भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा संविधान है, जिसमें 12 अनुसूचियां, 22 भाग और 395 अनुच्छेद हैं। भारतीय संविधान को अब तक 118 बार संशोधित किया जा चुका है। संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को 26 जनवरी 1949 को अपनाया गया था। इसके 2 माह बाद 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था।
- गणतंत्र की पहली परेड : पहली गणतंत्र दिवस परेड 26 जनवरी 1950 में इरविन एम्फीथिएटर (अब मेजर ध्यानचंद स्टेडियम) में आयोजित की गई थी। जिसमें 3,000 भारतीय सैन्य कर्मियों के साथ 100 से अधिक विमानों ने भाग लिया था।
- राजपथ की पहली परेड : दिल्ली स्थित राजपथ पर पहली बार साल 1955 में गणतंत्र परेड आयोजित की गई थी। इस ‘गणतंत्र दिवस’ के अवसर पर पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मुहम्मद मुख्य अतिथि के रूप में भारत आए थे। आपको बता दें कि प्रत्येक वर्ष इस गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में किसी दूसरे देश के दिग्गज राजनेता भारत आकर इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं।
- गणतंत्र दिवस के पहले मुख्य अतिथि : प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस परेड के लिए किसी विशेष राष्ट्र के नेता को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है। साल 1950 में भारत के पहले गणतंत्रता दिवस के अवसर पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णों बतौर प्रथम मुख्य अतिथि समारोह में शामिल हुए थे।
- आपको बता दें कि इस बार ‘Republic Day 2023‘ के मौके पर चीफ गेस्ट के रूप में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सीसी पधार रहे हैं। यह पहली बार होगा जब गल्फ कंट्री में से एक मिस्र के राष्ट्राध्यक्ष इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लेंगे।
- मार्च पास्ट से पहले हथियारों का निरीक्षण : आपको बता दें कि मार्च पास्ट में भाग लेने वाले सेना के प्रत्येक सदस्य को जांच की 4 परतों से गुजरना पड़ता है। यहां तक कि हथियारों का भी बड़े पैमाने पर निरीक्षण किया जाता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे जीवित गोलियां तो नहीं ले जा रहे।
- तिरंगे को 21 तोपों की सलामी : प्रत्येक वर्ष भारत के राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराते, 21 तोपों की सलामी दी जाती है। इसके पश्चात् भारत का गणतंत्र दिवस समारोह का बीटिंग रिट्रीट के दौरान ‘अबाइड बाई मी‘ गाकर इसका सम्मान किया जाता है। देश के राष्ट्रपति ‘गणतंत्र दिवस’ पर संबोधित करते हैं, जबकि देश के प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर संबोधित करते हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और PM मोदी ने मिस्त्र के राष्ट्रपति अल सीसी का राष्ट्रपति भवन में स्वागत किया
◆ वे गणतंत्र दिवस में मुख्य अतिथि के रूप में भारत आए हैं
Republic Day pic.twitter.com/Iv1YYTWQZD
— News24 (@news24tvchannel) January 25, 2023
आपको बता दें कि, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 26 जनवरी, 1930 को पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव लागू किया था। इसलिए इस तिथि को महत्व देने के लिए ही संविधान लागू करने के लिए 26 जनवरी का दिन चुना गया था। 26 नवंबर, 1949 में भारत का संविधान बनकर तैयार हो चुका था। लेकिन 26 जनवरी की महत्ता को देखते हुए इसी दिन साल 1950 में संविधान लागू किया गया और भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया। इसी साल पहली बार आजाद भारत में अपना गणतंत्र दिवस मनाया था।
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