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Parliament Winter Session 2022: शीतकालीन सत्र की शुरूआत आज से, खरगे बोले- सभापति धनगढ़ भूमि पुत्र..

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Parliament Winter Session

Parliament Winter Session 2022: आज से 2022 के Parliament Winter Session की शुरूआत हो चुकी है। लोकसभा और राज्‍यसभा के इस शीतकालीन सत्र में कुल 17 कार्य दिवस होंगे। इस शीतकालीन सीजन हेतु भाजपा के नेतृत्‍व वाली केंद्र सरकार के एजेंडे में 16 नए बिल शामिल हैं। वहीं, उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखढ़ का भी राज्‍यसभा के सभापति के तौर पर पहला दिन है। इस मौके पर सभी लोग सभापति धनखढ़ को शुभकामनाएं देते हुए उनका स्‍वागत कर रहे हैं। इस दौरान राज्‍यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे काफी शायरान अंदाज में नजर आए। उन्‍होंने सभापति धनखढ़ को शेर सुनाते हुए कहा, ”मेरे बारे में कोई राय मत बनाना गालिब, मेरा वक्‍त भी बदलेगा मेरी राय भी बदलेगी”।

क्‍या बोले मल्लिकार्जुन खरगे ?

मल्लिकार्जुन खरगे बोले, राज्‍यसभा के संरक्षक के रूप में धनखड़ की भूमिका बाकी भूमिकाओं से काफी बड़ी है। उन्‍होंने कहा हमारे उपराष्‍ट्रपति ‘भूमि पुत्र‘ हैं, संसदीय परंपराओं को बखूबी जानते समझते हैं। वह जिस आसन पर बैठे हैं, उसपर कई गणमान्‍य बैठ चुके हैं।  इससे पहले वे राजस्‍थान विधानसभा और पश्चिम बंगाल में राज्‍यपाल रहे हैं। पढ़ने-लिखने उनकी रूची है, उनकी रूपरेखा बेहद बड़ी है। इसके बाद खरगे ने शायराना अंदाज में कहा, ” मेरे बारे में राय मत बनाना गालिब, मेरा वक्‍त भी बदलेगा मेरी राय भी बदलेगी”। यह शेर सुनने के बाद उपराष्‍ट्रपति धनखड़ मुस्‍कुराने लगे और उन्‍हें धन्‍यवाद किया।

धनगढ़ की तारीफ में क्‍या बोले मोदी ?

PM मोदी ने इस Parliament Winter Session में राज्‍यसभा के नए उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़ स्‍वागत किया। मोदी ने कहा- ‘ मैं इस सदन के साथ-साथ राष्‍ट्र की ओर से सभापति को बधाई देता हूं। आप संघर्षों के बीच जीवन में आगे बढ़ते हुए इस मुकाम पर पहुंचे हैं, यह देश के कई लोगों के लिए प्रेरणा है’। आप सदन में इस महती पद की शोभा बढ़ा रहे हैं। मोदी ने कहा, ” हमारे उपराष्‍ट्रपति ‘किसान पुत्र’ हैं, उनकी शिक्षा-दीक्षा सैनिक स्‍कूल में हुई है। इस प्रकार उनके जीवन में जवानों और किसानों का विशेष महत्‍व है। मुझे विश्‍वास है कि आपके मार्गदर्शन में राज्‍यसभा अपनी विरासत को न केवल आगे बढ़ाएगी अपितु नई ऊंचाईयां भी छुएगी।

खरगे ने कम समय को लेकर जताई अपत्ति :

खरगे ने इस Parliament Winter Session के दौरान संसद में कम समय की बैठक को लेकर बात की है। उन्‍होंने कहा कि,यह बड़ी समस्‍या है कि सदन की बैठकें कम होने के कारण जनता के मुद्दों पर चर्चा के लिए पर्याप्‍त समय नहीं मिल पाता। उन्‍होंने कहा, ” गरीबों, SC, ST, दबे-कुचलों, किसानों, महिलाओं पर हो रहे अत्‍याचार पर ढंग से बात नहीं रख पाते। उन्‍होंने कहा कि विधेयक भी बिना सूझबूझ के जल्‍दबाजी में  पारित किए जाते हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा- पहले जहां 100 से अधिक दिनों तक संसद चलती थी। वहीं अब 60-70 दिन से अधिक नहीं चलती। खरगे बोले, यदि पिछले एक दशक के आंकड़े देखें तो 2012 में सबसे अधिक 74 बैठकें हुई थीं। इसके बाद यह बैंठके घटती ही जा रही हैं। उन्‍होंने सभापति के समक्ष यह उम्‍मीद जताई है कि चर्चा के लिए दिन बढ़ाए जाएं।

जल्‍दबाजी में पारित न किए जाएं कानून : खरगे 

सभापति जगदीप धनखढ़ के समक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपना दृष्टिकोण रखा। उन्‍होंने कहा, सभापति कानून के जानकार हैं और वह इस बाात को ठीक से समझते हैं कि यदि कानून जल्‍दबाजी में पारित नहीं किए जाने चाहिए। क्‍योंकि जब उच्‍चतम न्‍यायालय और उच्‍च न्‍यायालय के न्‍यायाधीश कानून की गुणवत्‍ता पर टीका-टिप्‍पणी करते हैं, तो उससे संसदीय प्रणाली की छवि धूमिल होती है। इसलिए विधेयक पर ढंग से विचार विमर्श करके उन्‍हें विभिन्‍न संसदीय समितियों के पास भेजा जाना चाहिए। उन्‍होंने देश के पहले उपराष्‍ट्रपति सर्वपल्‍ली राधाकृष्‍णन के बयान का हवाला देते हुए कहा कि, जल्‍दबाजी में पारित कानून रोकने की जिम्‍मेदारी राज्‍यसभा की है।

 

 

 

Kusum
I am a Hindi content writer.

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