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No Money For Ferror Meet: अंतर्राष्‍ट्र्रीय मंच से शाह का संबोधन, बोले- कट्टरपंथ फैलाने के लिए डार्कनेट का इस्‍तेमाल…

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No Money For Ferror Meet

No Money For Ferror Meet: केंद्रीय गृहमंत्री आमित शाह ने शुक्रवार को No Money For Ferror Meet के तीसरे संस्‍करण को संबोधित किया है। उन्‍होंने कहा, सुरक्षा ढांचे और वित्‍तीय व्‍यवस्‍था में प्रगति के बावजूद भी आतंकवादी, युवाओं को कट्टरपंथी बनाने तथा आर्थिक संसाधन जुटाने के नए तरीके ढूंढ रहे हैं। कट्टरपंथी सामग्री फैलाने के लिए आतंकवादियों द्वारा डार्कनेट का इस्‍तेमाल किया जा रहा है। इससे क्रिप्‍टोकरेंसी के उपयोग में वृध्दि देखी गई है। उन्‍होंने आगे कहा कि डार्कनेट पैटर्न का समाधान ढूंढने की आवश्‍यकता है। यह तीसरा संस्‍करण भारत में 2020 में आयोजित किया जाना था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते अब इसे  2022 में आयोजित किया जा रहा है। 

शाह ने कौन-कौन से सुझाव दिए ?

कट्टरता और वित्‍तीय संसाधनों हेतु नए तरीकों का प्रयोग कर रहे आतंकवादी :

केंद्रीय गृह मंत्री बोले- हमारा मानना है कि आतंकवाद को किसी भी धर्म, राष्‍ट्रीयता अथवा समूह से जोड़कर नहीं देखा जा सकता और न ही जोड़ा जाना चाहिए। हमने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सुरक्षा ढ़ांचे एवं कानूनी वित्‍तीय प्रणालियों को मजबूत करने में अहम प्रगति की है। इसके बावजूद आतंवादी संगठन युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और वित्‍तीय फंडिंग को बढ़ाने के नए-नए तरीके खोज रहे हैं।

डार्कनेट के उपयोग पर नकेल कसने की जरूरत :

उन्‍होंने कहा कि, कट्टरपंथी सामग्री को फैलाने और अपनी पहचान छुपाने के लिए आतंकवादी डार्कनेट पध्‍दति का इस्‍तेमाल कर रहे हैं। इसके अलावा क्रिप्‍टोकरंसी जैसी आभाषी संपत्ति के उपयोग में वृध्दि हुई है। इसलिए यह जरूरी है कि डार्कनेट गतिविधियों के पैटर्न को  समझा जाए और उसका समाधान ढूंढा जाए। उन्‍होंने आगे कहा कि, हमारे सामने आभाषी संपत्ति एक नई चुनौती है, जिससे निपटना आसान नहीं होगा। आतंकवादियों द्वारा वित्‍तीय लेन-देन के लिए ऐसे नए तरीकों का इस्‍तेमाल किया जा रहा है। आभाषी संपत्ति के चैनलों, फंडिंग के ढ़ांचों तथा डार्कनेट का इस्‍तेमाल पर नकेल कसने के लिए हमें सुसंगत रूप से काम करने की आवश्‍यकता है।

कुछ देश हमारे सामूहिक संकल्‍प को कमजोर करना चाहते हैं : 

इस सम्‍मेलन में अमित शाह ने उन देशों का नाम लिए बगैर निशाना साधा, जो आतंकवाद को पोषित करते हैं।  शाह ने कहा, दुर्भाग्‍यवश ऐसे देश हैं जो आतंकवाद से लड़ने के हमारे सामूहिक संकल्‍प को कमजोर करना चाहते हैं। उन्‍होंने आगे कहा,  सभी लोग उन राष्‍ट्रों को जानते हैं जो आतंकवाद को पोषित कर उन्‍हें शरण देते हैं। एक आतंकवादी की रक्षा करना आतंकवाद को बढ़ावा ही है। यह हमारी सामूहिक जिम्‍मेदारी होगी कि इस तरह के तत्‍व कभी अपने मंसूबों में सफल न हो पाएं।

अमित शाह ने कहा, आतंकवादी और आतंकी समूह आधुनिक हथियारों और Technology की बारीकियों तथा Cyber Security की गतिशीलता को बहुत अच्‍छी तरह समझते हैं। इसीलिए आतंकवाद को बढ़ाने हेतु उनका इस्‍तेमाल आसानी से कर पाते हैं।

 

Kusum
I am a Hindi content writer.

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