National Green Hydrogen Mission: आज बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक की गई। इस दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा करते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए । केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘National Green Hydrogen Mission‘ को मंजूरी दे दी है। अब भारत ग्रीन हाइड्रोजन का ग्लोबल हब बनेगा। उन्होंने बताया कि, योजनान्तर्गत 2030 तक प्रतिवर्ष 50 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा। क्रेता-विक्रेताओं को एक छत के नीचे लाने के लिए हरित हाइड्रोजन केंद्र विकसित किया जाएगा। देश में इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण को लेकर 5 साल के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा।
क्या है लक्ष्य ?
योजना के क्रिनान्वयन को लेकर नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय दिशानिर्देश तैयार करेगा। इस ‘राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन‘ के तहत 2030 तक देश में लगभग 1,25,000 मेंगावाट की संबध्द नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वृध्दि के साथ प्रतिवर्ष कम-से-कम 50 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसकें क्रियान्वयन हेतु 17,490 करोड़ रूपये की लागत राशि व्यय की जाएगी।
इस मिशन से क्या लाभ होगा ?
आधिकारिक बयानों के अनुसार, इस मिशन से कई लाभ मिलने वाले हैं। इसमें हरित हाइड्रोजन और इससे संबध्द उत्पादों के लिए निर्यात अवसरों का सृजन होगा। इसके साथ ही उद्योंगों, परिवहन और ऊर्जा क्षेत्रों में कार्बन उत्सर्जन में कमी, देश में विनिर्माण क्षमता का विकास, आयातित जीवाश्म ईंधन में कमी और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का विकास और रोजगार के अवसर सृजित होना शामिल है। इससे जीवाश्म ईंधन (कोयला, कच्चा तेल आदि) के आयात में एक लाख करोड़ रूपये तक की कमी आने का अनुमान है। इसके अलावा ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 5 करोड़ टन की कमी आएगी।
इससे मिलेंगी 6 लाख नौकरियां :
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि, ”इससे 60 से 100 गीगावाट की इलेक्ट्रोलाइजर क्षमता को तैयार किया जाएगा। इलेक्ट्रोलाइजर की मैन्युफैक्चरिंग और ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन पर 17,490 करोड़ रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस योजना के तह ‘ग्रीन हाइड्रोजन हब’ को विकसित करने के लिए 400 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है”। उन्होंने बताया कि, राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के लिए 19,744 करोड़ की मंजूरी दी गई है। इस मिशन से 8 लाख करोड़ रूपये का सीधा निवेश होगा। इससे 6 लाख नौकरियां मिलेंगी। इससे 50 मिलियन टन तक ग्रीन हाउस उत्सर्जन को कम किया जा सकेगा।
HP के लिए भी हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट को मंजूरी :
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि, ”382 मेंगावाट के सुन्नी बांध हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट हिमाचल प्रदेश के लिए मंजूर किया गया है। जिसमें करीब 2,614 करोड़ रूपए निवेश किए जाएंगे। ये ‘हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट‘ हिमाचल में सतलुज नदी पर बनाया जाएगा।”
मिशन ग्रीन हाइड्रोजन की मांग तैयार करने के साथ उत्पादन, उपयोग और निर्यात की सुविधा प्रदान करेगा। हरित हाइड्रोजन की तरफ बदलाव कार्यक्रम के लिए रणनीतिक हस्तक्षेप के तहत इलेक्ट्रोलाइजर का घरेलू लेवल पर विनिर्माण और ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए दो अलग-अलग वित्तीय प्रोत्साहन उपाय किए गए हैं। आपको बताते चलें कि, इलेक्ट्रोलाइजर का उपयोग हरित हाइड्र्रोजन के उत्पादन में किया जाता है।
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