खबरें

Morbi Bridge: गुजरात का मोरबी ब्रिज टूटने से गई 132 लोगों की जान, जानें कैसे हुआ हादसा

0
Morbi Bridge

Morbi Bridge: हाल ही में कल गुजरात के मोरबी में क्षमता से 5 गुना अधिक लोगों के चढ़ने से मच्‍छू नदी पर बना ऐतिहासिक झूलता Morbi Bridge टूट गया। जिससे करीब 132 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही 60 लोग लापता और 30 लोग घालय है। गुजरात सरकार ने हादसे की जांच हेतु 5 सदस्‍यीय विशेष जांच दल का गठन किया है। रिपोर्ट के अनुसार, पानी के अंदर कीचड़ में धंसे शवों को निकालने के लिए पम्‍पों द्वारा पानी हटाया जा रहा है। प्रत्‍यक्षदर्शियों ने बताया कि, 100 लोगों की क्षमता वाले इस झूलते पुल पर लगभग 500 लोग मौजूद थे। मृतकों में ज्‍यादातर महिलाएं, बच्‍चे व वृध्‍द शामिल हैं।

NDRF की 3 टीमें व सेना के तीनो अंग बचाव में जुटे

एनडीआरएफ की तीनों टीमें और सेना के तीनों अंग बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। वायु सेना का विमान ‘गरूड़’ मदद के लिए पहुंच चुका है। प्रदेश सरकार ने घटना की जांच के लिए 5 सदस्‍यीय विशेष दल का गठन किया है। पुलिस महानिदेशक आशीष भाटिया ने बताया कि, अभी तक करीब 60 लोग लापता है। इसके अलावा 17 लोगों को अस्‍पताल पहुंचाया जा चुका है। लोगों को अस्‍पताल तक पहुंचाने के लिए लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर भीड़ दूर रखा है। ताकि एंबुलेंस व बचााव दलों की निर्बाध आजावाही हो सके। गुजरात के गृहमंत्री हर्ष सांघवी ने बताया कि पुल 6 महीने से बंद पड़ा था। मरम्‍मत होने के बाद 26 अक्‍टूबर को पुन: इसे खोल दिया गया।

140 साल पुराना है ये ब्रिज

गुजरात के मोरबी में बना यह केबल सस्‍पेंशन (झूलता हुआ) ब्रिज 140 साल से भी ज्‍यादा पुराना है। जिसकी लंबाई लगभग 765 फुट है। इस ब्रिज का उद्घाटन 1879 में मुंबई के गर्वनर रिचर्ड टेम्‍पल ने किया था। तब इसकी लागत करीब 3.5 लाख रूपये थी, वहीं इस बार इसके मरम्‍मत में 2 करोड़ रूपये लगे थे।  पुल बनाने का पूरा सामान इंग्‍लैंड से ही आया था।

ओरेवा कंपनी के पास है इसके रखरखाव की जिम्‍मेदारी

आपको बता दें कि इस पुल का निर्माण साल 1879 में अंग्रेजों के शासन काल में हुआ था। मार्च 2022 से 2037 तक के लिए इसके रखरखाव, साफ-सफाई, सुरक्षा एवं टोल वसूलने की जिम्‍मेदारी ओधवजी पटेल के स्‍वामित्‍व वाले ओरेवा ग्रुप ने ले ली थी। जबकि इससे पहले पुल का पूरा रख-रखाव कार्य नगर निगम करता था।

कैसे टूटा सस्‍पेंशन ब्रिज

घटना की वीडियो में देखा जा रहा है कि ब्रिज में मौजूद लोगों ने जैसे ही भगदड़ मचाई तो ब्रिज हिलने लगा। जिससे भारी मात्रा में मौजूद लोगों का भार वहन न कर पाने से ब्रिज टूट गया। प्रत्‍यक्षदर्शियों ने भी बताया कि, ब्रिज में बहुत भीड़- भाड़ थी। ब्रिज में मौजूद युवाओं ने एक्‍साइटमेंट में ब्रिज को हिलाया जा रहा था, पुल के हिलने से ब्रिज में मौजूद लोगों ने भगदड़ मचा और पुल ढ़ह गया।

उठ रहे कई सवाल

हादसे में सैकड़ों लोगों की जान गवाने के बाद कई लापरवाहियों के चलते अब ओरेवा कंपनी और स्‍थानीय प्रशासन पर सवाल उठाये  जा रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि 100 लोगों की क्षमता वाले इस पुल में 450 से ज्‍यादा लोग कैसे पहुंच गए। दूसरा यह कि, जब स्‍थानीय नगर पालिका ने मरम्‍मत के बाद कोई फिटनेस प्रमाणपत्र जारी नहीं किया था तो पुल को दोबारा किसके आदेश पर खोल दिया गया।

सूत्रों के मुताबिक मिली जानकारी के अनुसार, Morbi Bridge पर जाने के लिए करीब 15 रूपये का टिकट लगता है। ऐसे में माना जा रहा है कि दिवाली के दूसरे ही अधिक लाभ कमाने के चक्‍कर में पुल को बिना फिटनेस जांच के ही खोल दिया गया। प्रत्‍यक्षदर्शियों ने बताया कि घटना के दौरान पुल पर करीब 400 से 500 लोग मौजूद थे। इसीलिए पुल भारी वजन को वहन कर पाने में असमर्थ रहा और पुल ढ़ह गया।

Kusum
I am a Hindi content writer.

Comments

Leave a reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *