Morbi Bridge Collapse: गुजरात के Morbi Bridge Collapse मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन की मांग वाली याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की है। सुप्रीम कोर्ट के CJI डीवाई चंदचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने अधिवक्ता विशाल तिवारी की जनहित याचिका पर सुनवाई की। इस हासदे में 135 से अधिक लोगों की जान गई थी। उच्चतम न्यायालय ने इस घटना के संबंध में गुजरात उच्च न्यायालय से समय-समय पर जांच और अन्य संबंधित पहलुओं की निगरानी करने के आदेश दिए हैं। उच्चतम न्यायालय ने याचिकाकताओं को स्वतंत्र CBI जांच, पर्याप्त मुआवजा संबंधी याचिकाओं के साथ हाईकोर्ट का रूख करने की अनुमति दी है।
Morbi Bridge Collapse एक भयानक त्रासदी: SC
सर्वोच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा, 135 से अधिक लोगों की जान लेने वाला मोरबी पुल हासदा एक भयानक त्रासदी थी। SC ने गुजरात हाई कोर्ट से समय-समय पर मामले की सुनवाई के साथ-साथ जांच पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। सर्वोच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने इस हादसे को बहुत बड़ी त्रासदी बताया है। इसके लिए साप्ताहिक निगरानी की आवश्यता होगी।
SC ने गुजरात HC को दिए निर्देश :
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि गुजरात High Court के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने पहले ही घटना का स्वत: संज्ञान ले लिया है, और 3 आदेश पारित कर दिए हैं। ऐसे में हम अभी याचिकाओं पर सुनवाई नहीं करेंगे। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से स्वतंत्र जांच और अपने परिवार के सदस्यों को खोने वाले लोगों को सम्मानजनक मुआवजे की मांग वाली अपनी याचिकाओं के साथ हाई कोर्ट का दरवाजा खटाखटाने को कहा।
30 अक्टूबर को गईं थी 135 जानें :
मोरबी में मच्छू नदी पर बने इस पुल का निर्माण ब्रिटिश काल के दौरान हुआ था, जो 30 अक्टूबर को ढह गया। इस घटना में 47 बच्चों सहित 135 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट में जांच की मांग वाली वाली याचिका दायर की थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए गुजरात होईकोर्ट को निर्देशित किया है। याचिका कर्ताओं ने सीबीआई जांच की मांग, अपने परिजनों के लिए सदस्यों को खोने वालों को सम्मानजनक मुआवजा देने तथा नगर पालिका के अधिकारियों के खिलाफ जिम्मेदारी तय करने की मांग की गई थी।
इस मामले में 9 लोग गिरफ्तार :
पुल टूटने के अगले दिन 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें पुल की मरम्मत का ठेका लेने वाली कंपनी Oreva के 2 मैनेजर सहित 2 टिकट क्लर्क, 2 ठेकेदार व 3 सुरक्षा गार्ड शामिल थे। कोर्ट ने पेशी के बाद इनमें से 4 आरोपियों को 5 नवंबर तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया। वहीं, 5 को न्यायिक हिरासत में भेजा गया। कोर्ट में पेश किए गए Oreva कंपनी के मैनेजर ने Morbi Bridge Collapse मामले में बयान देते हुए इसे ‘Act of God‘ बताया था। इसके बाद मोरबी तथा राजकोट बार एसोसिएशन ने आरोपियों का केस तक लड़ने से मना कर दिया था।
Comments