Mirzapur: नामुमकिन कुछ नहीं गर ठान लीजिए, इसी बात को दोहराने जा रही हैं एक टीवी मैकेनिक की बेटी सानिया मिर्जा। दुनिया में लगन और कड़ी मेहनत असंभव को भी संभव बना देते हैं। और जब मां-बाप आपके साथ हों तो हौसले और भी बुलंद हो जाते हैंं। कुछ ऐसा ही कमाल कर दिखाया है, उ.प्र के मिर्जापुर जिले के छोटे से गांव की रहने वाली सानिया मिर्जा ने। सानिया ने NDA की परीक्षा में 149वीं रैंक के साथ फ्लाइंग विंग में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। NDA में फ्लाइंग की 2 ही सीट हैं, जबकि NDA में महिलाओं के लिए मात्र 19 पद ही आरक्षित होते हैं। सबकुछ ठीक रहा तो, सानिया देश की पहली मुस्लिम फाइटर पायलट बन सकती हैं।
कौन हैं सानिया मिर्जा ?
सानिया मिर्जा उप्र के मिर्जापुर जिले के एक छोटे से गांव जसोवर से हैं। जिनके पिता शाहिद अली एक टीवी मैकेनिक हैं और उनकी मां तबस्सुम एक ग्रहणी हैं। वे एक मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखती हैं। उन्होंने प्राइमरी से लेकर 10वीं तक की शिक्षा गांव के ही पंडित चिंतामणि दुबे इंटर कॉलेज से पूरी की। सानिया यूपी बोर्ड की परीक्षा में जिला टॉपर भी रही थीं। इसके बाद उन्होंने शहर के गुरू नानक गर्ल्स इंटर कॉलेज से 12वीं की पढ़ाई पूरी की।
उसके बाद सानिया 10 अप्रैल को आयोजित NDA परीक्षा में शामिल हुईं। जिसका परिणाम नवंबर में घोषित किया गया, जिसमें उनका चयन हुआ है। अब वह 27 दिसंबर से शुरू NDA ट्रेनिंग के लिए पुणें जाएंगी। सानिया कहती हैं कि सिर्फ CBSE, ICSE विद्यार्थी ही नहीं बल्कि बोर्ड वाले विद्यार्थी भी NDA में जा सकते हैं।
क्या बोले सानिया के पिता ?
सानिया के पिता शाहिद अली ने बताया कि, बेटी के अंदर प्रतिस्पर्धा और लगन को देखा तो लक्ष्य हासिल करने में हम उसकी मदद करने लगे। सानिया ने हाईस्कूल में टॉप किया तो लगा कि बिटिया कुछ करना चाहती है। जिला टॉप करने के बाद उसने NDA में जाकर फाइटर पायलट बनने की इच्छा जताई, तो हमने भी उसका पूरा साथ दिया। सानिया की मां ने भी बताया कि बिटिया बहुत लगन के साथ मेहनत किया था। हमारी बच्ची ने परिवार के साथ-साथ पूरे Mirzapur का नाम रौशन कर दिया। मान-सम्मान सपना सबकुछ पूरा कर दिया। उसने यह सिध्द कर दिया कि गांव की बच्ची कुछ भी कर सकती है।
पहले इंजीनियर बनना चाहती थीं सानिया :
सानिया बचपन से ही एक अच्छी इंजीनियर बनना चाहती थीं। लेकिन 11वीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि सानिया ने NDA में ही जाने ठान ली। सानिया से बताया कि, ”जब मैं 11वीं की पढ़ाई कर रही थी तब मैनें देश की पहली महिला फाइटर पायलट ‘अवनी चतुर्वेदी‘ के बारे में जाना। वह मेरी प्रेरणा स्त्रोत बन गईं और मैंने NDA में जाने की ठान ली”।
मैंने सोंचा कि मुझे भी कुछ ऐसा ही करना है, जिससे ज्याया से ज्यादा लोग मुझसे प्रभावित हो सकें। खासकर लड़कियों के लिए मैं प्रेरणा स्त्रोत बन सकूं। क्योंकि हमारे समाज में परिजन पढ़ाने से ज्यादा शादी के दहेज के लिए मेहनत करते हैं। वह कहती हैं कि देश सेवा सिर्फ जज्बा नहीं, बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है।
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