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Metaverse: क्‍या है मेटावर्स? कैसा होगा अभाषी दुनिया का भविष्‍य? जानें सबकुछ आसान भाषा में..

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Metaverse

Metaverse: आज के इस आधुनिकता युग में इतना तो सभी जानते होंगे कि ‘Metaverse‘ एक वर्चुअल अर्थात् आभाषी दुनिया है। लेकिन हकीकत यह है कि मेटवर्स इससे कहीं आगे की दुनिया है। मेटावर्स की दुनिया में आप अपने घर पर रहते हुए अपने दोस्‍तों के साथ गोवा में पार्टी कर सकेंगे। शिमला-मनाली, देश-विदेश घूम पाएंगे। विदेश में जमीन खरीद पाएंगे, पढ़ाई कर पाएंगे। आप इस आभाषी दुनिया में शॉपिंग जैसे सभी काम कर पाएंगे, जो रियल लाइफ में करते हैं।

लेकिन सवाल है कि मेटावर्स की दुनिया में एंट्री कैसे होगी? क्‍या यहां आने-जाने के लिए पैसे और पासपोर्ट की आवश्‍यकता होगी? तो चलिए इन सभी सवालों के जवाब हमारे आज के आर्टिकल से जानते है…

Metaverse शब्‍द की उत्‍पत्ति ?

सर्वप्रथम इस शब्‍द का जिक्र ‘सांइस फिक्‍शन लेखक नील स्‍टीफेन्‍सन’ने किया था। उन्‍होंने साल 1992 में अपने उपन्‍यास ‘स्‍नो क्रेश’ में पहली बार ‘Metaverse‘ शब्‍द का उल्‍लेख किया था। इसी तरह के अनेक शब्‍द उपन्‍यास से रियल लाइफ में शामिल हुए हैं। साल 1982 में विलियम गिब्‍सन की एक किताब से ‘Cyberspace‘ शब्‍द आया। वहीं, साल 1920 में कैरेल कोपेक के एक नाटक में पहली बार ‘Robot‘ शब्‍द का प्रयोग हुआ था।

क्‍या है Metaverse ?

मेटावर्स अर्थात् इंटरनेट की दुनिया का भविष्‍य। जैसे आज हर व्‍यक्ति Video Calling, Social Media App और Conferencing से मात्र एक क्‍लिक से जुड़ जाता है। उसी प्रकार आने वाले समय में हर व्‍यक्ति मेटावर्स की दुनिया से जुड़ जाएगा। अभी इंटरनेट की दुनिया 2D अर्थात् टू डायमेंशनल है। लेकिन आने वाली मेटावर्स की दुनिया 3D अर्थात् थ्री डायमेंशनल है। परन्‍तु यह 3D फिल्‍म देखने जैसी बिल्‍कुल नहीं होगी। मेटावर्स की दुनिया बिल्‍कुल रियल लाइफ की तरह ही होगी। जहां आप वो हर काम कर पाएंगे, जो रियल लाइफ में करते हैं। मेटावर्स में आप बिल्‍कुल वास्‍तविक जीवन की तरह महसूस कर पाएंगे। उम्‍मीद है कि आने वाले 10-15 सालों में या फिर इससे कम समय में ही वास्‍तविक लाइफ और आभाषी लाइफ का फर्क बेहद कम हो जाएगा।

कैसे होगी मेटावर्स की दुनिया में एंट्री ?

मेटावर्स एक डिजिटल और आभाषी दुनिया है। जिसमें अवतार और होलो लेंस के जरिए एंट्री ली जा सकेगी। अवतार के लिए वर्चुअल रियलिटी हेडसेट की जरूरत एवं  होलोग्राम के लिए होलो लेंस की जरूरत पड़ेगी। माइक्रोसॉफ्ट Hololens पर काम कर रहा है, जबकि मेटा और एपल जैसी कंपनियां VR Headset बनाने की दिशा में काम कर रही हैं। अगर टेक्निकल भाषा में बात करें, तो मेटावर्स की दुनिया Virtual Reality और Augmented Reality और Mixed Reality से मिलकर बनी होगी।

वर्चुअल रियलिटी में VR Headset पहनना पड़ता हे। इसे पहनने पर आपको लगता है कि आप एक दूसरी दुनिया में पहुंच गए हैं। ऑग्‍मेंटेड रियलिटी का सबसे अच्‍छा उदाहरण Pokémon GO है। वहीं, मिक्‍स्‍ड रियलिटी को होलोग्राम के तौर पर समझा जा सकता है। मेटावर्स की आभाषी दुनिया में हमारे अवतार होंगे, जो अभी कार्टून कैरेक्‍टर्स की तरह दिखते हैं। लेकिन आने वाले समय में बिल्‍कुल हमारी तरह होंगे।

यह वा‍स्‍तविक दुनिया से अलग कैसे है ?

इस मेटावर्स की दुनिया में शादी, शॉपिंग, जमीन खरीदने जैसे सारे काम किए जा सकते हैं। भारत में सबसे पहले तमिलनाडू के एक जोड़े ने पहली मेटावर्स शादी की थी। इस शादी में सभी मेहमान अलग-अलग लोकेशन से VR Headset की मदद से अपने अवतार के जरिए शामिल हुए थे। मेटावर्स की इस शादी में दुल्‍हन के पिता भी शामिल हुए थे, जिनकी कुछ वर्ष पहले मृत्‍यु हो गई थी। मतलब मेटावर्स में अपार संभावनाओं की भी दुनिया होगी। मेटावर्स की दुनिया में आप बुर्ज खलीफा से कूदने जैसे एक्‍सपीरिएंस ले सकते हैं, जो रियल लाइफ में नहीं कर सकते हैं।

क्‍या है मेटावर्स पर विशेषज्ञों की राय ?

Trace Network Labs के Co-Founder और CEO लोकेश राव के मुताबिक, मेटावर्स एक डिजिटल दुनिया है, जो कि Web 3.0 पर 3D में डेवलप हो रही है। लोकेश की मानें, तो मेटावर्स पहले भी गेमिंग फॉर्म में मौजूद था। लेकिन पहले तक मेटावर्स सेंट्रालाइज्‍ड यानि केंद्रीयकृत था। लेकिन अब ब्‍लॉकचेन के साथ Web 3.0 में Metaverse का नए तरह से विकास हो रहा है। अब मेटावर्स में NFT (Non Fungible Token), क्रिप्‍टोकरेंसी के जरिए लोग एसेट्स खरीदते हैं। जिसका ओनरशिप प्रूफ Blockchain पर रहता है। मेटावर्स में आपका अवतार बॉडी मूवमेंड, एक्‍सप्रेशन और टेक्‍चर के जरिए लोगों से रूबरू कर पाएगा।

मेटावर्स पर दुनिया की दिग्‍गज कंपनिया :

दुनियाभर की कई दिग्‍गज कंपनियां मेटावर्स की दुनिया मे काम कर रही हैं। जिनमें से सबसे पहला नाम मेटा और माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का आता है। माइक्रोसॉफ्ट कंपनी मेटावर्स पर बहुत तेजी से काम कर रही है। कंपनी ने अपने मेटावर्स प्रोजेक्‍ट को ‘Mesh‘ नाम दिया है। माइक्रोसॉफ्ट ने 2021 में इससे जुड़े एक ऐप को अपने इग्‍नाइट इवेंट में पेश किया था। इसमें होलोग्रॉफिक रेटरिंग देखने को मिलती है। वहीं, दूसरी तरफ फेसबुक ओन्‍ड मेटा ने मेटावर्स प्रोजेक्‍ट के लिए 10,000 नौकरियां निकाली हैं।

फायदे :

मेटावर्स की वर्चुअल दुनिया का एक्‍सपीरिएंस काफी शानदार रहेगा। मेटावर्स की वजह से होटल बुक करने से पहले वो कैसा दिखेगा, इसका एक्‍सपीरिएंस अवतार के जरिए कर पाएंगे।

इस वर्चुअल दुनिया से कारोबार की दुनिया में बड़े बदलाव की संभावना है। मेटावर्स में हम अपने अवतार के लिए हेयर स्‍टाइल, जूते-कपड़े इत्‍यादि खरीद पाएंगे। कई ब्रांड्स ने मेटावर्स पर अपना कारोबार शुरू भी कर दिया है।

आप मेटावर्स में लाइव कॉन्‍सर्ट कर पाएंगे। हाल ही में दलेर मेंहदी ने मेटावर्स में अपनी जमीन खरीदी है, जिसका नाम उन्‍होंने बल्‍ले-बल्‍ले लैंड रखा है। इसी मेटावर्स लैंड पर दलेर मेहंदी ने एक कॉन्‍सर्ट लाइव किया है, जिसमें लोगों ने अपने अवतार के माध्‍यम से भाग लिया था।

आप मेटावर्स की दुनिया में शॉपिंग कर सकेंगे, जहां आपका अवतार कपड़े पहनकर देख पाएगा। इन खरीदे हुए कपड़ों के लिए आपको क्रिप्‍टोकरेंसी में लेनदेन करना होगा। खरीदे गए कपड़ों को रियल लाइफ में डिलीवर किया जाएगा।

नुकसान :

इस मेटावर्स की आभाषी दुनिया में प्राइवेसी को लेकर खतरा बढ़ सकता है। मौजूदा समय में फेसबुक और ऐपल जैसी कंपनियों पर डेटा चोरी के आरोप लगते रहते हैं। वहीं मेटावर्स के आने पर टेक कंपनियां आपके बॉड़ी मूवमेंट, हार्टरेट, खाने-पीने, चलने-बोलने, फिंगरप्रिंट जैसी पर्सनल डिटेल हासिल कर सकेंगी। रिसर्चर्स की माने तो, मेटावर्स की वजह से इंसन खुद को सीमित कर लेगा। इससे लोगों में अकेलापन बढ़ने की संभावना होगी। मेटावर्स के आने से लोगों का फिजिकल कॉन्‍टैक्‍ट खत्‍म हो जाएगा। लोग आमने-सामने अपनी भावनाओं को व्‍यक्‍त नहीं कर पाएंगे।

पेंसिलवेनिया की एक यूनिवर्सिटी की रिसर्च के मुताबिक, ऑकुलस रूवेस्‍ट 2 का उपयोग करते हुए बताया गया है कि अगर आप मेटावर्स में किस करेंगे, तो आपको रियल में महसूस होगा। सिगरेट या पानी पिऐंगे तो वास्‍तव में यह सबकुछ फील होगा। रिसर्च के अनुसार, आपके चेहरे पर कुछ ऐसे सेंसर लगाए जाएंगे, जिससे आप किस करने से लेकर पानी, सिगरेट पीने तक की घटनाओं को महसूस कर पाएंगे। बता दें कि ओकुलस क्‍वेस्‍ट 2 फेसबुक रियलिटी लैब्‍स द्वारा विकसित एक Vertual Reality Headset है।

 

 

Kusum
I am a Hindi content writer.

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