Kejriwal Attack On LG: आज मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सदन में कहा कि पूरे देश में यह सवाल उठ रहा है कि दिल्ली में चुनी हुई सरकार की चलनी चाहिए या फिर एक व्यक्ति विशेष की चलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि समय बहुत बलवान होता है, कोई भी चीज स्थाई नहीं होती है। बहुत सरकारें आईं और चली गईं, हो सकता है कल केंद्र में AAP की सरकार हो और दिल्ली में उपराज्यपाल (LG) हमारा हो। उस दौरान दिल्ली में भाजपा या कांग्रेस की सरकार हो मगर हमारा उपराज्यपाल ऐसे काम बिल्कुल नहीं करेगा। हम चुनी हुई सरकार की इज्जत करते हैं।
'कौन है ये एलजी? कहां से आ गया एलजी? किस बात का एलजी? कौन लेफ़्टिनेंट गवर्नर?'
एलजी पर भड़के दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल… pic.twitter.com/R6k3hqqiiq
— BBC News Hindi (@BBCHindi) January 17, 2023
सदन में क्या बोले केजरीवाल ?
अपने बच्चों की तरह देना चाहता हूं शिक्षा :
दिल्ली विधानसभा के 3 दिवसीय सत्र का आज दूसरा दिन है। पहला दिन हंगामें की भेंट चढ़ने के बाद आज दूसरे दिन सदन का काम सुचारू रूप से चल रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कहा, मैं अपने बच्चों के जैसी शिक्षा दिल्ली के सभी बच्चों को देना चाहता हूं। दिल्ली की शिक्षा पर बहुत ज्यादा खर्च किया जा रहा है। अच्छे स्कूल बनाए गए, अच्छे परिणाम आ रहे हैं। शिक्षा का स्तर उठाने के लिए शिक्षकों को अच्छी से अच्दी ट्रेनिंग दी गई। शिक्षकों को विदेशों से भी ट्रेनिंग दिलवाई गई। ये पूरा परिवार है, इनके बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहता हूं। जैसी शिक्षा मैने अपने बच्चों को दी है वैसे ही शिक्षा दिल्ली के बच्चों को भी देना चाहता हूं। इसी कड़ी में उन्होंने टीचर का जिक्र करते हुए कहा कि, हम 30 शिक्षकों को विदेश भेजना चाहते हैं।
गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा देने से रोक रहे LG :
आगे कहा कि, जब हमारे शिक्षा मंत्री ने अनुमति दे दी है तो हम शिक्षकों को भेज देंगे। लेकिन उपराज्यपाल (LG) ने इस पर दो बार आपत्ति लगा दी है। जब हम लाइसेंस बनवाने जाते हैं तो बार-बार आपत्ति लगाकर भ्रष्टाचार करते हैं। आखिर गरीब के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने से क्यों रोका जा रहा है। भाजपा और दूसरी पार्टियों के नेताओं के बच्चे विदेश जाकर अच्छी शिक्षा लेते हैं। इसका कोई विरोध नहीं करता। वहीं यदि गरीब के बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाई जा रही है तो भाजपा के नेताओं को बड़ा कष्ट होता है। केजरीवाल ने कहा हक हम अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए विदेश भी भेजेंगें।
दिल्ली सरकार के काम में LG लगा रहे अड़ंगा :
केजरीवाल ने उपराज्यपाल (LG) विनय सक्सेना को बेगाने की शादी में अब्दुल्ला दीवाना करार दिया है। केजरीवाल ने कहा कि हम दिल्ली वालों के टैक्स के पैसे से भेजेंगे। कौन हैं LG, जो हमारे सिर पर आ कर बैठ गए। दिल्ली सरकार के कार्यों में अड़ंगा लगा रहे हैं जबकि उनका कोई अधिकार नहीं है। हमारे बच्चे कहां पढ़ेंगे यह हम तय करेंगे नाकि उपराज्यपाल साहब। हमारे बच्चों को अच्छी शिक्षा लेने से रोक सके इतनी पावर एलजी में नहीं है। उपराज्यपाल जबरन दिल्ली सरकार के काम में अड़ंगा लगा रहे हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि तीन मुद्दों के अलावा उनके पास कोई पावर नहीं है।
SC का आदेश नहीं मानते LG साहब :
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उपराज्यपाल व्यक्तिगत तौर पर कोई निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं। वह सेवा, कानून व्यवस्था और पुलिस से संबंधित मामलों में निर्णल ले सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दो बार लिखा है कि उपराज्यपाल के पास पावर नहीं है। लेकिन उपराज्यपाल हैं कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानने के लिए तैयार ही नहींं हैं। वे लगातार दिल्ली सरकार के काम में दखल दे रहे हैं। भला कैसे कोई संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति यह बोल सकता है कि वह कोर्ट का ऑर्डर नहीं मानेंगे। उपराज्यपाल ने MCD में पार्षद मनोनीत करने के मामले में भी आपत्ति जताई है।
MCD हार से गुस्साई भाजपा ने रोक दिया पेमेंट :
दिल्ली मुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल सक्सेना पर रोष व्यक्त करते हुए कहा, मैं पढ़ने के दौरान टॉपर रहा था इसलिए कभी मेरे टीचरों ने मेरा होमवर्क चेक नहीं किया। और उपराज्यपाल हमारी फाइल चेक कर रहे हैं, जैसे की वे मेरे हैडमास्टर हों। उन्होंने बताया कि दिल्ली MCD में भाजपा ने हार के बाद दिल्ली सरकार के बिजली, पानी, सड़क, नाली आदि से जुड़े सभी काम बंद करा दिए। सभी का पेमेंट रोक दिया, अब उपराज्यपाल लगातार दिल्ली सरकार व मुख्यमंत्री को बदनाम करने का काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि, ”उपराज्यपाल ने कहा था कि दिल्ली में बीजेपी की 20 सीट भी नहीं आ रही थी, उनके कारण 104 सीट आई हैं। लोकसभा चुनाव में सभी 7 सीटें बीजेपी की आएंगी और अगले विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ही जीतेगी”। सीएम ने कहा कि भाजपा ने एलजी के साथ मिलकर सारे काम रूकवा दिए है। उन्होंने कहा, ”यदि चुनी हुई सरकार के पास पावर ही नहीं है तो आजादी किस नाम की है। आजादी की लड़ाई ही इसके लिए थी कि जनतंत्र मजबूत हो”।
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