Joshimath Crisis: उत्तराखंड का प्रवेश द्वार जोशीमठ इस समय बड़े संकट से जूझ रहा है। लगातारा हो रहे भू-धंसाव से घरों के ढहने के डर से सब लोग दहशत में हैं। दरारों वाले घरों की संख्या बढ़ती ही जा रही है, संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। उत्तराखण्ड में ‘Joshimath Crisis‘ के चलते पीडि़त परिवारों और प्रशासन के बीच जद्दो-जहद मची हुई है, लोग धरने पर बैठे हुए हैं।। इसी बीच जोशीमठ में प्रशासन के साथ स्थानीय लोगों की मुआवजे को लेकर चल रही बैठक में बात नहीं बन पाई। प्रशासन द्वारा प्रभावित परिवारों को डेढ़ लाख रूपये मुआवजा दिए जाने की बात कही जा रही है, लेकिन प्रभावितों ने इससे इनकार कर दिया है।
मुआवजे की कम राशि सुन लोगों में बढ़ा आक्रोश :
संकटग्रस्त जोशीमठ में फिलहाल 2 ही होटल ढहाए जाएंगे, अन्य किसी भवन पर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही नहीं होगी। दो होटलों के पास स्थित 5 परिवारों पर सबसे अधिक असर पड़ने की आशंका है। जोशीमठ के 723 परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा। इसी मुआवजे को लेकर मलारी इन और माउंट व्यू होटल के बाहर व्यापारियों का धरना-प्रदर्शन जारी है। साथ ही मुआवजे की रकम सुनकर लोगों में भारी आक्रोश है। प्रभावित ने आरोप लगाया है कि सरकार राहत के नाम पर दर्द दे रही है। नुकसान के आकलन के मुताबिक वास्तविक क्षति की पूर्ति के बराबर राशि दरकार।
भाजपा सरकार का इस मामले में गैरजिम्मेदार रूख: माहरा
प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा, सरकार को जोशीमठ के मुद्दे पर तत्काल कैबिनेट बैठक बुलानी चाहिए थी। लेकिन भाजपा सरकार ने ऐसा नहीं किया और न ही इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। माहरा ने कहा कि भाजपा सरकार इस पूरे मामले में गैरजिम्मेदार रूख अख्तियार किए हुए है। भाजपा सरकार के किसी भी मंत्री ने जोशीमठ का दौरा नहीं किया, जो भी गए हेलीकॉप्टर से तत्काल वापस आ गए। भाजपा के एक प्रभारी मंत्री ही केवल 2 घंटे तक टिके, जबकि सरकार को चाहिए था कि यहां पर मंत्रियों की ड्यूटी लगाए। वे रात-दिन वहीं कैंप करते और आपदा प्रबंधन से जुड़ी व्यवस्थाओं को देखते।
टिहरी की तर्ज में न्यू जोशीमठ बनाने पर विचार :
सरकार टिहरी की तर्ज में ही नया जोशीमठ बनाने पर विचार कर रही है। लेकिन स्थानीय लोग इसके लिए तैयार नहीं हैं। वे जोशीमठ में ही रहना चाहते हैं। हालांकि सरकार ने जोशीमठ की आबादी को शिफ्ट करने के लिए 3 स्थानों का चयन किया है। जिनमें से एक जोशीमठ में जेपी कालोनी के पास उद्यान विभाग की जमीन है। दूसरा पीपलकोटी तथा तीसरा स्थान गौचर के पास जमीन पर लोगों को शिफ्ट करने की योजना बनाई जा रही है।
बिन शब्द, जोशीमठ का ये दर्द समझिए
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— Ayush suryavanshi (@A_suryavanshi_) January 11, 2023
आपको बता दें कि, भू-धंसाव में प्रभावित भवनों का सर्वे किया जा रहा है। असुरक्षित भवनों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थाई विस्थापित किया जा रहा है। प्रभावित परिवारों को तत्कालिक तौर पर 1.5 लाख रूपये की धनराशि अंतरिम सहायता के रूप में दी जा रही है। जिसमें से 50 हजार रूपये घर शिफ्ट करने तथा 1 लाख रूपये आपदा राहत मद से एडवांस में उपलब्ध कराया जा रहा है। जिसका समायोजन बाद में किया जाएगा।
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