J&K : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 3 दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरा किया। इस दौरान उन्होंने महानवमी के अवसर पर मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में त्रिकूटा पर्वत पर स्थित मशहूर वैष्णों देवी मंदिर में माता की अराधना की। इसके बाद शाह ने J&K की बारामुला जनसभा को संबोधित किया, जिस पर सबकी निगाहें टिकी हुई थीं। इस जनसभा में कश्मीर घाटी के दूरदराज इलाकों से हजारों की संख्या में लोग आए हुए थे। इस जन सैलाब में हर-हर मोदी और अमित शाह जिंदाबाद के नारे गूंज रहे थे। लोगों का कहना है कि शाह ने राजोरी में गुज्जर-बकरवाल और पहाडि़यों को ST का दर्जा देने की घोषणा की है। जिससे घाटी में इन समुदायों की उम्मीदें और बढ़ गई हैं।
अमित शाह ने J&K में क्या कहा ?
अमित शाह ने पहाडि़यों को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की घोषणा की। उन्होंने आगे कहा कि, क्या अनुच्छेद 370 और 35A नहीं हटाया जाता तो आदिवासी आरक्षण मिलना संभव हो पाता। अनुच्छेद 370 हटने के बाद अल्पसंख्यकों, दलितों, आदिवासियों के साथ ही पहाड़ी लोगों को उनका अधिकार मिल पाएगा। उन्होंने कहा, जम्मू-कश्मीर की ये रैली में आज हर-हर मोदी के नारे उन लोगों के लिए जवाब हैं, जो कहते थे कि अनुच्छेद 370 हटेगा तो खून की नदियां बह जाएंगी। शाह ने कहा, जम्मू-कश्मीर पर 70 सालों से राज कर रहे 3 परिवारों ने लोकतंत्र का मतलब अपना परिवार बना दिया था। इन 70 सालों में क्या आपको ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत का अधिकार मिल पाया है, नहीं।
शाह की J&K घोषणा से लोगों की उम्मीदें बढ़ी :
कुपवाड़ा जिले के LOC से सटे तंगधार करनाह क्षेत्र से आए तौफीक अहमद ने बताया कि गृहमंत्री से उन्हें बहुत उम्मीदें थीं। और कहा कि जो घोषणा उन्होंने की है, उसे पूरा होता देखना चाहते हैं। हम इस घोषणा से बहुत खुश हैं। वे कहते है रैली का ऐसा नजारा इससे पहले कभी नहीं देखा जैसा इस रेली में देखने मिला है। वे J&K की पूर्व सत्ता पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहते है कि हमारी पुरानी पीढि़यां परिवारवाद वाली राजनीति में बहुत पिस चुकी हैं। आज हम शिक्षित है, लेकिन अपने जिला मुख्यालय जाने के लिए 40 किमी. पैदल चलना पड़ता है। लेकिन हमें मोदी सरकार से उम्मीद है कि हमारे इलाके को जोंड़ने के लिए साधना टनल मिलेगी। ताकि सर्दियों में बफबारी के चलते जो मार्ग बंद रहता है, बहाल हो सके।
घाटी अब करवट बदल रही: भाजपा नेता R.P सिंह :
दिल्ली से विशेष तौर पर पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता R.P सिंह ने रैली में उभरे जनसैलाब की ओर इशारा करते हुए कहा, कश्मीर अब करवट बदल रहा है। यह 2019 के बाद का नया कश्मीर है जो परिवारवाद और भ्रष्टाचार से हटकर बना है। उन्होंने मुफ्ती, अब्दुल्ला और गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा, रैली में मौजूद सभी लोग 70 सालों से कश्मीर को लूट रही सरकार से दूर रहना चाहते हैं। अब घाटी की 6 लाख जनता मोदी-शाह के नए कश्मीर में रहना चाहती है। उन्होंने बताया कि 50 हजार से ज्यादा लोग इस रैली में हमारे साथ जुड़े, जिसमें महिलाएं और युवा शामिल हैं। जिसके चलते कश्मीर आज पूरे देश को सूचित कर रहा है कि यह 1990 का नही बल्कि 2022 का कश्मीर है।
कटाक्ष की तैयारी में जुटा विपक्ष :
अब केंद्रीय गृहमंत्री के J&K दौरे पर पलटवार की तैयारी में विपक्षी दल जुट गया है। PDP की अध्यक्ष एवं गुपकार गठबंधन की उपाध्यक्ष महबूबा मुफ्ती भाजपा के गढ़ माने जाने वाले जम्मू में 9 अक्टूबर को रैली कर अपनी सियासी ताकत दिखाएंगी। सूत्रों के मुताबिक, वे इस रैली में बेरोजगारी और डेलीवेजरों को नियमित न किए जाने और आतंकवादी घटनाओं के जारी रहने जैसे मुद्दों पर अमित शाह पर कटाक्ष करने की तैयारी में हैं।
जनसभा में उपस्थित रहे बारामुला जिले के मोहम्मद सदीक ने कहा, जिस तरह शाह ने पहाडि़यों और गुज्जर-बकरवाल को बराबर का दर्जा देने का एलान किया है। उससे हमें काफी उम्मीदें हैं। उन्होंने कहा, क्षेत्रीय दलों ने 70 सालों से उनका इस्तेमाल वोट बैंक के जैसे किया है। लेकिन जब देने की बात आई तो गूंगे-बहरे हो गए।
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