सार
Indian Economy GDP 2022 : हाल ही में ब्लूमबर्ग, IMF रिपोर्ट के आधार पर, भारत ब्रिटेन को पीछे छोंड़ विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। इससे भारतीय बाजार में वैश्विक निवेशकों का भरोसाऔर मजबूत होगा एवं निवेश बढ़ने से लोगों के लिए नए मौके और रोजगार के अवसर मिलेंगे।
विस्तार
वैश्विक महामारी कोरोना के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था ने तेज गति से अपना विस्तार किया। एक अनुमान के आधार पर, चालू वित्त वर्ष में भारत की GDP वृद्धि दर 13.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। अगस्त माह में देश का निर्यात 17 प्रतिशत बढ़ा है, अगर ऐसा ही रहा तो साल के अंत तक भारत का निर्यात लगभग 750 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। फिलहाल भारतीय अर्थव्यवस्था मंहगाई, रूपये में गिरावट, कच्चे तेल एवं कमोडिटी कीमतोंं से जूझ रही है। इसका सामना भारत ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व कर रहा है। टॉप 5 में शामिल होना सिर्फ भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ही सकारात्मक नहीं बल्कि आम लोगों की जिंदगी भी इससे प्रभावित होगी।
क्या है IMF रिपोर्ट ?
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF ) एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जो 1945 में अस्तित्व में आया था। इसका मुख्य उद्देश्य– सदस्य देशों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पर्याप्त तरलता के माध्यम से उनके भुगतान संतुलन में सुधार में मदद करना है।
IMF रिपोर्ट में कौन कहॉं है ?
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने पहली तिमाही (अप्रैल-जून, 2022) में बढ़त हासिल कर ली है। भारत को यह गौरव दूसरी बार प्राप्त हुआ है, इससे पहले साल 2019 में भी ब्रिटेन को छठे स्थान पर धकेल दिया था। ब्रिटेन की GDP, सात प्रतिशत अनुमानित वृद्धि दर के साथ 3.19 लाख करोड़ डॉलर है। इस वर्ष सालाना आधार पर भी ब्रिटेन को पीछे छोड़ने की संभावना है। भारत की अर्थव्यवस्था 854.7 अरब डॉलर रही है, जबकि इसी अवधि में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 816 अरब डॉलर रही।
- प्रथम – अमेरिका
- द्वितीय – चीन
- तृतीय – जापान
- चौथी – जर्मनी
- पांचवा – भारत
ब्रिटेन के पिछड़ने का क्या कारण है ?
भारत ने महामारी के बावजूद भी आर्थिक संकटों के बीच चुनौतियों का बेहतर तरीके से सामना किया है जबकि ब्रिटेन ने महामारी से उत्पन्न आर्थिक संकटों का सामना सुस्त तरीके से किया है। इसके अलावा डॉलर के मुकाबले भारत के रूपये का प्रदर्शन UK के पाउंड से काफी बेहतर रहा है। जहां UK की अर्थव्यवस्था 1 प्रतिशत से भी नीचे है, तो वहीं भारतीय अर्थव्यवस्था 7 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज कर रही है। इन्हीं सब वजहों में मंहगाई भी ब्रिटेन को पीछे ले जाने में महत्वपूर्ण कारक है।
लक्ष्य : 2047 तक भारत का विकसित देश बनने का उद्देश्य है :
हाल ही में मोदी सरकार ने 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का लक्ष्य तय किया है। देशहित में उठाए गए लगातार सुधार के सकारात्मक कदमों की बदौलत भारतीय अर्थव्यवस्था में अन्य देशों के मुकाबले तीव्र गति बनी हुई है। सरकार ट्रांसफॉर्म, रिफॉर्म एवं परफॉर्म की नीति ने विश्व स्तर पर भारत को सशक्त पहचान दी है। आजादी के अमृत काल में देश का विश्व की सबसे बड़ी 5वीं अर्थव्यवस्था के रूप में उभरना भारतीयों के लिए गौरवांवित करने वाला क्षण है।
भारतीय अर्थव्यवस्था सही दिशा में अग्रसर :
आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर, IMF रिपोर्ट यह साबित करती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था सही दिशा में आगे बढ़ रही है। भारत आपदाओं के बावजूद नए अवसरों पर मजबूती से आगे बढ़ते हुए लगातार आर्थिक मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। पिछले 10 वर्षों में 11वें पायदान से 5वें पायदान तक का सफर भारत ने तय किया है। इस लिहाज से यह बेहद शानदार और प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व करने वाला क्षण है। एक वार्ता के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने यह स्पष्ट किया है कि देश में मंदी का खतरा नहीं है। यह भी स्पष्ट किया कि अन्य देशों की तुलना में भारत मजबूत स्थिति में है।
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