INC President Nomination: गहलोत ने केंद्र की राजनीति को भी काफी करीब से देखा है। उन्होने तीन प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया। जिसमें इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और नरसिम्हा राव जैसे बड़े नाम शामिल है। अशोक गहलोत क्रांगेस पार्टी के सबसे पुराने और सबसे करीबी नेता हैं।
अशोक गहलोत 28 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष पद हेतु नामांकर भर सकते हैं। जिसके लिए 17 अक्टूबर को चुनाव होंगे और 19 अक्टूबर परिणाम घोषित होंगे। तमाम नेताओं की दावेदारी के बावजूद इस रेस में राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अव्वल दिखाई दे रहे हैं। तो चलिए जानते है, गांधी परिवार से बाहर पहली बार, INC President पद के दावेदार अशोक गहलोत के सियासी सफर के बारे में …
कब और कहां जन्में गहलोत ?
अशोक गहलोत का जन्म 3 मई 1951 को राजस्थान की नीली नगरी कहे जाने वाले जोधपुर में हुआ। गहलोत की प्राथमिक शिक्षा शहर में ही हुई थी। क्योंकि उनके पिता जादूगर थे, इसीलिए उन्होंने भी जादू सीखा और कई कार्यक्रमों में अपने पापा के साथ जाया करते थे। हालांकि, बाद में गहलोत में जादू दिखाना बंद कर दिया। गहलोत ने साइंस में B.Sc, L.L.B, और इकनॉमिक्स में PG भी किया।
बनना चाहते थे डॉक्टर :
अशोक ने 2019 में जयपुर के एक निजी अस्पताल में समारोह के दौरान खुद कहा था कि वे डॉक्टर बनना चाहते है।, लेकिन मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट क्लीयर न कर सके। अब वही लड़का 24 साल बाद कांग्रेस के गैर गांधी अध्यक्ष बन सकते है। अर्थात् 71 साल के गहलोत आज देश की सबसे पुरानी पार्टी के सबसे बड़े पद पर बैठ सकते हैं।
INC President पद के दावेदार गहलोत का राजनैतिक सफर:
कहां से रखा राजनीति में कदम ?
गहलोत पढ़ाई के दौरान ही छात्र राजनीति में एक्टिव हो गए थे। अपनी राजनीतिक सफर की शुरूआत उन्होंने कांग्रेस छात्र संगठन NSUI से की और फिर कभी पीछे मुडकर नहीं देखा। गहलोत का सियासी तारा जल्द ही चमक उठा। सन् 1973 में गहलोत को राजस्थान NSUI का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया और इस पद पर वे 1979 तक बने रहे। फिर उन्हें जोधपुर जिला कांग्रेस कमेटी की कमान सौंपी गई। और यहां से उन्होंने अपनी जादूगरी दिखाना शुरू किया। साल 1982 में उन्हें राजस्थान कांग्रेस का महासचिव बना दिया गया।
3 बार प्रदेश अध्यक्ष व 5 बार सांसद चुने गए
अशोक गहलोत ने महज 34 साल की उम्र में ही राजस्थान कांग्रेस की कमान संभाल ली। वे तीन बार कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष पद पर रहे। वे पहली बार 1985 -1989 तक दोबारा दिसंबर 1994 -1997 तक और तीसरी बार 1997 – 1999 तक वे इस पद पर बने रहे।
साल 1977 में गहलोत पहली बार चुनाव मैदान में उतरे और सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा। हालांकि पहली बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा । दो वर्ष बाद 1979 में गहलोत जोधपुर सीट से दोबारा चुनावी मैदान में आए। औ साल 1980-84 में पहली बार सांसद पद पर बने रहे। इसके बाद साल 1984-1989, 1991-1996, 1996-1998 और 1998-1999 में जोधपुर से ही लगातार सांसद रहे।
5 बार विधायक व 3 बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने
साल 1999 में जोधपुर की सरदारपुरा से ही विधानसभी सीट पर चुनाव जीतकर वे राजस्थान विधानसभा के सदस्य रहे। इसके बाद उन्होंने 2003, 2008, 2013 और 2018 में भी इसी विधानसभी सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने।
अशोक गहलोत राजस्थान के 3बार मुख्यमंत्री बने। सबसे पहले उन्होंने साल 1998 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और 2003 तक वे सीएम पद पर रहे। दूसरी बार 2008-2013 तक इस पद पर रहे।तीसरी बार साल 2018 से अबतक वे मुख्यमंत्री पद पर हैं। वर्तमान में भी वे इस पद पर हैं।इसके अलावा भी वे जून 1989 से नवंबर 1989 की अल्प अवधि के लिए राजस्थान सरकार में मंत्री चुने गए थे। इस दौरान उनके पास गृह और स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग था।
केंद्र सरकार में भी रहें मंत्री
अशोक गहलोत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के साथ ही पीवी नरसिम्हा राव सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे थे। इंदिरा गांधी सरकार में गहलोत 2 सितंबर 1982 – 7 फरवरी 1984 तक पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन उपमंत्री रहे थे। और 7 फरवरी 1984- 31 अक्टूबर 1984 तथा 12 नवंबर 1984 – 31 दिसंबर 1984 तक वे खेल उपमंत्री भी रहे थे। साल 1984-85 तक गहलोत ने केंद्रीय पर्यटन तथा नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री के रूप में भी काम किया था। 1991-1993 तक वे केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री भी रहे है। इससे पहले यह मंत्रालय तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पास था।
कांग्रेस पार्टी के इन पदों पर भी रहे विराजमान
गहलोत को जनवरी 2004 से जुलाई 2004 तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया। इस दौरान छत्तीसगढ़ और हिमाचल के प्रदेश प्रभारी मंत्री भी रहे थे। जुलाई 2004 में उन्हें कांग्रेस का महासचिव बनाया गया था। इस पद पर वे फरवरी 2009 तक बने रहे। इस दौरान वे उत्तर प्रदेश, कांग्रेस, दिल्ली की इकाइयों और सेवा दल के प्रभारी भी रहे । 30 मार्च 2018 को एक बार फिर उन्हें महासचिव बनाया गया। अब वे कांग्रेस के अध्यक्ष पद की रेस में प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।
गहलोत 28 को दाखिल करेंगे INC President पद हेतु नामांकन:
हाल ही में गुरूवार को कांग्रेस पद चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया । चुनाव प्रक्रिया 24 सितंबर से शुरू होकर 30 सितंबर तक चलेगी। बताय जा रहा है कि, 28 सितंबर को गहलोत INC President पद हेतु 28 को नामांकन दाखिल कर सकते है। और 19 अक्टूबर को घोषित होने वाले मतगणना परिणाम में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अशोक गहलोत का नाम सामने आ सकता है।
Comments