IMF (International Monetary Fund) : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अतंराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की वार्षिक बैठक के दौरान कहा- अनिश्चितता भरी इस दुनिया में भारत ने असाधारण प्रर्दशन किया है। इससे एक दिन पहले आईएमएफ की बैठक में उन्होंने कहा कि भारत का वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में एक उज्ज्वल स्थान पर है। उन्होने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की समिति को सम्बोधित करते हुए कहा- भारत चालू वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 13.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। जो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा, वैश्विक बाधाओं के बावजूद आईएमएफ ने भारत की GDP साल 2022 और 2023 के लिए 6 प्रतिशत से भी अधिक रहने का अनुमान लगाया है। जोकि एकमात्र सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
सर्दियों में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस पर बढ़ सकता है संकट
इस IMF बैठक में सीतारमण ने अनिश्चित भू-राजनीतिक संकट पर चिंता जताई । और उन्होंने कहा, तनावपूर्ण और अनिश्चित भू-राजनीतिक संकट सर्दियों में कच्चे तेल तथा प्राकृतिक गैस की आपूर्ति हेतु नयी परेशानी पैदा कर सकता है। उन्होंने आगे कहा कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति नियंत्रित कर पाना प्रमुख चिंता का विषय है। इसके साथ ही उन्होंने विश्व बैंक की विकास समिति की बैठक में विश्व बैंक को संसाधन जुटाने हेतु अभिनव तरीके तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया।
इन कारोबार में सुधार की गुंजाइश
वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा, पहली तिमाही में ही 13.5 प्रतिशत GDP वृध्दि दर के उच्च स्तर को छूने से भारत महामारी से पहले के स्तर को 3.8 प्रतिशत पर कर सकेगा। दरअसल, भारत में अप्रैल 2022 से पूर्णत: लॉकडाउन हटाने के बाद पहली तिमाही में उपभोक्ता खर्च में 26 फीसदी की वृद्धि हुई थी। जोकि उपभोक्ताओं के विश्वास और संपर्क गतिविधियों से संभव हो पाया था। उन्होंने कहा कि बड़े कारोबार, होटल, रेस्टोरेंट में अभी भी सुधार की गुंजाइज देखी जा रही है।
भारत के उपलक्ष्य में क्या बोलीं वित्तमंत्री ?
वित्तमंंत्री सीतारमण ने जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय में कहा, भारत अब वैश्विक मानक स्थापित कर रहा है। जिसे विश्व भर के देश इस उपलब्धि के मायने को पहचानते हैं। कई देश मानते है कि इस उपलब्धि का पैमाना पूर्ण रूप से निर्विवाद प्रमाण है, जो सालों से अचूक है। वित्त मंत्री ने पुष्टि कर कहा भारतीय अर्थव्यवस्था बड़े पैमाने पर अच्छा खासा कारोबार कर रही है। क्योंकि पिछले 2 सालों में जो हुआ है, उसमें विश्वास सुखद रूप से महसूस किया गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का पुनरूत्थान सतत विकास के पथ पर है तथा संभावित वैश्विक मंदी का सामना करने के लिए यह लाचीसा बना रहेगा।
आपको बता दें कि आईएमएफ तथा वर्ल्ड बैंक की बैठक के अलावा वित्त मंत्री सीतारमन ने IMF की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ से भी मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान दोनों ने कई वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।
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