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IFS Officer Kanishka Singh Sagar: IFS अधिकारी कनिष्‍का सिंह, पहली बार फेल, दूसरे प्रसाय में ऐसे पाई सफलता..

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IFS Officer Kanishka Singh

IFS Officer Kanishka Singh Sagar (UPSC Success Story) : संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित UPSC सिविल सेवा परीक्षा को देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षा माना जाता है। अभ्‍यार्थियों को इस परीक्षा में सफलता प्राप्‍त करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। इस परीक्षा को क्‍लीयर करने का आधार स्‍तंभ सही रणनीति, स्‍व-अध्‍ययन और समय प्रबंधन को बेहद महत्‍वपूर्ण माना गया है। इस मैराथन परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले अधिकारी भी सही रणनीति को ही इसका आधार स्‍तंभ बताते हैं। आज हम आपके साथ  IFS Officer Kanishka Singh Sagar की सफलता की कहानी साझा करने वाले हैं।जो आज तुर्कमेनिस्‍तान में चांसरी के प्रमुख पद पर तैनात हैं..

कौन हैं कनिष्‍का सिंह सागर ?

IFS अधिकारी कनिष्‍का सिंह सागर दिल्‍ली शहर की रहने वाली हैं, उनके पिता दिल्‍ली पुलिस में तैनात हैं। इन्‍होंने दिल्‍ली के महिला श्रीराम कॉलेज से मनोविज्ञान की डिग्री हासिक की। कनिष्‍का का रूझान सिविल सेवाओं की ओर होने के कारण कॉजेज के बाद वे UPSC परीक्षा की तैयारीयों में जुट गईं। कनिष्‍का सिंह ने पहली बार साल 2017 में इस परीक्षा के लिए अपना भाग्‍य आजमाया था, लेकिन वह असफल रहीं। इसके बाद उन्‍होंने 60 मॉक टेस्‍ट देकर अच्‍छे से तैयारी करने के बाद  2018 में परीक्षा दी। दूसरी बार में वे न सिर्फ पास हुईं बल्कि अच्‍छी रैंक (416) पाकर भारतीय विदेश सेवा की अफसर भी बनीं।

तुर्कमेनिस्‍तान में चांसरी के पद पर हैं तैनात :

IFS Officer Kanishka Singh वर्तमान में भारतीय दूतावास अश्‍गाबात (Embassy of India Ashgabat), तुर्कमेनिस्‍तान में द्विवीय सचिव और चांसरी के प्रमुख पद पर तैनात हैं। कनिष्‍का और अनमोल सागर की LBSNAA love story भी काफी चर्चित रही है। अनमोल सागर एक IAS Officer हैं। दोनों की मुलाकात लाल बहादुर शास्‍त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्‍ट्रेशन (LBSNAA) मसूरी में हुई थी। इस आईएएस ट्रेनिंग अकादमी से कई अफसरों की प्रेम कहानियां निकलती हैं। इसके बाद इनकी दोस्‍ती हुई फिर प्‍यार और उसके बाद दोनों की शादी हो गई। 

पहले प्रयास में क्‍यों हुईं असफल ?

कनिष्‍का पहली बार साल 2017 में UPSC सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में शामिल हुई थीं, लेकिन वह असफल रहीं। उन्‍होंने अपने पहले प्रयास की गलतियों से बहुत कुछ सीखा। भारतीय विदेश अधिकारी कनिष्‍का सिंह सागर बताती हैं कि पहले प्रयास में उन्‍होंने ‘मॉक टेस्‍ट’ नहीं दिए थे। इसलिए उनको पहले प्रयास में सफलता नहीं मिल पाई। हांलांकि उन्‍होंने अपनी गलतियों को नोट किया और उन पर काम करना शुरू किया। और अपने दूसरे प्रयास साल 2018 के यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्‍त कर ली। इस परीक्षा में उन्‍हें अच्‍दी रैंक हासिल हुई वे IAS  के लिए चुनी गईं। लेकिन इसके बावजूद उन्‍होंने भारतीय विदेश सेवा (IFS) को ही वारीयता दी और अपना ख्‍वाब हकीकत में बदल दिया। हालांकि इसके लिए  उन्‍हें अपने परिवार के सदस्‍यों को मनाना पड़ा।

upsc aspirant के लिए सलाह :

कनिष्‍का अपने तजुर्बे और एक्‍सपीरिएंस से अन्‍य उम्‍मीदवारों को कहती हैं कि उन्‍हें मॉक टेस्‍ट में की गई अपनी ग‍लतियों पर ध्‍यान देना चाहिए। इससे सफल होने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती हैं। कनिष्‍का ने कई साक्षात्‍कारों में बताया कि संघ लोक सेवा आयोग की मुख्‍य परीक्षा के लिए राईटिंग प्रक्रिया बहुत महत्‍वपूर्ण है। इसका अभ्‍यास लगातार करते रहें और एक समय में एक ही विषय पर ध्‍यान केंद्रित करें। उम्‍मीदवारों को अपनी  क्षमता के मुताबिक सही रणनीति बनाकर इस परीक्षा की तैयारी करनी शुरू करनी चाहिए। उत्‍तर को लगातार दोहराना और लिखना महत्‍वपूर्ण हैं, इसके साथ ही समय प्रबंधन भी महत्‍वपूर्ण है।

 

 


Kusum
I am a Hindi content writer.

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