Hijab Ban(ईरान न्यूज) : एक मानवाधिकार समूह ने दावा किया है कि ईरान के 111 शहरों में एक माह में जारी Hijab Ban प्रदर्शन में लगभग 240 से ज्यादा प्रदर्शनकारी मारे जा चुके हैं। इसके अलावा 8,000 से अधिक लोग गिरफ्तार किए जा चुके है। ईरान में महशा अमीनी की हत्या के बाद शुरू हुआ यह विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। करीब एक महीने से जारी इस प्रदर्शन को रोकने के लिए सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है। सरकार की भारी सख्ती और देशभर में इंटरनेट बंद किए जाने के बाद भी लाखों की तादाद में लोग सड़कों पर उतर रहे हैं। शनिवार एवं रविवार को सड़कों पर उतरे लोगों ने सरकार और धार्मिक नेताओं के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
कैदी-सुरक्षाकर्मियों के बीच घमाशान:
रविवार की सुबह तेहरान की कुख्यात एविन जेल में महशा अमीनी के समर्थन में कैदी-सुरक्षाकर्मियों से भिड़ गए। इस घमाशान में गोलियां चल गईं। इसके बाद आग लग गई, जिससे 4 कैदियों की मौत हो गई, इसके साथ ही 61 लोग घायल हो गए। हालांकि, खबर मिली है कि अब जेल में शांति बहाल हो चुकी है। अभियोजक अली सालेही ने दावा किया है कि उपद्रव का महशा अमीनी के समर्थन में जारी प्रदर्शनों से कोई लेना-देना नहीं है।
छात्राएं कर रही प्रदर्शन का नेतृत्व:
इस प्रदर्शन का नेतृत्व कॉलेज की छात्राएं कर रही हैं। तेहरान के शरीयती टेक्निकल एंड वोकेशनल कॉलेज की छात्राओं का वीडियो खूब चर्चा में रहा, जिसमें छात्राएं बिना हिजाब के मुल्लाओं के खिलाफ नारेबाजी करती दिखीं। सरकार अब उन पत्रकार, कलाकार और खिलाडियों को निशाना बना रही है, जिन्होंने प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष तौर पर प्रदर्शनों का समर्थन किया और कर रहे हैं।
सड़कों पर प्रदर्शन जारी :
मानवाधिकार समूह ने दावा किया है कि ईरान के 111 शहरों में करीब एक माह से जारी प्रदर्शन में 240 से ज्यादा प्रदर्शनकारी मारे जा चुके हैं। और 8 हजार से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। समाचार एजेंसी इरना से मिली जानकारी के मुताबिक, 17 सितंबर से शुरू हुए हिजाब बैन प्रदर्शनों में अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि इस प्रदर्शन के चलते अब तक 850 से ज्यादा सैनिक घायल हो चुके हैं।
हम ईरान की बहादुर महिलाओं के साथ हैं: बाइडेन
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ईरान की प्रदर्शनकारी महिलाओं को ट्वीट कर कहा- अमेरिका ईरान की बहादुर, साहसी महिलाओं और नागरिकों के साथ हैं। ईरान में इस प्रकार की भावना का जागृत होना, इस बात का संकेत है कि अब दुनिया हिंसा और दमन के सामने झुकेंगे वाली नहीं है। भविष्य में महिलाएं अपने अधिकारों पाने के लिए किसी की मौहताज नहीं होंगी।
Comments