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GST Council: जीएसटी परिषद की 48वीं बैठक समाप्‍त, GST कानूनों से जुड़े ये मुद्दे अपराध की श्रेणी से बाहर…

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GST Council

GST Council: शनिवार को आयोजित ‘GST Council‘ की 48वीं बैठक समाप्‍त हो चुकी है। केंद्रीय वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्चुअल माध्‍यम से इस बैठक की अध्‍यक्षता की। बैठक के दौरान GST से जुड़े कई मामलों के गैर-अपराधीकरण का फैसला लिया गया। बैठक के बाद वित्‍त मंत्री सीतारमण ने बताया कि आज की ‘जीएसटी परिषद’ में एजेंडा के 8 बिंदुओं पर चर्चा की गई। जिसमें GOM से जुड़े 2 मुद्दों पर चर्चा की आवश्‍यकता थी, परन्‍तु इन पर विचार विमर्श नहीं किया जा सका। आज की इस बैठक के ये मुद्दे पान मासाला,  गुटखा और तंबाकू पर क्षमता-आधारित कराधान और GST न्‍यायाधिकरण की स्‍थापना से संबंधित थे। 

कौन से मुद्दों पर हुई चर्चा ?

अभियोजन राशि बढ़कर 2 गुनी हुई :

आज बैठक के बाद राजस्‍व सचिव ने बताया कि, जीएसटी परिषद की बैठक के दौरान कई अहम फैसले लिए गए। जिसमें से किसी भी अधिकारी को अपने कर्तव्‍यों का निर्वहन करने से रोकने सहित कुछ मामलों का गैर-अपराधीकरण करने का फैसला लिया गया। वहीं GST कानूनों के तहत किसी भी मामले में अभियोजन शुरू करने की राशि सीमा को बढ़ाकर 1 करोड़ से 2 करोड़ रूपये (नकली चालान को छोंड़कर) कर दिया गया। आगे राजस्‍व सचिव ने बताया कि दालों की भूसी पर Tax की दर 5% से घटाकर शून्‍य कर दी गई है। वहीं बैठक में रिफाइनरियों के लिए पेट्रोल में रियायती दर पर 5% इथेनॉल मिश्रण की अनुमति दी गई है।

मौद्रिक सीमा बढ़ाने का सुझाव :

जीएसटी (Goods And Services Tax) कानूनों के तहत अपराधों के गैर-अपराधीकरण के संबंध में GST परिषद की कानून समिति (जिसमें केंद्र एवं राज्‍यों के टैक्‍स अधिकारी शामिल हैं) ने परिषद को जीएसटी अपराधों के लिए अभियोजन शुरू करने हेतु मौद्रिक सीमा बढ़ाने का सुझाव दिया था। बैठक से पहले ‘Law Committee‘ ने यह सुझाव भी दिया था कि GST अपराधों के कंपाउंडिंग के लिए करदाता की ओर से देय शुल्‍क को टैक्‍स राशि के 25% तक कम कर दिया जाना चाहिए। जो वर्तमान में 150% तक है, इस बात को समिति ने व्‍यापार करने में आसानी में सुधार की दृष्टि से कही थी।

सूत्रों से प्राप्‍त जानकारी के मुताबिक, इस जीएसटी बैठक में पान मसाला और गुटखा-तंबाकू कंपनियों की तरफ से चोरी पर GoM की रिपोर्ट पर चर्चा होनी थी। जीएसटी( माल और सेवा कर) अपीलीय न्‍यायाधिकरण (GSTATs) की स्‍थापना के संबंध में  GoM ने सुझाव दिया है कि न्‍यायाधिकरणों में 2 न्‍यायिक सदस्‍य एवं केंद्र और राज्‍यों में एक-एक तकनीकी सदस्‍य के अलावा अध्‍यक्ष के रूप में एक सेवानिवृत्‍त सुप्रीम कोर्ट के न्‍यायाधीश को शामिल किया जाना चाहिए।

Kusum
I am a Hindi content writer.

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