Google Fine: नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने गूगल को CCI की ओर से लगाए गए 1,337.76 करोड़ रूपये के जुर्माने का 10% जमा करने का निर्देश दिया है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल एंड्रॉइड मोबाइल डिवाइस इकोसिस्टम में कथित उल्लंघनों के लिए CCI के 1337 करोड़ रूपये के जुर्माने को चुनौती देने वाली गूगल की याचिका पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है। ट्रिब्यूनल ने सीसीआई को नोटिस जारी कर गूगल की याचिका पर जवाब मांगा है। अब NCLAT ने याचिका को स्वीकार करते हुए गूगल को बोनाफाइड दिखाने हेतु जुर्माने का 10 फीसदी जमा करने को कहा है। इस बीच NCLAT ने CCI द्वारा आदेशित Google Fine लगाने से इंकार कर दिया।
क्या है मामला ?
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLAT) का यह निर्देश गूगल की ओर से दायर उस याचिका पर आया है। जिसमें Google की ओर से एंड्राइड मोबाइल डिवाइस पारिस्थितिकी में कई बाजारों में अपनी मजबूत स्थिति का दुरूपयोग करने के CCI के आदेश को चुनौती दी गई थी। CCI के इस निर्देश में कहा गया था कि, यह फैसला भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए एक झटका है। जो देश में ऐसे उपकरणों को और अधिक महंगा बना देगा। बीते वर्ष 20 अक्टूबर को Competition Commission Of India (CCI) ने एंड्रायड मोबाइल उपकरणों के संबंध में प्रतिस्पर्धा रोधी गतिविधियों के लिए गूगल पर 1,337.76 करोड़ रूपये का जुर्माना लगाया था।
अनुचित कारोबारी गतिविधियों से दूर रहने का भी दिया था आदेश :
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने अक्टूबर के फैसले में इंटरनेट कंपनी को विभिन्न अनुचित कारोबारी गतिविधियों से दूर रहेने का भी आदेश दिया था। जिस पर गूगल ने इसे NCLAT के समझ चुनौती दी थी, जो नियामक की ओर से जारी कए गए किसी भी निर्देश या निर्णय या पारित ओदश के खिलाफ एक अपीलीय प्राधिकरण है। Google ने अपनी याचिका में 1,337 करोड़ रूपये के जुर्माने पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की थी।
क्या है NCLAT ?
राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) का गठन कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 410 के तहत किया गया। यह 1 जून 2016 से राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) के आदेशों के खिलाफ अपील की सुनवाई के लिए बनाया गया ट्रिब्यूनल है। जो अपीलीय न्यायाधिकरण के तौर पर काम कर रहा है। आपको बता दें कि यदि कोई कंपनी दिवालिया होती है, तो मामला सबसे पहले NCLAT जाता है। इसके बाद इनसॉल्वेंसी प्रोफेशनल नियुक्त किया जाता है।
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