GMRIT: दिग्गज भारतीय IT कंपनी Infosys के संस्थापक N.R. नारायण मूर्ति ने GMR इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (GMRIT) के एक कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते बोले- ”भारत की वास्तविकता का अर्थ है भ्रष्टाचार, गंदी सड़कें, प्रदूषण और कई बार बिजली की अनुपस्थिति। जबकि वहीं, सिंगापुर की वास्तविकता का अर्थ है साफ सड़के, प्रदूषण मुक्त वातावरण और बहुत सारी ऊर्जा”। उन्होंने छात्रों से कहा, उस नई वास्तविकता को बनाने की जिम्मेदारी आपकी है। इसलिए भारत की वास्तविकता के अर्थ को बदलने के लिए युवाओं को आगे आकर पहल करनी होगी। इस बात का दावा GMR द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में किया गया है।
क्या बोले N.R. नारायण मूर्ति ?
हर कमी को अवसर के रूप में देखें : नारायण मूर्ति
इंफोसिस के संस्थापक N.R. नारायण मूर्ति विजयनगरम् जिले के राजम में GMR इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के रजत जयंती समारोह में पहुंंकर छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हर कमी को बदलाव के अवसर के रूप में देखना चाहिए और खुद को एक लीडर के रूप में कल्पना करते हुए उस कमी को दूर करने की कोशिश करनी चाहिए। न कि हांथ बांधकर किसी और की प्रतीक्षा करनी चाहिए। आप खुद बदलाव लाने की वजह बनें।
युवा बदलाव की मानसिकता लांए : नारायण मूर्ति
इंफोसिस फाउण्डर नारायण मूर्ति ने आगे कहा, ‘युवाओं को समाज में बदलाव लाने की मानसिकता विकसित करनी होगी। हम सभी को जनता, समाज और राष्ट्र के हित के लिए अपने व्यक्तिगत हितों से हमेशा ऊपर रखकर सोंचना होगा’। उन्होंने GMR ग्रुप के अध्यक्ष G.M. राव का उदाहरण देते हुए छात्रों को उनसे प्रेरणा लेने और जब भी संभव हो एक उद्यमी बनने और अधिक से अधिक रोजगार सृजित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि,”अधिक नौकरियों का सृजन गरीबी को दूर करने और कम विशेषाधिकार प्राप्त लोगों की मदद करने का एकमात्र समाधान है”।
क्या बोले GMR ग्रुप के अध्यक्ष ?
वहीं इस समारोह के दौरान जीएमआर समूह के अध्यक्ष G.M. राव बोले- नारायण मूर्ति महत्वाकांक्षी युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। उन्होंने नारायण मूर्ति के बारे में बात करते हुए कहा, कि आप मेरी टीम, सभी छात्रों और फैकल्टी के लिए एक प्रेरणा हैं। आज GMRIT कंपनी को 25 वर्ष हो चुके हैं, इस संस्था की स्थापाना साल 1997 में हुई थी। यह संस्था कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी आर्म GMR वरलक्ष्मी फाउण्डेशन की ओर से संचालित है।
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