Gehlot Vs Pilot: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के आगमन से पहले राजस्थान में ‘Gehlot Vs Pilot’ के बीच सियासी घमासान मचा हुई है। CM अशोक गहलोत ने साल 2020 में प्रदेश में हुई राजनीतिक अस्थिरत के दौर की चर्चा पर दावा करते हुए कहा हे कि, तब पायलट ने अपनी ही पार्टी की सरकार गिराने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा, कि सचिन पायलट से भाजपा के नेताओं ने मुलाकात की थी। प्रदेश प्रमुख अशोक गहलोत द्वारा अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट को गद्दार करार देने के बाद राजनीतिक बयानों की बाढ़ आ गई है। अब इस मामले में BJP पार्टी की भी एंट्री हो चुकी है।
क्या है मामला ?
दरअसल, प्रदेश प्रमुख अशोक गहलोत ने 2 दिन पहले एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि सचिन पायलट गद्दार हैं। उन्होंने BJP के साथ मिलकर बगावत करने की कोशिश की थी। 10-10 करोड़ रूपये विधायकों को दिए गए, इसकी पुष्टि कर सकता हूं। जिनमें से 10 विधायक उनके साथ नहीं हैं, उन्हें CM के तौर पर कोई स्वीकार नहीं करेगा। गहलोत की टिप्पणी के बाद देर शाम पायलट की भी सधी हुई प्रतिक्रिया आई। उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा- गहलोत एक वरिष्ठ नेता हैं और उनसे ऐसे बयान की उम्मीद नहीं थी। वह मुझे गद्दार, नाकारा व निकम्मा करते हैं, लेकिन मेरी परवरिश ऐसे शब्दों का उपयोग करने की अनुमति नहीं देती। इस समय हमे कांग्रेस और राहुल गांधी के हाथ को मजबूत करना है।
इस भूचाल से कांग्रेस भी चकित :
जहां राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 4 दिसंबर को राजस्थान में प्रवेश करने जा रही है। उससे पहले मचे Gehlot Vs Pilot घमासान से कांग्रेस भी चकित है। गहलोत ने ना सिर्फ सचिन पायलट पर निशाना साधा बल्कि उन्होंने सीएम बनाने की मांग पर भी इशारों-इशारों में जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि गांधी और अम्बेडकर ने एक करने की बात कही, लेकिन आज सब अलग-अलग जातियों में बंट गए। हालांकि जयराम ठाकुर ने कहा, कांग्रेस को उनके जैसे अनुभवी नेता की जरूरत है। सचिन जैसे ऊर्जावान, लोकप्रिय और अनुभवी नेता भी हमारी आवश्यकता है। जल्द ही राजस्थान के मामले में संगठन को सर्वोपरि मानकर हल निकाला जाए। जरूरी है कि जो भी हल निकले, वो व्यक्ति आधारित नहीं हो।
घमासान के बीच BJP की एंट्री :
राजस्थान में मचे सियासी भूचाल में अब एक नया ट्वीस्ट देखने को मिल रहा है, क्योंकि अब इस घमासान में भाजपा की भी एंट्री हो चुकी है। प्रदेश के मुखिया गहलोत के जुबानी हमले के बाद BJP के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पुनिया ने भी अपनी पार्टी का बचाव करते हुए गहलोत पर ही सवाल खड़े कर दिए। सतीश पुनिया ने जारी बयान में कहा कि हमने किसी को पीले चावल नहीं दिए थे कि आइए और सरकार गिराइए।
अशोक गहलोत और सचिन पायलट में घमासान के कारण कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख जयराम रमेश को कहना पड़ा कि कांग्रेस में डर का माहौल नहीं है। हमारा हाईकमान तानाशाह नहीं है। पार्टी के नेता जो भी मन में आता है, वह बोल रहे है। गहलोत काफी अनुभवी नेता हैं, उनसे इस तरह के बयान की उम्मीन नहीं थी। अप्रत्याशित लगा।
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