Gangotri National Park: उत्तराखंड के गंगोत्री नेशनल पार्क में संरक्षित वन्य जीवों के लिए नया संकट पैदा हो गया है। चरवाहों के साथ पहुंचे ये कुत्ते ‘Gangotri National Park’ क्षेत्र में रहकर हिंसक हो बन चुके हैं। अब ये कुत्ते कुत्ते अब घुरड़, चीतल, काकड़, सांभर और अरगली भेड़ जैसे वन्यजीवों पर हमला कर रहे हैं। उत्तरकाशी जिले में 2,390 किमी. क्षेत्र में विस्तारित इस राष्ट्रीय उद्यान में इन कुत्तों से हिम तेंदुओं को भी खाना जुटाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। दरअसल, 1989 में स्थापिक इस गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र में खानाबदोश चरवाहों के साथ पालतु कुत्ते भी पहुंच जाते है। जो ITBP सेना के कैंपों के बाहर बचा-कुचा खाना मिलते रहने से वहीं बस जाते हैं।
ये कुत्ते यहां रहकर धीरे-धीरे जंगली बनने लगते हैं और पार्क क्षेत्र में अपनी तदाद बढ़ा देते हैं। पालतू से जंगली और हिसक बन चुके ये कुत्ते पार्क क्षेत्र के वन्यजीवों के लिए खतरा बनते जा रहे हैं।
क्या बोले वैज्ञानिक डाॅ. SS कुमार ?
भारतीय वन्यजीव संस्थान के लुप्तप्राय प्रजाति प्रबंधन विभाग के वैज्ञानिक डा. एस सत्या कुमार ने बताया कि, संस्थान की ओर से नेलांग घाटी में लगाए गए ट्रैप कैमरे में 5 हजार मीटर तक ऐसे कुत्ते देखे गए हैं। उन्होंने बताया कि ये कुत्ते काकड़, घुरड़, चीतल, सांभर और अरगली भेड़ पर हमला करते हैं। जिससे उनका जीवन संकट में पड़ गया है।
शोधार्थी डॉ. रंजना पाल ने कहा ?
हाल ही में, नेलांग घाटी से वापस लौटी व संस्थान से जुड़ी शोधार्थी डॉ. रंजना पाल का कहना है कि, ये हिंसक कुत्ते झुंड में हिम तेंदुओं के शिकार को भी छिना-छपटी कर छीन लेते हैं। ऐसे में हिम तेंदुआ को भी अपना खाना जुटाने के लिए संद्यर्ष करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि, पार्क क्षेत्र में ऐसे हिंसक कुत्तों की गणना नहीं हुई। लेकिन सेना और ITBP कैंप के बाहर करीब 20 से 25 कुत्ते मौजूद हैं।
कुत्तों को हटाने का सुझाव :
भारतीय वन्यजीव संस्थान ने पिछले वर्ष गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन को नेलांग घाटी के PDA, मंडी व सुमना के प्रतिबंधित क्षेत्रों से कुत्तों को हटाने का सुझाव दिया था। परन्तु पार्क प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया। यहां खानाबदोश चहरवाहों ने पार्क क्षेत्र में दुर्लभ अरगली भेड़ कम दिखने की सूचना दी थी। इसकी मुख्य वहज भी कुत्तों के हमले बताए जा रहे हैं।
डॉ. एस. सत्या कुमार, वैज्ञानिक भारतीय वन्यजीव संस्थान: ”किसी भी राष्ट्रीय पार्क में ऐसे कुत्तों का रहना बहुत ही खतरनाक है। इन कुत्तों को पार्क क्षेत्र से बाहर निकालने के साथ इनकी नसबंदी जरूरी है।”
रंगनाथ पाण्डेय, उप निदेशक गंगोत्री नेशनल पार्क: ”पार्क क्षेत्र से जंगली बन चुके पालतू कुत्तों को हटाने और नसबंदी के लिए बजट की मांग की गई है। जैसे ही बजट उपलब्ध होगा, यह काम किया जाएगा।”
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