G20 Summit 2022: इंडोनेशिया के बाली में आयोजित G20 Summit के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिंनपिंग ने कई वैश्विक नेताओं के साथ संबंध सुधारने का अवसर खो दिया। जिसके पीछे की वजह उनकी तानाशाही बताई जा रही है। दरअसल, जिनपिंग की योजना थी कि वे बाली में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन में भी अपनी धौंस जमाएंगे, लेकिन उनकी इस उम्मीद पर तब पानी फिर गया जब कनाडाई PM जस्टिन ट्रूडो ने जमकर खरी-खोटी सुना दी। वहीं, दूसरी ओर वे ब्रिटेन के नये प्रधानमंत्री के साथ भी अपने रिश्ते नहीं सुधार सके, जिसके परिणाम स्वरूप ब्रिटेन के PM Rishi Sunak ने जिंनपिंग के साथ अपनी बैठक रद्द कर दी।
आखिर क्या है विवाद की जड़ ?
हाल ही में इंडोनेशिया के बाली में जी-20 समिट की बैठक के दौरान दोनों नेताओं के बीच जोरदार जुबानी जंग छिड़ गई थी। आपको बता दें कि, कनाड़ा के राष्ट्रपति जस्टिन ट्रूडो और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात 15 नवंबर को G20 Summit बैठक के दौरान हुई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मुलाकात के दौरान दोनों के बीच हुई वार्ता की जानकारी मीडिया में आने को लेकर जिनपिंग भड़क गए। बाद में एक सत्र के दौरान जस्टिन ट्रूडो से सामना होते ही चीनी राष्ट्रपति ने नाराजगी जताते हुए कहा- इस तरह बात करने का कोई तरीका नहीं होता कि सारी बातों की संपूर्ण जानकारी मीडिया को दे दी जाए। इस विवाद के पीछे की मूल वजह जिनपिंग की तानाशाही बताई जा रही है।
जिंनपिंग ने दे डाली चेतावनी :
रिपोर्ट के अनुसार, जिनपिंग ने कहा कि दोनों के बीच हुई बातचीत की डिटेल कनेडाई PM के ऑफिस ने मीडिया को सौंप दी, जोकि ठीक नहीं है। जिनपिंग ने आगे कहा कि जिस तरह से बातचीत हुई ये भी ठीक नहीं है। उन्होंने यह भी कहा अगर आप सिंसियर हैं तो आपको सम्मानजनक तरीके से बात करनी चाहिए। इस दौरान जिंनपिंग ने कनाडाई प्रधानमंत्री को अंजाम भुगतने की धमकी भी दे डाली है। वहीं, जिनपिंक की ये बातें सुनकर ट्रूडो दुभाषिए का ही इंतजार करते रह गए।
क्या बोले PM जस्टिन ट्रूडो ?
ट्रूडो ने भी जिनपिंंग के आरोपों का डटकर जवाब दिया । उन्होंने कहा- कनाडा खुली और स्वतंत्र बातचीत में भरोसा रखता है। कनाडा में हम सभी स्वतंत्र, खुले व निष्पक्ष बातचीत में विश्वास रखना पसंद करते हैं और इसे आगे भी जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि आगे भी हम साथ काम करते रहेंगे, लेकिन ऐसे मुद्दे आएंगे जिन पर भविष्य में हम सहमत नहीं होंगे।
क्यों हुई सुनक व जिनपिंग की बैठक रद्द ?
वहीं, दूसरी ओर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और शी जिंनपिंग के बीच होने वाली बैठक भी किसी कारणवस रद्द करनी पड़ी। इसके पीछे मुख्य वजह चीन द्वारा रूस का समर्थन करना बताया जा रहा है। दोनों देशों के नेतृत्वकर्ताओं के बीच होने वाली यह मीटिंग 5 साल में इस तरह की पहली मीटिंग होती।
जिनपिंग का सिर्फ एक ही संयुक्त बयान क्यों ?
रिपोर्ट के मुताबिक, शी जिंनपिंग की सबसे महत्वपूर्ण G20 Summit बैठक इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो के साथ रही, जो तेजी से महत्वपूर्ण क्षेत्रीय साझेदार के नेता थे। दोनों नेताओं ने एक संयुक्त बयान भी जारी किया, जो कि बाली में जिनपिंग की दर्जनों बैठकों में एकमात्र संयुक्त बयान रहा है। इस संयुक्त बयान में, जिनपिंग और विडोडो ने घोषणा की है कि चीन ओर इंडोनेशिया सदी के मध्य तक विकसित राष्ट्र बन जाएंगे। इस बयान से पता चलता है कि जिनपिंग के की कई नेताओं के साथ बात नहीं बन सकी।
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