Dollar Vs Rupee: दिन-प्रतिदिन भारतीय करेंसी ‘रूपया’ कि कीमत डॉलर के मुकाबले नीचे गिरती जा रही है। शुक्रवार को भारतीय रूपया 8 पैसे टूटकर 82.32 रूपये प्रति डॉलर पहुंच गया था। जबकि इससे पहले गुरूवार को डॉलर के मुकाबले भारतीय रूपया 82.24 पर बंद हुआ था। डॉलर के मुकाबले रूपये की लगातार गिरावट को देखते हुए, मीडिया ने जब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से सवाल पूंछा तो उन्होंने कुछ अलग ही बयान दे डाला। वित्तमंत्री बोलीं- ” रूपया गिर नहीं रहा, बल्कि डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है’। डॉलर के मुकाबले अन्य देशों की करेंसियों की हालत भी है खराब”। तो चलिए जानते है कि आखिर वित्तमंत्री ने ऐसा क्यों कहा? 22 साल पहले रूपया पर था?, पड़ोसी देशों की हालत क्या है?
डॉलर के मुकाबले अन्य मुद्राएं कमजोर क्यों?
बीते कुछ समय से डॉलर के मुकाबले अन्य देशों की करेंसियां लगातार कमजोर पड़ती जा रही हैं। क्योंकि डॉलर की कीमत दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। और ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि बीते कुछ समय से डॉलर में निवेश करने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। इसके साथ ही डॉलर में निवेशकों के जोखिम उठाने की क्षमता बढ़ती जा रही है। इसीलिए डॉलर के मुकाबले संभवत: सभी करेंसियां सर्वकालिक इतिहास के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई हैं।
पिछले 8 सालों का इतिहास : Dollar Vs Rupee
केंद्रीय वित्तमंत्री ने संसद में इसको लेकर जानकारी साझा की थी। जिसमें बताया गया था कि साल 2014 में जब केंद्र में नई सरकार का गठन हुआ था। तब यानि 8 साल पहले एक डॉलर की कीमत केवल 63.33 रूपये थी। जो कि साल 2018 के दिसंबर तक गिरकर यह कीमत 69.79 रूपये हो गई। इसके बाद 2019 में ये आंकड़ा 70 रूपया तक पहुंच गया, कोरोना काल में यह कीमत स्थिर रही। इसके बाद इसमें तेजी से गिरावट हुई, और 30 जून 2022 तक एक डॉलर की कीमत 78.94 रूपया हो गई। इसके बाद जुलाई 2022 में इसकी कीमत 79.41 रूपया हो गई। और आज यह कीमत 82.32 रूपये हो चुकी है।
भारत के पड़ोसी देशों की हालत कैसी है?
इन दिनों संभवत: भारतीय रूपया अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। डॉलर के मुकाबले रूपया ऐतिहासिक रूप से सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया है। लेकिन यदि आप सोंच रहे हैं कि डॉलर ने सिर्फ भारतीय रूपये को रूलाया है तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। डॉलर ने 2022 की शुरूआत से अब तक यूरोप और अमेरिकी महाद्वीप जैसी बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की करेंसियों को भी पछाड़ दिया है।
भारत की एक डॉलर की कीमत अभी 82.32 रूपया है, लेकिन पड़ोसी राष्ट्रों की हालत इससे कहीं ज्यादा खराब है। एक डॉलर के मुकाबले अन्य देशों की मुद्राएं: पाकिस्तान – 218.14 पाकिस्तानी रूपया, श्रीलंका – 365.11 श्रीलंकाई रूपए, नेपाल – 131.74 येन, बांग्लादेश – 104.86 बांग्लादेशी रूपए। हालांकि की चीन इस मामले में मजबूत स्थिति में है, एक यूएएस डॉलर की कीमत – 7.18 रेनमिन्बी के बराबर है। सबसे खराब स्थिति में म्यांमार की अर्थव्यवस्था की है। क्योंकि म्यांमार में एक डॉलर की कीमत – 2,095.81 बर्मी क्यात्सो है।
प्रो. जोशी ने दिया वित्तमंत्री के बयान का स्पष्टीकरण
प्रो. जोशी ने निर्मला सीतारमण द्वारा इस मामले में दिए गए बयान का स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने कहा- वित्तमंत्री के कहने का तात्पर्य है कि भारतीय रूपया अन्य देशों की करंसी के मुकाबले ज्यादा कमजोर नहीं है। यदि आंकड़े देखें जाएं तो पिछले दिनों यूरो, ब्रिटिश पाउंड, ऑस्ट्रेलियन डॉलर, सिंगापुर डॉलर, मलेशियन और कनेडियन करेंसी भी भारत के मुकाबले ज्यादा कमजोर हुई हैं। जो की एक सकारात्मक संदेश है, वर्तमान दुनिया में काफी उथल-पुथल चल रही है। जिसके चलते यह सब हो रहा है।
अर्थशास्त्री प्रो. जोशी ने कहा- ‘रूपया गिरे अथवा डॉलर मजबूत हो’ बात एक ही है। हालांकि, इसको कहने का तरीका अलग-अलग हो सकता है। लेकिन दोनों ही स्थितियों में नुकसान भारतीय लोगों को होगा।
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