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Diwali Celebration: दुनिया के इन देशों में भी बहुत मशहूर है ‘दिवाली’, इस तरह मनाया जाता है ‘लाइट फेस्टिवल’ का जश्‍न

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Diwali Celebration

Diwali Celebration: भारतीय त्‍यौहारों में सबसे प्रमुख ‘Diwali Celebration’ की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं। दीपों की जगमगाहट से पूरे घर को रौशन करने वाले त्‍यौहार का क्रेज न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया के अन्‍य देशों में भी है। वैसे तो भारतीय संस्‍कृति का त्‍यौहार अपने साथ खुशियां और उत्‍साह लेकर आता है। परन्‍तु दीपों के इस पर्व पर उत्‍साह कई गुना बढ़ जाता है। दीपावली का त्‍यौहार प्रत्‍येक वर्ष कार्तिक मास की अमावस्‍या को मनाया जाता है। इस साल दिवाली 24 अक्‍टूबर को है, भारत में इसका मतलब पूजा, प्रकाश, पटाखे और पकवान है। लेकिन क्‍या आप जानते है, भारत के अलावा इन देशों में भी दीवाली का जश्‍न अपने तरीके से मनाया जाता है। चलिए जानते हैं…

श्रीलंका में है दिवाली का विशेष महत्‍व 

भगवान श्रीराम द्वारा लंकापति रावण का वध करने के बाद, विभीषण लंका के राजा बने। बुराई पर अच्‍छाई की जीत के उपलक्ष्‍य में उन्‍होंने दीपोत्‍सव को आदेश दिया। जिसके बाद से ही श्रीलंका के लोग कार्तिक मास की अमावस्‍या पर दीपोत्‍सव का त्‍यौहार मनाते हैं। तमिल समुदाय के लोग दिवाली के दिन तेल से स्‍नान करने के बाद नए कपड़े पहनते हैं। उसके बाद पोसई मतलब पूजा करते हैं। बड़ों का आर्शीवाद लेने के बाद दीप जलाते हैं।

नेपाल की दिवाली  

भारत के पड़ोसी देश नेपाल में भी दिवाली का उत्‍सव मनाया जाता है। नेपाल में दीपावली को ‘स्‍वान्ति’ नाम से जाना जाता है। यहां पर यह पर्व 5 दिनों का होता है। इस पर्व के पहले दिन कौवे को तथा दूसरे दिन कुत्‍ते को भोजन कराते हैं। तीसरे दिन लक्ष्‍मी माता की पूजा की जाती है। लक्ष्‍मी पूजन के दिन अर्थात् स्‍वान्ति से नेपाल संवत की शुरूआत होती है। चौथा दिन नेपाल में नए साल की तरह मनाया जाता है, इस दिन महापूजा होती है। पांचवे दिन यहां पर भाई टीका होता है, जो भारत में भाई दूज की तरह मनाया जाता है।

म्‍यांमार और थाईलैंड की दिवाली 

म्‍यांमार में 3 दिनों तक चलने वाले इस त्‍यौहार को ‘लाइटिंग फेस्टिवल’ के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान बुध्‍द और उनके शिष्‍यों के स्‍वागत में घरों को लाइटिंग करके रौशन करते हैं। यहां पर यह त्‍यौहार अक्‍टूबर में मनाया जाता है। थाईलैंड में दिवाली उत्‍सव को ‘लाम क्रियोंघ’ कहा जाता है। केले के पत्‍तों से दीपक बनाकर रात के समय इसे जलाकर शहर को रौशन किया जाता है। इसके बाद जलते हुए दीपक को नदी के पानी में बहा देते हैं।

मलेशिया और सिंगापुर की दिवाली

मलेशिया और सिंगापुर में भी दीपोत्‍सव का पर्व मनाया जाता है। सिंगापुर में दिवाली के मौके पर सरकारी छुट्टी रहती है। इस दिन यहां कई सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। मलेशिया की दिवाली भी काफी मशहूर है। मलेशिया में हिंदू सूर्य कैंलेंडर के सातवें महीने दिवाली मनाई जाती है। हिंदु धर्म के लोग इस दिन मंदिर जाते है तथा उत्‍सव मनाते हैं।

फ्लोरिडा और जापान की दिवाली 

फ्लोरिडा में  दिवाली भारत की दीपावली के जैसे ही मनाई जाती है, लेकिन इसका कोई धार्मिक संबंध नहीं होता है। यहां प्रत्‍येक वर्ष 31 अक्‍टूबर और 1 नवंबर के बीच ‘सैमहैन फेस्टिवल’ मनाया जाता है। हैलोईन की तरह आयोजित इस फेस्टिवल में बोन फायर होता है। मनोरंजक थीम पर पार्टी और आतिशबाजी मिलती है।

जापान में प्रत्‍येक साल जनवरी माह में शुरू होने वाला ओनिया फेयर फेस्टिवल यहां का सबसे प्राचीन त्‍यौहार है। यहांं फुकुओका में दिवाली जैसा प्रकाशमयी त्‍यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान 6 मशाल जलाई जाती हैं, जो की आपदा को खत्‍म करने के प्रतीक के रूप में होती हैं।

ब्रिटेन की दिवाली

भारत के बाद सबसे बड़ा ‘Diwali Celebration’ ब्रिटेन में मनाया जाता है। यहां पर दिवाली उत्‍सव  जंगलों से घिरे खूबसूरत शहर लेस्‍टर में बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। यहां रहने वाले हिंदू, सिख, जैन समुदाय तो इस पर्व को मनाते ही है। इसके अलावा भी दूसरे धर्म के लोग इसे अपने त्‍यौहार के रूप में मनाते हैं। यहां दीप जलाने के बाद लोग पार्कों में इक्‍कट्ठे होकर पटाखे फोड़ते है और मिठाइयां बांटते है।

इतना ही नहीं बल्कि इसके अलावा भी स्‍कॉटलैंड, कनाड़ा, दक्षिण कोरिया, ईरान में भारत के पड़ोसी देशों के साथ ही अन्‍य पश्चिमी देशों में यह त्‍यौहार मनाया जाता है।  पौराणिक मान्‍यतानुसार जब भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास काट तथा लंकापति रावण का वध करने के बाद अयोध्‍या लौटे तब कार्तिक मास की अमावस्‍या को दीपोत्‍सव का यह त्‍यौहार मनाया गया। तब से अब तक यह प्रथा जारी है।

 

 

 

 

Kusum
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