Diwali 2022: हिंदूओं के प्रकाश और सुख-समृध्दि के महापर्व Diwali पर इस बार सूर्यग्रहण का साया रहने वाला है। इस सूर्यग्रहण के कारण इस बार गोवर्धन पूजा दीवाली के तीसरे दिन मनाई जाएगी। ऐसा 27 वर्षों के बाद हो रहा है, जब गोवर्धन पूजा दिवाली के तीसरे दिन मनाई जाएगी। हिंदुओं के सर्वश्रेष्ठ धार्मिक महापर्व दीवाली में मां लक्ष्मी, कुबेर और भगवान गणेश जी की अराधना की जाती है। आपको बता दें कि इस बार दीपावली के दूसरे दिन 25 अक्टूबर को आंशिक सूर्यग्रहण देश के कई हिस्सों से देखा जा सकेगा। गोवर्धन पूजा दीवाली के दूसरे दिन की जाती है, लेकिन इस बार ग्रहण के चलते यह पूजा दिवाली के तीसरे दिन सम्पन्न की जा सकेगी।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण: अशुभ
हिंदूओं की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण को अशुभ माना जाता है। इसलिए ग्रहण के समय किसी भी प्रकार की पूजा, अराधना वर्जित है। इसी वजह से गोवर्धन पूजा को एक दिन के लिए टाल दिया जाएगा। यह इस वर्ष का दूसरा एवं आखिरी सूर्य ग्रहण होगा, इससे पहले 30 अप्रैल को सूर्य ग्रहण लगा था। हालांकि यह सूर्यग्रहण भारत में नहीं देखा जा सका था। खगोल वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह सूर्यग्रहण देश के उत्तरी और पश्चिमी भागों में देखा जा सकेगा। इसके अलावा यह सूर्यग्रहण दूसरे देशों में जैसे- यूरोप, उत्तरी अफ्रीका एवं पश्चिम-पूर्व एशिया में देखा जा सकेगा।
कब और कैसे लगता है सूर्यग्रहण ?
धार्मिक मान्यताओं और खगोलीय दृष्टि से ग्रहण का खास महत्व होता है। हिंदू पंचाग के मुताबिक, अमावस्या तिथि पर लगने वाला सूर्य ग्रहण तब होता है जब, सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी तीनों लगभग एक ही सीध में आ जाते हैं। इस घटना को सूर्यग्रहण कहा जाता है। इस बार दिवाली के अगले दिन 25 अक्टूबर को सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक ही सीध में होंगे। ऐसे में चंद्रमा कुछ देर के लिए सूर्य को आंशिक रूप से ढक लेगा। भारत में 25 अक्टूबर की शाम करीब 4:30 पर सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।
भारत में कहां-कहां दिखेगा सूर्यग्रहण ?
दिवाली के अगले दिन, 25 अक्टूबर को अमावस्या तिथि पर लगने वाला सूर्यग्रहण शाम को लगभग 4:30 पर अपने चरम स्तर पर होगा। इस दौरान देश के दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, उत्तराखंड, लेह, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में यह ठीक से देखा जा सकेगा।
पंच महापर्व: Diwali
पंच महापर्व दिवाली 22 अक्टूबर को धनतेरस के साथ शुरू होगा त्यौहार। इसके बाद 23 अक्टूबर को रूप चौदस मनाया जाएगा। रूप चौदस को घर की साफ-सफाई की जाती है। इसके बाद 24 अक्टूबर को दिवाली मनाई जाएगी। 25 अक्टूबर को आंशिक सूर्यग्रहण के कारण गोवर्धन पूजा नहीं की जा सकेगी। इसके बाद 26 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा की जाऐगी। इसके पश्चात् आएगा भाईदूज जो की 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
25 अक्टूबर को ग्रहण के कारण सूतक काल रहेगा प्रभावी
धार्मिक दृष्टिकोण से सूर्यग्रहण के समय सूतक काल प्रभावी रहता है। जो कि सूर्यग्रहण के 12 घंटे पहले से प्रभावी हो जाता है। इस दौरान गर्भवती महिलाएं घर से बाहर नहीं निकती, नवजात शिशुओं को ग्रहण के समय बाहर नहीं लाया जाता। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान कोई भी शुभकार्य नहीं किया जा सकता। ग्रहण समाप्त होने पर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव किया जाता है।
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