Dengue Alert: हाल ही में इन दिनों गोरखपुर जिले में डेंगू मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बुधवार को संक्रमित मरीजों की किट से जांच किए जाने पर, उनकी Dengue Report Positive आई है। दरअसल, सहजनवां के बरियापुर का एक 21 वर्षीय युवक एवं खजनी के जोकहां का 21 वर्षीय युवक डेंगू से संक्रमित थे। इनमें बुखार के साथ-साथ डेंगू के लक्षण भी थे। जिनकी जांच करवाने पर डेंगू रिपोर्ट Positive आई है। इसके बाद पुष्टि के लिए सभी की एलाइजा जांच कराई गई, जहां पर डेंगू की पुष्टि की गई है। अब बुधवार को मिले 9 संक्रमितों सहित मरीज की संख्या 169 पहुंच गई है, जो बीते 5 वर्षों में सबसे अधिक है।इनमें से 6 नगर निगम और 3 ग्रामीण इलाकों के मरीज हैं।
युवाओं में Dengue का संक्रमण अधिक:
जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने जानकारी दी है कि सैनिक विहार का 26 वर्षीय व्यक्ति डेंगू से संक्रमित है। युवक काफी समय से बीमार था, एलाइजा जांच में डेंगू की पुष्टि हुई है। इसके अलावा शिवपुर साहबाजगंज की 19 वर्षीय युवती, पवन विहार की 17 वर्षीय युवती, चरगांवा के गुलरिहा का 33 वर्षीय युवक, धर्मपुर का 39 वर्षी व्यक्ति, अलहदादपुर का 37 वर्षीय युवक और लाल डिग्गी का 15 वर्षीय किशोर डेंगू से संक्रमित मिले हैं। मलेरिया अधिकारी ने कहा कि अब तक 133 घरों को नोटिस दिया जा चुका है। इसके साथ ही 31,452 जगहों पर Source Reduction किया गया है।
CMO डॉ. आशुतोष कुमार दुबे ने दिए सुझाव:
गोरखपुर के CMO डॉ. आशुतोष कुमार दुबे ने अपील की है कि जहां पर लार्वा पनपने की संभावना है। वहां पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने बताया है कि एडीज मच्छरों के पनपने का सबसे बड़ा सोर्स कूलर की टंकी में भरा पानी होता है। इसीलिए कूलर, फ्रीज-स्ट्रे, टायर एवं गमलों इत्यादि की नियमित सफाई करें। उन्होंने सुझाव दिया है कि यदि किसी में भी डेंगू के लक्षण दिखते हैं तो 108 नंबर की निशुल्क एंबुलेंस की सहायता से अस्पताल पहुंचें।
क्या है Source Reduction प्रक्रिया ?
सोर्स रिडक्शन प्रक्रिया का सीधा अर्थ है, कचरे को होने से पहले रोकना। प्रक्रिया को कचरे अथवा प्रदूषण की रोकथाम के रूप में भी जाना जाता है। इस Source Reduction प्रक्रिया के तहत कचरे को उसके बनने से पहले ही खत्म कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया में समग्री और उत्पादों का डिजाइन, निर्माण, खरीद एवं उपयोग भी शामिल है, जो फेंके जाने की मात्रा अथवा विषाक्ता को कम करता है। इस प्रक्रिया के तहत जहां डेंगू मच्छर के लार्वा पनपने की संभावना है उसे नष्ट कर दिया जाएगा।
कैरोसिन तेल कारगर साबित होगा:
जलभराव में लार्वा को नष्ट करने का यह बेहर कारगर तरीका है। जहां भी कई दिनों का पानी इकट्ठा मिले, और उसमें लार्वा दिखाई दें तो फौरन उस पानी में मिट्टी का तेल मिला देने से पानी के ऊपर एक लेयर बन जाएगी। उस लेयर का दायरा जहां तक भी होगा वहां के लार्वा खत्म हो जाएंगे। मलेरिया विभाग ने सुझाव दिए हैं कि अपने आस-पास पानी इकट्ठा न होने दें और मच्छरदानी के अंदर सोएं। इसके अलावा कूड़े-कचरे का नियमित निवारण करते रहें। संक्रामक बीमारियों के तेजी से बढ़ रहे मामलों की रोकथाम में लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है।
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