सार
टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की हाल ही में 4 सितंबर को सड़क दुर्घटना में मौत के बाद रियर सीट बेल्ट को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। जॉंच में मिली जानकारी के अनुसार, उनकी जिंदगी में सीट बेल्ट की अनदेखी भारी पड़ गई।
विस्तार
सड़क सुरक्षा पर काम कर रहे गैर-सरकारी संगठन ‘Save Life Foundation’ के संस्थापक पियूष तिवारी ने कहा, मुंबई, जयपुर, दिल्ली, कोलकाता,लखनऊ और बेंगलुरु में किए गए सर्वे में सामने आया है कि वहां 98.2 फीसदी लोग पिछली सीट पर लगी बेल्ट का इस्तेमाल नहीं करते। जिसमें से 91 फीसदी लोगों का मानना है, कि जब वे पिछली सीट बेल्ट का उल्लंघन करते हैं, तो पुलिस उन्हें नहीं रोकती। 37.8 प्रतिशत लोग सोंचते है कि यह जरूरी नहीं फालतू का तामझाम है। तो वहीं 23.9 प्रतिशत लोगों को पिछली सीट बेल्ट के बारे में बहुत जानकारी नहीं है। विशेषज्ञों ने बताया कि अहमदाबाद-मुंबई हाइवे पर साइरस मिस्त्री कार की पिछली सीट पर बिना सीट बेल्ट के बैठे थे। जहां सीट बेल्ट की अनदेखी के कारण उनकी मौत हुई है।
क्या है रियर सीट बेल्ट और क्यों पहनना जरूरी है ?
वर्तमान समय में भारत में प्रत्येक गाड़ी के साथ सीट बेल्ट देना जरूरी है। यह सेफ्टी के लिहाज से सबसे ज्यादा प्राइमरी एवं इफेक्टिव टाइप की सेफ्टी मानी जाती है। ये सीट बेल्ट हजारों जाने बचा सकता है क्योंकि कोलिजन के समय पर यह आपको गाड़ी के अंदर सीट के साथ बांधे रखता है। इसमें एक एयर बैग खुलता है जिससे आपके हेड को एन्जरी नहीं पहुंचती है।
दुर्घटना की स्थिति में पीछे की सीट एवं आगे की सीट के टकराने की संभावना अधिक होती है। इसी के साथ, कई परिस्थितियों में बिना बेल्ट वाले पीछे के यात्री आगे की सीट से दुर्घटनाग्रस्त हो सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, दुर्घटना की गंभीरता के आधार पर, पीछे के यात्री विंडस्क्रीन से बाहर उड़ सकते हैं एवं डैशबोर्ड या स्टीयरिंग व्हील से टकरा सकते हैं।
WHO के कौन से ऑंकड़े चौकाने वाले है ?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के रिपोर्ट्स के अनुसार, सीट-बेल्ट पहनने से ड्राइवर और आगे की सीट पर बैठने वाले यात्री के मौत का जोखिम 45 से 50 प्रतिशत तक कम हो जाता है। तो वहीं पीछे की सीट के यात्रियों में मौत और गंभीर चोटों के जोखिम में 25 प्रतिशत की कमी आती है। भारत में प्रत्येक वर्ष लगभग 5 लाख दुर्घटनाओं में करीब 1.5 लाख लागों की मौत हो जाती है।
साइरस मिस्त्री की मौत पर क्या बोले सड़क परिवहन मंत्री ?
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने ड्राइविंग के दौरान कार में सीट बेल्ट न लगाने को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि, कार में पीछे बैठे लोगों के लिए भी सीट बेल्ट लगाना उतना ही जरूरी है जितना आगे वाली सीट के लिए है। उन्होंने कहा कि सीट बेल्ट की अनदेखी ही साइरस मिस्त्री की जिंदगी में भारी पड़ गयी है। सर्वे से एक बात और निकलकर आई है कि सामने बैठे लोगों को टक्कर के बावजूद पीछे बैठे लोगों की तुलना में कम चोटें आईं, क्योंकि उन्होंने अपनी सीट बेल्ट पहन रखी थी।
क्या हैं भारत में सीट बेल्ट से जुड़े पुराने/नए नियम ?
मोटर वाहन अधिनियम की धारा 138(3) CMVR 177 MV एक्ट के तहत पीछे बैठे यात्रियों को भी सीट बेल्ट लगाना जरूरी है। इसके उल्लंघन पर 1000 रूपये का जुर्माना है।
परिवहन मंत्रालय गंभीरता दिखाते हुए कई नए नियम लाए है। अब सभी कारों के लिए 6 एयरबैग को अनिवार्य कर दिया गया है। फरवरी 2022 में आए नए नियम के अनुसार, अब सभी वाहन निर्माता कंपनियों को कार की सभी सीटों पर 3 पॉइंट सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य कर दिया है। यह बेल्ट पहले कारों में 2 पॉइंट सेफ्टी बेल्ट के रूप में मिलती थी। 3 पॉइंट सीट बेल्ट Y-आकार की होती है, जिससे सड़क दुर्घटना में बचने की संभावना दोगुनी हो जाती है।
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