CPI Inflation November 2022: मंहगाई से जूझ रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। महीनों की जद्दोजहद के बाद सरकार एवं RBI के लगातार प्रयासों की बदौलत CPI Inflation नवंबर में 9 महीने के सबसे निचले स्तर पर आ गई है। सोमवार को जारी सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर के लिए खुदरा मुद्रास्फीति की दर घटकर 5.88% पहुंच गई है। नए आंकड़ों के मुताबिक, मुद्रास्फीति में लगातार कमी आ रही है एवं इसका दायरा लगातार सिकुड़ता जा रहा है। अलग-अलग संस्थाओं द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक, अधिकतर अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि मुद्रास्फीति 6.4 प्रतिशत के निचले स्तर पर आ सकती है।
क्या बोले अर्थशास्त्री ?
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति अनुकूल आधार प्रभाव की वजह से अक्टूबर में तेजी से गिरकर 6.77 प्रतिशत हो गई थी। लेकिन इस बार यह 6% से अधिक के टॉलरेंस बैंड से कुछ निचते स्तर पर आई है। साल 2022 में लगातार 10 महीने तक खुदरा मुद्रास्फीति 6% से ऊपर ही बनी रही। जोकि, लगातार 38वें महीने यह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 4% के मध्यम अवधि के लक्ष्य से अधिक है। अनाज और दालों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, परन्तु सब्जियों के दाम तेजी से नीचे आ रहे हैं। कुछ खाद्य पादार्थों की हाई कीमतों के कारण CPI Inflation पर लगातार दबाव पड़ रहा है।
RBI की दर वृध्दि का प्रभाव :
नवंबर के लिए मुद्रास्फीति के आंकड़े RBI की मौद्रिक नीति समिति (MCP) द्वारा 7 दिसंबर को रेपो रेट दर को 35 आधार अंकों (BPS) बढ़ाकर 6.25% करने के कुछ ही दिनों के बाद जारी किए गए हैं। आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ने 8 महीनों में 5वीं बार नीतिगत दर में वृध्दि करी है।
2023 के लिए अनुमानित मंहगाई दर :
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की नवीनतम पूर्वानुमानों के मुताबिक-
- जनवरी-मार्च 2023 में मंहगाई दर – 5.9%
- अप्रैल-जून 2023 में मंहगाई दर – 5%
- अक्टूबर- दिसंबर 2023 में मंहगाई दर – 6.6%
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अगर मंहगाई में कोई बड़ी कमी देखी गई तो RBI फरवरी की MCP मीटिंग में रेपो रेट दरों में एक बार फिर वृध्दि कर सकता है। उम्मीद है कि RBI रेपो दर में 25 आधार अंकों की वृध्दि का विकल्प चुनेगा। उसके बाद दरें स्थिर हो सकती हैं।
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