Congress: हाल ही में 24 साल बाद Congress पार्टी को गैर गांधी परिवार का कोई अध्यक्ष मिल पाया है। कर्नाटक से ताल्लुकात रखने वाले मल्लिकार्जुन खरने ने बुधवार को ही राष्ट्र की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष का कार्यभार संभाला है। अध्यक्ष पद संभालने के पश्चात् से ही खरगे एक्शन मोड पर है, उन्होंने पार्टी में बदलाव का काम तेज कर दिया है। मल्लिकार्जुन खरगे ने सर्वप्रथम कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की सारी इकाइयों को भंग कर दिया। इसके अलावा उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। तो चलिए जानते हैं अध्यक्ष बनने के बाद से खरगे कौन-कौन से फैसले ले चुके है? इसने सियासी मायने क्या हो सकते हैं? खरगे पार्टी में क्या-क्या बदलाव ला सकते है?
CWC भंग कर बनाई स्टीयरिंग कमेटी:
खरगे ने 26 अक्टूबर को अध्यक्ष पद संभालने के कुछ घंटे बाद ही CWC की सारी इकाइयों को भंग कर दिया। CWC कांग्रेस पार्टी की सबसे बड़ी कमेटी थी। उन्होंने 27 अक्टूबर को इसकी जगह पर 47 सदस्यीय स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया, जो अब पार्टी के सभी बड़े फैसले लेने की जिम्मेदारी लेगी। इस 47 सदस्यीय कमेटी में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मनमोहन सिंह, प्रियंका गांधी, अंबिका सोनी, आनंद शर्मा, ए. के. एंटनी, रणदीप, केसी वेणुगोपाल, सुरजेवाला, अजय माकन, अभिषेक मनु सिंघवी, जयराम रमेश, पी. चिदंबरम, प्रमोद तिवारी, राजीव शुक्ला, समेत अन्य नेता भी शामिल हैं। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष पद के दावेदार एवं खरगे से मुकाबला करने वाले सांससद शशि थरूर इस समिति में शामिल नहीं है।
पार्टी में युवाओं को 50% आरक्षण की घोषणा:
अध्यक्ष पद संभालने के बाद खरगे ने पार्टी के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। जिसमें उन्होंने 50 प्रतिशत पदों पर 50 साल से कम उम्र के लोगों को जगह देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि, ब्लॉक, जिला, प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर सभी इकाइयों में इसे लागू करना अनिवार्य होगा। इसका फैसला कांग्रेस के उदयपुर नव संकल्प चिंतन शिविर में किया जा चुका है।
राहुल-प्रियंका को हिमाचल एवं गुजरात में चुनाव प्रचार में उतारने की तैयारी
कांग्रेस के ही एक राष्ट्रीय दिग्गज नेता के मुताबिक, खरगे ने गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव को लेकर भी मंथन किया है। इन चुनावों में प्रचार करने के लिए राहुल और प्रियंका की भी कांग्रेस उतारेगी। प्रियंका गांधी अभी से रैलियां कर रही हैं, जबकि राहुल ने भारत जोड़ो पद यात्रा के चलते इन चुनावों से दूर है। लेकिन बताया जा रहा है कि राहुल भी दोनों राज्यों में चुनावी रैलियां करेंगे। प्लानिंग के तहत, यात्रा के विश्राम के दिन राहुल गांधी की रैलियां इन राज्यों में कराई जाएंगी। चुनाव प्रचार रैली करने के पश्चात् राहुल वापस यात्रा में शामिल हो जाएंगे।
दलित और अल्पसंख्यकों को आगे करने का फैसला
खरगे अध्यक्ष बनने के बाद से ही पार्टी में जान डालने का काम कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने दलित और अल्पसंख्यकों को आगे करने का फैसला लिया है। अब वे पार्टी में नए चेहरों को आगे बढ़ाना चाहते हैं। मल्लिकार्जुन खरगे खुद ही एक दलित परिवार से है, देश की लगभग 25 प्रतिशत आबादी एससी/एसटी वर्ग में आती है। अगर यह 25 फीसदी आबादी कांग्रेस के साथ जुड़ जाती है, तो 2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को बड़ा फायदा हो सकता है। खरगे ने अध्यक्ष बनने बाद यह फैसला लिया है कि दलितों, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग के लिए अलग से सोशल जस्टिस एडवाइजरी कमेटी का गठन करेंगे। इसके अलावा भी दलितों को पार्टी से कनेक्ट करने के लिए एससी/एसटी वर्ग के लिए लीडरशिप मिशन भी लॉन्च किया जाएगा। आने वाले कुछ दिनों में इस मिशन को लॉन्च किया जा सकता है।
इन कमेटियों का भी करेंगे गठन:
- दलितों एवं अल्पसंख्यकों के लिए सोशल जस्टिस एडवाइजरी कमेटी
- पब्लिक इनसाइड डिपार्टमेंट
- एआईसीसी इलेक्शन मैनेजमेंट कमेटी
- सभी राज्यों में पॉलिटिकल अफेयर कमेटी
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