Collegium System: सर्वोच्चतम न्यायालय के Collegium System को लेकर केंद्र सरकार और अन्य विपक्षी पार्टियों के बीच मंथन चल रहा है। कांग्रेस ने आज केंद्र सरकार पर न्यायपालिका को कब्जाने तथा उसे डराने का आरोप लगाया है। वहीं आम आदमी पार्टी एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भी किरेन रिजिजू के इस कदम को खतरनाक बताया है। दरअसल, यह आरोप तब लग रहे हैं जब केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कथित तौर पर भारत के CJI डीवी चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है। जिसमें रिजिजू ने केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों को भी सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम सिस्टम में शामिल करने का सुझाव दिया है।
केंद्र की न्यायपालिका पर कब्जा करने की योजना: रमेश
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इसको लेकर ट्वीट किया, उप राष्ट्रपति हमला करते हैं। कानून मंत्री हमला करते हैं। यह सब टकराव न्यायपालिका को डराने और उसके बाद पूरी तरह से कब्जा करने की योजना है। रमेश ने कहा कि कॉलेजियम सिस्टम में सुधार की आवश्यकता है लेकिन यह सरकार पूरी तरह से कब्जा चाहती है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका में सुधार के लिए सरकार जहर की गोली के समान है।
कोलेजियम सिस्टम खत्म करके अब ये सरकार अदालत को भी 'भगवा' करना चाहती है, ये लोकतंत्र के लिए खतरनाक है : कपिल सिब्बल pic.twitter.com/q2b7ZAnYBC
— Bolta Hindustan (@BoltaHindustan) December 19, 2022
न्यायपालिका में सरकार का हस्तक्षेप खतरनाक: केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर ट्वीट कर कहा, यह बेहद खतरनाक है। न्यायिक नियुक्तियों में बिल्कुल भी सरकार का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। जहां बीते साल नवंबर में रिजिजू ने कहा था कि न्यायिक नियुक्तियां करने का कॉलेजियम सिस्टम संविधान से अलग है। वहीं अब इस तरह न्यायपालिका में सरकार हस्तक्षेप करना गलत ठहराया जा रहा है। उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी दावा किया है कि सर्वोच्च न्यायलय पर आरोप लगाते हुए कहा है कि न्यायपालिका विधायिका की शक्तियों का अतिक्रमण कर रही है।
रिजिजू का केजरीवाल पर पलटवार :
केंद्रीय कानून मंत्री रिजिजू ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को जवाब देते कहा, मुझे उम्मीद है कि आप कोर्ट के निर्देशन का सम्मान करेंगे। यह राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम (NJAC) को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के निर्देश की एक सटीक कार्रवाई है। सर्वोच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ ने कॉलेजियम सिस्टम के MOP (memorandum of procedure) को रिस्ट्रक्चर करने का निर्देश दिया था। दरअसल, केजरीवाल ने कॉलेजियम में सरकार द्वारा अपने नामितों को शामिल करने के कदम को खतरनाक बताया था।
आपको बता दें कि ‘कॉलेजियम सिस्टम’ एक व्यवस्था है जिसके द्वारा कोर्ट के न्यायाधीशों को नियुक्त किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रणाली को 25 साल पहले अपनाया था। किरेन रिजिजू ने प्रधान न्यायाधीश को लिखे गए अपने पत्र में यह भी कहा था कि राज्य के प्रतिनिधियों को भी हाईकोर्ट के कॉलेजियम का हिस्सा होना चाहिए। कानून मंत्री के अनुसार, इससे न्यायाधीशों के चयन में पारदर्शिता और सार्वजनिक जवाबदेही लाने में मदद मिलेगी।
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