CJI On Law Minister Jibe: केंद्र सरकार और सर्वोच्चतम न्यायालय का टकराव लगातार बढ़ता ही जा रहा है। गुरूवार को केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने संसद में शीर्ष न्यायालय को नसीहत दी तो शुक्रवार को CJI चंद्रचूंड़ ने भी केंद्र सरकार को करारा जवाब दिया है। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार को करारा जवाब देते हुए कहा है कि, कोई भी केस छोटा नहीं होता है। इसी के साथ ही उन्होंने कहा कि Winter Break के दौरान कोई भी नयी बेंच नहीं बैठाई जाएगी। क्या है पूरा मामला? क्यों मचा है केंद्र सरकार और सूप्रीम कोर्ट के बीच घमासान? जानने के लिए बने रहिए हमारे पोष्ट में….
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने बीते दिन संसद में अदालतों में लंबित केसों को लेकर सुप्रीम कोर्ट पर तीखा वार किया था। उनका कहना था कि, केंद्र सरकार शीर्ष अदालत के कामों में दखल नहीं देना चाहती। लेकिन 5 करोड़ केस देश की विभिन्न अदालतों में पेडिंग हैं। इसलिए केंद्र सरकार को उनको लेकर चिंता है। कानून मंत्री ने सर्वोच्च न्यायालय पर टिप्पण करते हुए यह भी कहा कि शीर्ष न्यायालय के साथ दूसरे उच्च न्यायालयों में जो वैकेंसीज हैं, वो भी चिंता में डाल देने वाली हैं। सरकार के पास अच्छे जजों की सिफारिशें नहीं आतीं हैं।
क्या बोले थे कानून मंत्री ?
गुरूवार को संसद में कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा- ‘संविधान ने सरकार को अधिकार दिया था कि, वह अदालतों में रिक्त पड़े पदों की भर्ती कर सकती है। लेकिन साल 1993 के बाद स्थिति बदल गई। कानून मंत्री ने अदालतों में होने वाली लंबी छुट्टियों को लेकर भी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहना था कि इतनी पेंडेंसी के बावजूद भी जज लंबी छुट्टीयों पर जाते हैं। आगे कानून मंत्री कहते हैं कि ‘सुप्रीम कोर्ट‘ को संवैधानिक मामलों की सुनवाई करनी चाहिए। छोटे-मोटे केसों में नहीं पड़ना चाहिए।
जवाब में क्या बोले CJI ?
पहली टिप्पणी Winter Break पर: सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश (CJI) धनंंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने अब किरेन रिजीजू की टिप्पणी पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि सर्दी की छुट्टियों (Winter Break) में कोई भी बेंच काम नहीं करेगी। ध्यान रहे कि ग्रीष्म अवकाश के दौरान ‘सर्वोच्च न्यायालय’ वेकेशन बेंच को गठन करता है, जो गंभीर मामलों की सुनवाई के लिए उपलब्ध होती है। लेकिन CJI ने स्पष्ट कर दिया है कि 2 जनवरी 2023 तक कोई भी बेंच काम नहीं करेगी।
दूसरी टिप्पणी 5 करोड़ पेंडिंग मामलों पर: वहीं किरेन रिजीजू द्वारा की गई 5 करोड़ पेंडिंग मामलों की सुनवाई वाली टिप्पणी को लेकर भी CJI चंद्रचूड़ ने बड़ी बात बोली है। उन्होने कहा कि, कोर्ट छोटे-बड़े के फेर में नहीं पड़ता। कोर्ट का काम है कि जो भी मामला उसके सामने आए, उसे अच्छे तरीके से सुनवाई करके उसका निपटान करे। गौरतलब है कि, अदालतों में भरती को लेकर सरकार एवं सुप्रीम कोर्ट के बीच टकराव चल रहा है। कॉलेजियम की सिफारिशों अधिकतर ही ठंडे बस्ते में डाल दी जाती हैं, इसे लेकर भी शीर्ष अदालत ने सरकार को हिदायत दी है।
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