China(Draigon) News: अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने, China(Draigon) द्वारा LAC के पास सेना की चौकी बनाकर भारत के खिलाफ रची जा रही साजिश का खुलासा किया है। कष्णमूर्ति ने बुधवार को कहा- भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास People’s Liberation Army की एक नयी चौकी संबंधी खबर बीजिंग की बढ़ती क्षेत्रीय आक्रामकता का एक और चिंताजनक संकेत है, जो अमेरिका द्वारा भारत और अन्य सुरक्षा साझेदारों के साथ संयुक्त प्रयासों को मजबूत करने की जरूरत को दोहराता है। दरअसल, समाचार पत्र ‘politico’ में बुधवार को यह दावा किया गया था कि चीन ने भारत के साथ अपनी विवादित सीमा के पास एक सैन्य चौकी बनाई है।
समाचार पत्र ‘politico’ का दावा :
अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने बुधवार को कहा कि भारत-चीन के बीच लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास चीन द्वारा सैन्य चौकी का निर्माण किया जाना अपने पड़ोसियों के प्रति चीनी आक्रामकता का चिंताजनक संकेत है। उन्होंने इस संबंध में समाचार पत्र में आई एक खबर के बाद यह टिप्पणी की है। दरअसल, समाचार पत्र ‘पॉलिटिको’ ने बुधवार को यह दावा किया था कि भारत-चीन की विवादित सीमा LAC के पास चीन ने अपनी सैन्य चौकी का निर्माण किया है।
CCP का अत्याचार जारी : कृष्णमूर्ति
राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि Chinese Communist Party (CCP) अभी भी अपने पुराने ढर्रे को नहीं छोंड़ रही है। चीन कम्युनिस्ट पार्टी अभी भी अपने उसी पुराने अत्याचारी रास्ते पर अग्रसर है। देश में अब भी घरेलू दमन, उइगर मुस्लिमों से क्रूरता, उत्पीड़न और ऑनलाइन गलत सूचना के प्रयासों में गतिशीलता जारी है। इसलिए भारत से ताइवान जलडमरूमध्य तक इसके बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय सैन्य आक्रमण के संकेत भी जारी हैं।
क्या बोले कृष्णमूर्ति ?
अमेरिकी सांसद राज कृष्णमूर्ति ने कहा कि China(Draigon) के आक्रामक महत्वाकांक्षाओं के सामने, यह आवश्यक है कि संयुक्त राज्य अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ सुरक्षा एवं खुफिया सहयोग का और अधिक विस्तार करे। ताकि यह स्पष्ट संदेश भेजा जा सके कि संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, ताइवान और पूरे क्षेत्र में लोकतंत्र के साथ खड़ा है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की बढ़ती आक्रामकता का असली चेहरा दुनिया के सामने लाना बहुत जरूरी है।
मई 2020 की भारत-चीन झड़प :
आपको बता दें कि, मई 2020 में चीन और भारतीय सैन्य जवानों की LAC (Line Of Actual Control) से लगे कई इलाकों पर भिड़ंत हुई थी। ऐसा कई बार हुआ, जब कंटीले तारों में लिपटे चट्टानों, डंडों और क्लबों के साथ दोनों सेनाओं के बीच झड़प हुई। जिसका परिणाम यह हुआ कि, सीमा के दोनों ओर और अधिक बलों की तैनाती को गति दी गई। पेंटागन रिपोर्ट के मुताबिक, सभी देशों ने एक-दूसरे की सेना को वापस पीछे करने और गतिरोध से पहले की स्थिति में लौटने की मांग की। लेकिन न तो चीन और न ही भारत इन शर्तों पर सहमत हुए।
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