Chhath Puja 2022: यह Chhath Puja का त्यौहार प्रत्येक साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है, जो कि इस वर्ष 30 अक्टूबर को पड़ रही है। दीपावली के छठवें दिन पर मनाये जाने वाले इस त्यौहार में महिलाएं अपने संतान की लंबी उम्र, अच्छी सेहत और सुख समृध्दि की कामना हेतु निर्जल व्रत रखती हैं। 4 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में छठी माता व सूर्यदेव की पूजा की जाती है। इस साल यह छठ पूजा 28 से 31 अक्टूबर तक चलेगी। इस बार यह त्यौहार खास होने वाला है, क्योंकि दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल ने सर्व सुविधाओं सहित 25 करोड़ रूपये की लागत से दिल्ली में 1100 घाट बनाने की घोषणा की है।
पहला दिन : नहाय-खाय
कार्तिक शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि – छठ पूजा के पहले दिन की शुरूआत नहाय-खाय परंपरा से होती है। इस दिन महिलाएं सबसे पहले घर की सफाई करके घर को पवित्र करती है। उसके बाद छठव्रती स्नान का शुध्द शाकाहारी भोजन ग्रहण कर व्रत की शुरूआत करती हैं। इस दिन घर के सभी सदस्त व्रती सदस्यों के भोजन करने के पश्चात् ही भोजन ग्रहण करते हैं। छठ पूजा के नियमानुसार, इस दिन भोजन में लौकी की सब्जी, भात और दाल बनाया जाता है। और इस खाने में सिर्फ सेंधा नमक का उपयोग किया जाता है।
दूसरा दिन : खरना
कार्तिक शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि – खरना का मतलब होता है तन और मन का शुध्दिकरण करना। इस दिन महिलाएं दिनभर का उपवास रखती हैं, और शाम को भोजन करती है। इसे ही ‘खरना’ कहा जाता है। खरना में प्रसाद के रूप में गन्ने के रस से चावल की खीर बनाई जाती है। इसके साथ ही दूध, चावल का पिट्ठा और घी में चुपड़ी रोटी बनाई जाती है। खरना के लिए बनाए गए खाने में नमक या चीनी का इस्तेमाल नहीं किया जाता। खीर खाने के बाद 36 घंटे का व्रत रखा जाता है।
तीसरा दिन : डूबते सूर्य को अर्घ्य
कार्तिक शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि – तीसरा दिन छठ पूजा का मुख्य दिन माना जाता है। छठ पूजा का सबसे महत्वपूर्ण दिवस दीपावली के 6वें दिन आता है। सांयकाल को पूरी तैयारी एवं व्यवस्था कर बांस की टोकरी में अर्घ्य का सूप सजाया जाता है। व्रती महिलाओं के साथ परिवार एवं पड़ोस के सारे लोग अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घाट पर जाते हैं। सभी छठव्रती महिलाएं नदी अथवा तालाब के किनारे सामूहिक रूप से डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दान संपन्न करती हैं।
चौथा दिन : उगते सूर्य को अर्घ्य
कार्तिक शुक्लपक्ष की सप्तमी तिथि – चौथे दिन सबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन सूर्योदय होने से पहले भक्त नदी अथवा तालाब में नहाते है और पानी में ही खड़े रहकर दोनों हाथों से उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। अर्घ्य देने के बाद लोग प्रसाद का सेवन करके व्रत का खोलते हैं।
इस साल Chhath Puja की तिथि और शुभ मुहूर्त
- कार्तिक शुक्लपक्ष षष्ठी तिथि प्रारंभ : 30 अक्टूबर 2022, सुबह – 05:49
- कार्तिक शुक्लपक्ष षष्ठी तिथि समाप्त : 31 अक्टूबर2022, सुबह – 03:27
- सूर्योदय का समय : सुबह – 06:31
- सूर्यास्त का समय : शाम – 05:37
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