BharOS: पिछले कुछ सालों में टेक्नालॉजी का बहुत तेजी से विस्तार हुआ है। ऐसे में भारत में भी इसका इस्तेमाल लाजमी है। भारत में पिछले कुछ सालों में स्मार्टफोन का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है। इन स्मार्टफोन्स के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम काफी अहम होता है, क्योंकि आपके फोन को चलाने के लिए ये OS बहुत जरूरी होते हैं। फिलहाल भारत में 2 ऑपरेटिंग सिस्टम काफी लोकप्रिय हैं, जिसमें Android और iOS शामिल हैं। परन्तु भारत में अब एक स्वदेशी Operating System (OS) को विकसित किया गया है, जिसे ‘BharOS‘ नाम दिया गया है। चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं…
क्या है BharOS ?
IIT मद्रास की इन्क्यूबेटेड फर्म और JandK आपरेशंस ने मोबाइल फोन के लिए BharOS नामक ऑपरेटिंग सिस्टम की घोषणा की है। इस ‘BharOS‘ सॉफ्टवेयर को प्राइवेसी-फोकस्ड ऑपरेटिंग सिस्टम कहा जा रहा है।जिसे कमर्शियल ऑफ-द-शेल्फ हैंडसेट्स के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। यह एक नया प्राइवेसी-सेंट्रिक ऑपरेटिंग सिस्टम है, जिसे प्राइवेसी और सिक्योरिटी स्टैंडर्ड वाले संगठनों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। नया स्वदेशी BharOS प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण के तहत तैयार किया गया हैे।
कैसे काम करेगा BharOS ?
इस BharOS ऑपरेटिंग सिस्टम के निर्माणकर्ताओं ने अभी तक यह नहीं बताया है कि वे किसके साथ साझेदारी करने की योजना बना रहे हैं, हालांकि यह ऑपरेटिंग सिस्टम कड़ी सिक्योरिटी और प्राइवेसी जरूरतों वाले ऑर्गेनाइजेशन को दिया जाएगा। आपको बता दें कि, इसमें नेटिव ओवर-द-एयर (NOTA) अपडेट मिलेगा, जो कि सिस्टम को अपडेट करके रखेगा। अपडेट ऑटोमेटिकली फोन पर डाउनलोड हो जाएंगे, इसीलिए यूजर्स को अपडेट को मैन्युअली इंस्टॉल एवं लागू करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
BharOS में क्या है खास ?
स्वदेशी निर्मित ऑपरेटिंग सिस्टम ‘BharOS‘ गोपनीयता केंद्रित होगा, जिसका मतलब है कि यह किसी भी थर्ड-पार्टी एप्लीकेशन को डाउनलोड करने की अनुमति नहीं देगा। अर्थात् आप गूगल के Play Store से इंस्टॉल नहीं कर सकेंगे। इसके बजाय, इसकी अपनी खुद की प्राइवेट ऐप स्टोर की सेवाएं होंगी। आपको बता दें कि यह एक PASS क्यूरेटेड ऐप्स पेश करेगा, जो संगठन के सिक्योरिटी एवं प्राइवेसी स्टैंडर्ड को पूरा करते हैं। यह BharOS नो डिफाल्ट ऐप्स (NDA) के साथ आएगा। जो यूजर्स को PASS से अपने पसंदीदा ऐप्स Download करने की सुविधा देगा।
क्या BharOs लेगा Android की जगह ?
ऑपरेटिंग सिस्टम BharOs, AOSP आधारित है और AOSP खुद कुछ Android वर्जन पर आधारित है। इसलिए इसे गूगल द्वारा मेनटेन किया जाता है। AOSP के लिए Google नियमित सिक्योरिटी बैकपोर्ट देता है। इसका मतलब है कि यह Android की जगह नहीं लेगा। लेकिन अगर OS इंटरप्राइज के लिए है, तो इसे Android System के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
#BharOS – भारत का भरोसा!🇮🇳
💠स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम
💠@iitmadras की इनक्यूबेटेड कंपनी J & K Ops Pvt द्वारा विकसित
💠इसका उद्देश्य भारत के 🇮🇳 100 करोड़ सेलफोन उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित वातावरण प्रदान कर लाभान्वित करना है।@dpradhanbjp @AshwiniVaishnaw@ianuragthakur pic.twitter.com/r74OOBuqI2
— सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (@MIB_Hindi) January 28, 2023
डेवलपर्स ने खुलासा किया है कि BharOs चलाने वाले फोन में डिफॉल्ट ऐप्स नहीं होंगे। लेकिन जहां तक सुविधाओं की बात है, तो अभी तक इसकी कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में यह Android जैसी प्राइवेसी डैशबोर्ड, पर्सनलाइज्ड विकल्प एवं बैटरी से जुड़ी सुविधाएं देगा या नहीं इसकी कोई सूचना नहीं है। यह iOS को प्रभावित करेगा या नहीं, इसका अंदाजा इसके पूरी तरह से शुरू होने के बाद ही लगाया जा सकता है।
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