Bhaarat Jodo Yatra: कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज गुरू नानक जयंती के शुभ अवसर पर ‘Bhaarat Jodo Yatra‘ शुरू करने से पहले पगड़ी पहनकर गुरूद्वारा पहुंचे। इस पावन अवसर पर वे नांदेड़ जिले के यादगार जोरावर सिंह फतेह गुरूद्वारा पहुंचकर प्रार्थना की और उनका आर्शीवाद लिया। राहुल गांधी इस दौरान केसरिया रंग की पगड़ी पहने नजर आए। कांग्रेस पार्टी की ओर से ट्वीट किया गया कि गुरूद्वारे में राहुल गांधी ने सद्भावना एवं समानता के लिए प्रार्थना की। दरअसल, कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ सोमवार को तेलंगाना से महाराष्ट्र पहुंची। कांंग्रेस पार्टी से मिली जानकारी के मुताबिक, आज मंगलवार को भारत जोड़ो यात्रा की शुरूआत गुरूद्वारे से ही हुई।
महाराष्ट्र में 15 दिनों तक रहेगी यात्रा :
आपको बताते चलें कि इससे पहले राहुल गांधी ने मशाल के साथ कल यानि सोमवार को रात में महाराष्ट्र की सीमा में प्रवेश किया था। उन्होंने बताया था कि अगले 15 दिनों के महाराष्ट्र प्रवास के दौरान वह प्रदेश के लोगों से मिलेंगे और उनकी परेशानियां सुनेंगे। राहुल ने कहा- कोई भी ताकत ‘Bhaarat Jodo Yatra‘ को रोक नहीं सकती है। कांग्रेस की इस पदयात्रा का आज 62वां दिन है। आज मंगलवार को गुरूद्वारे से शुरू हुई यह यात्रा बिलोली जिले के अटकली में रूकेगी। इसके बाद शाम 4 बजे फिर से पद यात्रा शुरू होगी, जो 7 बजे भोपाला में रूकेगी। वहीं बिलोली के गोदावरी मनार शुगर फैक्ट्री मैदान में रात्रि प्रवास होगा।
कौन हैं गुरू नानक देव ?
आज कार्तिक की पूर्णिमा है, आज ही के दिन सिखोंं के पहले गुरू नानक देव जी का जन्म हुआ था। इसलिए आज के दिन को देशभर में गुरू नानक जयंती के रूप में मनाया जा रहा है। प्रथम सिख गुरू ‘नानक देव’ जी का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के तलवंडी नामक स्थान पर हुआ था। आज इस जगह को ननकाना साहिब के नाम से जाना जाता है, जो सिखों का प्रमुख धार्मिक स्थल है। गुरू नानक जयंती के मौके पर गुरूद्वारों को विशेष रूप से सजाया जाता है।
इसे प्रकाश पर्व भी कहा जाता है
पंचाग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन गुरूनानक जयंती मनाई जाती है। क्योंकि कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही गुरू नानक देव का जन्म हुआ था। इस पावन दिन को गुरू पूरब अथवा प्रकाश पर्व के नाम से भी जाना जाता है। सिख धर्म के लोगों के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन सिखों द्वारा बड़े पैमाने पर कई कार्यक्रम व नगर कीर्तन इत्यादि का आयोजन किया जाता है। आज के दिन सिखों द्वारा प्रभात फेरियां भी निकाली जाती है। आज के दिन लोग गुरूद्वारों खूब सेवा करते हैं और एक-दूसरे को शुभकामनाएं भेजते हैं।
नानक नाम जहाज है, जो जपे सो तर जाए
सद्गुरू आपको प्यार, आप ही तो हैं मेरे खेवनहार
गुरू नानक जयंती 2022 की लख-लख बधाईयां
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