5G Launch: आज से शुरू हो रहे 4 दिवसीय ”इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC)-2022” के 6वें एडिशन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार 5G इंटरनेट सेवा का इस्तेमाल करके शुभारंभ कर दिया है। पहली बार IMC की शुरूआत साल 2017 में की गई थी। ऐसा पहली बार हो रहा है कि, देश में किसी जगह पर 5G इंटरनेट सेवा का सफलतापूर्वक इस्तेमाल हुआ हो। ऐसे में यह जानना बेहद अहम हो जाता है कि आखिर 5G क्या है एवं इसके आने से क्या बदलेगा? क्या इससे डेटा प्लान मंहगे हो जाएंगे? आम उपभोक्ता को कब तक 5G इंटरनेट सेवाएं मिलेंगी? 5G Launch होने के बाद स्पीड के अलावा और कौन सी सुविधाएं मिलेंगी?
क्या है 5G सेवा ?
टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में 5G सबसे आधुनिक स्तर का कनेक्टिविटी नेटवर्क है, जिसे कुछ घंटे पहले ही मोदी ने लॉच किया है। यह अभी तक की सबसे तेज गति की इंटरनेट सेवा है। इसके आने के बाद इंटरनेट पर विश्वसनियता अधिक होगी और इसमें पहले से ज्यादा नेटवर्क संभालने की क्षमता होगी। इसके अलावा इसका एक्सपीरियंस यूजर फ्रेंडली एवं ब्रॉड नेटवर्क एरिया होगा। इसकी सबसे खास बात यह होगी की यह निचली फ्रीक्वेंसी के बैंड से लेकर हाई बैंड तक की वेव्स में काम करेगा। मतलब इसका नेटवर्क ज्यादा व्यापक और हाई-स्पीड वाला होगा।
इसके आने से क्या बदलाव होगा ?
इसके आने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा की यूजर्स सिर्फ कुछ ही सेकंड्स में भारी से भारी फाइल डाउनलोड कर सकेंगे। क्योंकि इसकी डाउनलोड स्पीड 10 GB प्रति सेकंड तक जा सकती है। जबकि 4G नेटवर्क में 150 MB प्रति सेकंड तक ही सीमित है। 5G में 4G के मुकाबले अधिक तकनीकि सहूलियतें मिल सकेंगी। साथ ही इसका दायरा बड़ा होने से यह बिना स्पीड कम किए कई अन्य डिवाइसेज को जोड़ सकेगा।
क्या मंहगे होंगे डेटा प्लान ?
उपभोक्ताओं के सामने यह सबसे अहम सवाल है कि क्या 5G सेवाएं आने के बाद डेटा प्लान मंहगे हो जाएंगे। क्योंकि स्पेक्ट्रम नीलामी कुछ समय पहले ही पूरी हुई है, ऐसे में टेलीकॉम कंपनियां जल्द की अपने डेटा प्लान्स जारी कर सकती हैं। हालांकि अनुमान लगाया जा रहा है कि,यह लगभग तय है कि 5G सेवा की कीमतें 4G की तुलना में अधिक ही रहेंगी। लेकिन इन दोनों की कीमतों में ज्यादा फर्क नहीं होगा। क्योंकि बीते सालों में भारत में डेटा कीमतें दुनिया में सबसे कम रही हैं। हाल ही में कुछ महीने पहले एयरटेल के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर रणदीप सेखोन ने कहा था कि 5G के प्लान्स 4G के ही आसपास रखे जाएंगे।
आम उपभोक्ताओं को कब मिलेगी 5G सेवाएं
रिपोर्ट के मुताबिक, अभी 13 शहरों में 5G सेवा की टेस्टिंग सितंबर से ही शुरू हो जाएंगी। लेकिन संपूर्ण भारत में इसका नेटवर्क बिखेरने में लगभग 2-3 वर्षों का समय लग सकता है। रिलायंस कंपने ने दिवाली तक दिल्ली, चेन्नई, मुबंई और कोलकाता जैसे महानगरों में 5G सेवाएं शुरू करने की घोषणा की है। और 2023 तक देश के प्रत्येक शहर में 5G सेवाएं पहुंचाने की बात कही है।
हाई-स्पीड के अलावा और कौन सी सुविधाएं मिलेंगी
इस सर्विस की लॉचिंग के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि इससे हमारा जीवन, व्यापार एवं काम करने का तरीका और बहुत सी चीजें बदल जाएंगी। क्योंकि 5G की उत्कृष्ठ तकनीकि और उच्च क्षमता सभी चीजों को एक-दूसरे से जोड़ देगी। इससे उन्नत किस्म के घर, गाड़ी, स्मार्ट सिटी, स्मार्ट ऑफिस और उन्नत ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस प्रकाश में आएगी। जिससे वायरलेस की तकनीकि की अगली पीढ़ी सिर्फ फोन तक ही सीमित नहीं होगी। बल्कि हमारे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस की अहम भूमिका होगी। इन सभी सुविधाओं को हम तक पहुचाने के लिए उन्हीं रेडियो फ्रिक्वेंसी का इस्तेमाल किया जायेगा। जिन पर मौजूदा मोबाइल डेटा, वाई-फाई और सैटेलाइट संचार चलता आ रहा है। जिससे इसके लिए किसी भी अतिरिक्त टावर की जरूरत नहीं होगी ।
इनको मिला स्पेक्ट्रम
टेलीकॉम विभाग ने कुल 72,097.85 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम को 20 वर्ष के नीलामी में उतारे है। स्पेक्ट्रम नीलामी में सबसे अधिक बोली रिलायंस जियो ने लगाकर कुल 24,740Mhz स्पेक्ट्रम की खरीदारी की है। इसके बाद दूसरे नंबर पर भारतीय एयरटेल कंपनी रही। इसके बाद वोडाफोन-आइडिया ने खरीदारी की। दूरसंचार की दुनिया में पहली बार कदम रख रही अदाणी डेटा नेटवर्क्स ने 400Mhz स्पेक्ट्रम की खरीदारी की है। 4G स्पेक्ट्रम नीलामी (77815 करोड़) की तुलना में 5G स्पेक्ट्रम नीलामी (1,50,173 करोड़) से सरकार को लगभग 2 गुनी आमदनी हुई है।
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