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राजू श्रीवास्‍तव व्‍यक्तित्‍व: कभी ऑटो चलाया तो कभी मिमिक्री से कमाए 50 रूपए, जानें

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राजू श्रीवास्‍तव व्‍यक्तित्‍व

राजू श्रीवास्‍तव व्‍यक्तित्‍व: सबको हंसाने वाले कॉमेडियन राजू श्रीवास्‍तव आज इस दुनिया को अलविदा कह गए।  उनके निधन की खबर से पूरे देश में शोक व्‍याप्‍त है। उन्‍होंने स्‍टेज पर तो सबको हंसाया इसके अलावा वे असल जिंदगी में भी बहुत जिंदादिल इंसान थे।  उनकी प्रोफेशनल जिंदगी से तो सभी वाकिफ हैं। लेकिन उनके निजी जीवन के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं।  जिंगदी न जाने इंसान से क्‍या-क्‍या करवाती है। उन्‍होंने भी कभी ऑटो चलाई तो कभी मिमिक्री कर कमाए थे 50 रूपए। तो आइए जानते है, कैसा रहा राजू श्रीवास्‍तव व्‍यक्तित्‍व, उनके कनकहे कुछ किस्‍से..

कैसा था राजू श्रीवास्‍तव व्‍यक्तित्‍व ?

क्‍या था असली नाम ?

आपको यह जानकर आश्‍चर्य होगा कि, राजू श्रीवास्‍तव का असली नाम राजू नहीं बल्कि सत्‍यप्रकाश श्रीवास्‍तव था। जो कानपुर के एक मध्‍यम वर्गीय परिवार में जन्‍में थे। लोग उनके फेमस किरदार के कारण ‘गजोधर भैया’ के नाम से भी बुलाते थे। उनके पिता रमेश चंद्र श्रीवास्‍तव कानपुर के एक जाने-माने कवि थे। जो बलई काका के नाम से प्रसिद्ध थे।

बचपन से कॉमेडियन बनने का था सपना:

राजू श्रीवास्‍तव को बचपन से ही मिमिक्री का बहुत शौक था। एक इंटरव्‍यू के दौरान उन्‍होंने बताया था कि, उनके स्‍कूल प्रिंसिपल ने हमेशा ही उनके मिमिक्री प्रतिभा को प्रोत्‍साहित किया था। बहुत लोग उनकी मिमिक्री की हंसी उड़ाते थे लेकिन प्रिंसिपल ने कभी उनका साथ नहीं छोंड़ा। वे कई बार अपने आस-पास के क्रिकेट मैच में कमेंटेटरी भी किया करते थे।

संघर्षपूर्ण रहा राजू श्रीवास्‍तव व्‍यक्तित्‍व:

साल 1982 में राजू श्रीवास्‍तव अपने किरदार की तलाश में मुंबई पहुंच गए। इस मायानगरी में शुरू हुआ उनका असली संघर्ष। शुरूआती दिनों में अपना गुजारा करने के लिए राजू को ऑटो चलाना तथा और भी छोटे-छोटे किरदार निभाने पड़े थे। इसके बाद उन्‍होंने कई फिल्‍मों में छोटे मोटे रोल किए।

कैसी थी उनकी प्रेम कहानी ?

राजू की प्रेम कहानी जानकर आपको बहुत आश्‍चर्य होगा कि,  उन्‍होंने अपनी पत्‍नी शिखा से शादी करने के लिए 12 सालों का लंबा इंतजार किया था। उनकी वास्‍तविक प्रेम कहानी भी फिल्‍मी ही जान पड़ती है। साल 1993 में राजू और शिखा ने शादी कर ली। उनके दो बच्‍चे अंतरा एवं आयुष्‍मान हैं।

द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज से मिली ‘गजोधर भैया’ की पहचान:

साल 2005 में राजू ने स्‍टार वन पर प्रसारित होने वाले शो द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज में हिस्‍सा लिया। जिसमें वे उप-विजेता रहे। हालांकि, इस शो ने ही उन्‍हें कॉमेडी की दुनिया का बादशाह बनाया। इस शो के बाद उन्‍हें सब लोग ‘गजोधर भइया’ के नाम से जानने लगे।

50 रूपए में की थी अमिताभ की मिमिक्री:

राजू बचपन से ही अमिताभ बच्‍चन के बहुत बड़े फैन थे। अमिताभ की एक्टिंग का उनके जीवन पर बहुत असर रहा है। उन्‍होंने अमिताभ की तरह एक्टिंग करना, उठना-बैठना, बोलना सब शुरू कर दिया । उन्‍हें अमिताभ बच्‍चन की मिमिक्री के लिए पहली बार 50 रूपये का पुरस्‍कार भी मिला था।  उन्‍होंने अपने करियर की शुरूआत ही बिग-बी की मिमिक्री से की थी।

कैसे रखा बॉलीवुड में कदम:

उन्‍होंने बॉलीवुड में अनिल कपूर की फिल्‍म ‘तेजाब’ के जरिए कदम रखा था। इसके बाद सलमान खान की फिल्‍म मैंने प्‍यार किया, बाजीगर, आमदनी अठन्‍नी खर्चा रूपइया, वाह तेरा क्‍या कहना, मैं प्रेम की दीवानी हूं जैसी फिल्‍मों में अभिनय किया और बॉलीवुड में अपनी छाप छोंड़ गए।

बिग-बॉस का हिस्‍सा भी रहे श्रीवास्‍तव:

राजू श्रीवास्‍तव कॉमेडी के अलावा भी कई जगहों पर हाथ आजमाया था। उन्‍होंने टीवी के मशहूर रियलिटी शो बिगबॉस-3 में भी भाग लिया था। इसके बाद वो कॉमेडी शो महामुकाबला सीजन-6 और नच बलिए जैसे शो में भी नजर आए थे।

राजनीति में भी आजमाया  हाथ:

कॉमेडी किंग राजू श्रीवास्‍तव कॉमेडी के बाद राजनीति में भी हाथ आजमाया था। साल 2014 में उन्‍हें समाजवादी पार्टी ने कानपुर से लोकसभा का टिकट दिया। लेकिन, इसके बाद उन्‍होंने टिकट वापस कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्‍हें स्‍वच्‍छ भारत मिशन का चेहरा भी बनाया था।

इंदिरा गॉंधी और मोदी की मिमिक्री:

बचपन से ही उनमें कॉमेडी कूट-कूटकर भरी थी। राजू ने बचपन में ही अपने पिता को देखकर मन बना लिया था कि वे भी स्‍टेज पर परफार्म करेंगे। जब वे इंदिरा गांधी की आवाज रेडियो पर सुनते तो उनकी नकल करते थे। उन्‍होंने  इंदिरा गांधी की आवाज से ही मिमिक्री करना शुरू किया था।  उन्‍होंने एक कार्यक्रम के दौरान वादा किया था कि, मैं मोदी की आवाज की कोशिश कर रहा हूं, जल्‍द ही लोगों को मोदी का  किरदार निभाता दिखूंगा।

उनके बच्‍चे भी मोरंजन जगत का हिस्‍सा:

राजू श्रीवास्‍तव की बेटी अंतरा भी अपने पिता की ही तरह टैलेंटेड है। वह पेशे से डायरेक्‍टर है, उन्‍होंने फुल्‍लू, पलटन, द जॉब,  पटाखा और स्‍पीड डायल जैसी फिल्‍में की हैं। तो  वहीं राजू के बेटे आयुष्‍मान भी एक सितार वादक हैं। वे अक्‍सर अपने पापा के साथ शोज में भी नजर आते रहते थे।

 

 

 

 

 

Kusum
I am a Hindi content writer.

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