असम-मेघालय बॉर्डर पर हिंसा: एक बार फिर ‘असम-मेघालय बॉर्डर पर हिंसा’ भड़कने की खबर सामने आई है। इस झड़प में 6 लोगों की मौत हो गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने आज दावा किया कि मेघालय के ग्रामीणों के एक समूह ने असम के पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले में एक बन कार्यालय में तोड़फोड़ कर आग लगा दी है। जिसके चलते असम-मेघालय सीमा पर विवाद पर छिड़ गया। असम-मेघालय विवाद पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रतिक्रिया देते हुए बोले कि अंतर्राज्जीय सीमा पर हाल ही में स्थानीय लोगों और वन रक्षकों के बीच झड़पें हुई हैं, लेकिन यह घटना दोनों राज्यों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद से बिल्कुल भी संबंधित नहीं है।
क्या है पूरा मामला ?
मेघालय के पश्चिम जयंतिया हिल्स जिले के मुकरोह गांव के निवासी मंगलवार की रात चाकू, छड़ और लाठियां लेकर असम के खेरोनी फॉरेस्ट रेंज के तहत अंतर्राज्यीय सीमा पर स्थित एक बीट कार्यालय में संगठित हुए और ढ़ांचे में आग लगा दी। अधिकारियों ने कहा कि भीड़ ने वन कार्यालय में तोड़फोड़ की और परिसर में फर्नीचर, दस्तावेज और मोदरसाइकिल जैसी संपत्तियों को आग लगा दिया। एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी PTI को बताया कि, वहां तैनात वनकर्मियों के अभी तक किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।
हिंसा में 6 लोगों की मौत :
असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद को लेकर मंगलवार को हुई फाइरिंग में 6 लोगों की जान चली गई। असम सीएम हेमंत सोरेन ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रूपये का मुआवजा देने की बात कही है। असम के CM हेमंत बिस्वा ने बताया कि इस मामले की जांच CBI को सौंप दी गई है।
असम CM हेमंत ने दी प्रतिक्रिया :
असम-मेघालय बॉर्डर पर हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए असम सीएम कहते हैं कि, दोनों राज्यों की सीमा शांतिपूर्ण है। अंतर्राज्यीय सीमा पर हाल ही में स्थानीय लोगों और वन रक्षकों के बीच झड़प हुई है, लेकिन यह घटना पूर्वोत्तर के दोनों राज्यों के बीच लंबे समय से चली आ रही सीमा विवाद मामले से बिल्कुल भी संबंध नहीं रखती। उन्होंने आगे कहा, ‘मैं मेघालय के मुख्यमंत्री के संपर्क में हूं, असम-मेघालय सीमा शांति पूर्ण हैं और यह हमेशा शांतिपर्ण रही है’। मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा है कि वन अधिकारियों ने बल का इस्तेमाल किया है, ऐसा नहीं होना चाहिए था।
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